मुख्यमंत्री का ऊर्जा के अक्षय स्रोतों के विकास पर बल


मुख्यमंत्री का ऊर्जा के अक्षय स्रोतों के विकास पर बल
मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने सौर, ताप तथा पवन ऊर्जा जैसे ऊर्जा के अक्षय स्रोतों के विकास पर बल दिया है। मुख्यमंत्री आज शिमला के पीटरहाफ मेें हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरशन लिमिटेड तथा सतलुज बेसिन में जल विद्युत उत्पादक फोरम द्वारा आयोजित वार्षिक व्याख्यान माला के तीसरे व्याख्यान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में उपलब्ध समुचित चिन्हित जलविद्युत के राज्य, संयुक्त तथा निजी क्षेत्र में दोहन के लिए प्रभावी पग उठाए जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन किया जा सके। उन्होंने कहा कि सौर तथा पवन ऊर्जा के वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में उत्पादन की व्यापक संभावनाएं उपलब्ध हैं और यह ताप ऊर्जा के साथ इनके उपयोग से ऊर्जा की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि अभी तक राज्य में कुल उपलब्ध जल विद्युत क्षमता में से केवल 6500 मैगावाट जलविद्युत का दोहन ही किया जा सका है, जबकि वर्ष 2012 तक 12 हजार मैगावाट जलविद्युत के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में उपलब्ध जलविद्युत क्षमता के दोहन के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि न केवल राज्य बल्कि समुचे उत्तरी भारत की ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। उन्होंने उपभोक्ताओं को गुणात्मक ऊर्जा आपूर्ति की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को समुचित निर्बाध विद्युत आपूर्ति, उचित वोल्टेज, स्वच्छ ऊर्जा, ट्रांसफारमर फेलियर में कमी, विद्युत आपूर्ति की तुरंत बहाली, खराब उपकरणों को शीघ्र बदलना और उपभोक्ताओं को नये कुनैक्शन तुरंत उपलब्ध करवाना आवश्यक है ताकि ऊर्जा उत्पादकों की विश्वसनीयता बनी रहे।

प्रो. धूमल ने कहा कि संचारण प्रणाली को सुदृढ़ किया जाना चाहिए और राज्य में मजबूत तथा एकीकृत ऊर्जा प्रणाली के विकास के लिए दक्ष तथा संयुक्त प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के गुणात्मक ऊर्जा आपूर्ति के प्रतिस्पर्धात्मक तथा संचारण एवं वितरण में कम से कम नुकसान समय की मांग है। विद्युत की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और इसे पूरा करने के लिए जल, सौर, पवन और जैविक स्रोतों का समुचित दोहन आवश्यक है। 21वीं सदी में भारत विश्व नेता बनकर उभरेगा और ऐसे सभी प्रयास इस उद्देश्य को पूरा करने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने ऊर्जा के व्यर्थ उपयोग के संबंध में जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा को बचाना आवश्यक है ताकि जरूरी कार्यों में इसका बेहतर उपयोग सुनिश्चित बनाया जा सके। ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उन्होंने आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने तीन साल की अल्पावधि में विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने के लिए हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लि0 प्रबंधन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार परियोजनाओं के आवंटन में कारपोरशन को वरियता दे रही है और कारपोरेशन परियोजनाओं के आवंटन के लिए स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों के साथ प्रतियोगिता कर रही है। उन्होंने आशा जताई कि कारपोरेशन का विकास तेज गति से होगा और यह अपनी परियोजनाओं को समय सीमा में पूरा करेगी। उन्होंने मुख्य वक्ता केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष श्री एच.एल.बजाज का राज्य में पधारने पर स्वागत किया तथा आशा जताई कि देश की इस प्रख्यात हस्ती के अनुभव से पावर इंजीनियर लाभान्वित होंगे। उन्होंने कारपोरेशन द्वारा आयोजित व्याख्यान माला में भाग लेने तथा

राष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा क्षेत्र के संबंध में प्रस्तुतीकरण देने के संबंध में श्री एच.एल.बजाज का धन्यवाद किया।

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष तथा केंद्र सरकार में एक्स-आफिशियो सचिव श्री एच.एल.बजाज ने इस अवसर पर देश में ऊर्जा की स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में उच्च स्तर पर व्यवसायिक बने रहने तथा अपनी विश्वसनीयता कायम रखने के लिए प्रदेश के पावर इंजीनियरों को बधाई दी। उन्होंने ऊर्जा बचाने के लिए प्रदेश के घरेलु उपभोक्ताओं को निःशुल्क सीएफएल बल्ब उपलब्ध करवाने के राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध करवाने की असीमित संभावनाएं हैं और इस संभावना का पर्यावरण संरक्षण के साथ दोहन किया जाना चाहिए। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें वर्ष 2012 तक सभी को विद्युत उपलब्ध करवाना शामिल है। उन्होंने व्यवसायिक रूप से बने रहने के लिए ऊर्जा संगठनों के पुनर्गठन पर भी बल दिया। उन्होंने प्रतियोगिता तथा पारदर्शिता के साथ उत्पादकों और उपभोक्ताओं के हितों को सुनिश्चित बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सफल ऊर्जा बाजार और इसके नियमन के लिए यह आवश्यक है।

हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक श्री तरूण कपूर ने कारपोरेशन के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पधारने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। निगम की कार्यप्रणाली के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि कारपोरेशन 3025 मैगावाट की कुल परियोजनाओं के निष्पादन के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के रानीगंज में संयुक्त उपक्रम 500 मैगावाट की ताप परियोजना का निष्पादन भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि पायलेट परियोजना के आधार पर सौर ऊर्जा के विकास के लिए ग्रिड कुनैक्टिड दो स्थानों का चयन कर लिया गया है और पवन ऊर्जा की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कारपोरेशन राष्ट्रीय तथा राज्य नीतियों के अनुसार पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रख रहा है।

सतलुज बेसिन में जल विद्युत उत्पादकों की फोरम के महासचिव श्री सी.एम. वालिया ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया।

हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लि. के निदेशक श्री बी.एस.नेगी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

पूर्व सांसद श्री कृपाल परमार, मुख्य सचिव श्रीमती राजवंत संधू, हि0प्र0 राज्य विद्युत बोर्ड लि0 के मुख्य प्रबंध निदेशक श्री सुभाष नेगी, अन्य पावर इंजीनियर और वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न ऊर्जा उत्पादन कम्पनियों के प्रतिनिधि इस अवसर पर उपस्थित थे।

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