नगर पंचायत की भूल ने सडक़ पर ला खड़ा कर दिया दुकानदारों को
ज्वालामुखी 20 दिसंबर (बिजेन्दर) । नगर पंचायत की भूल ने सडक़ पर ला खड़ा कर दिया दुकानदारों को । बस अड्डïे के पास की फ्रूट मार्किट का भविष्य अधर में है । चूंकि अब यह जमीन नेशनल हाईवे के अधीन आ गई है । नगर के बीचों - बीच शिमला धर्मशाला राष्टï्रीय राजमार्ग गुजरता है । यहां एक ओर फल बेचने वालों की मार्किट है । यह लोग नगर पंचायत के किरायेदार हैं । लेकिन अब तस्वीर बदल गई है । चूंकि अब यह भू- भाग नेशनल हाईवे में आ जाएगा । लोक निर्माण विभाग के हाईवे विंग ने पिछले दिलों भू अधिग्रहण अधिनियम के तहत बाकायदा एक नोटिस दिया था । जिसमें विभिन्न खसरा नम्बरों में काबिज लोगों से जबाब मांगा गया था कि इस प्रक्रिया से उन्हें कोई ऐतराज हो तो दो माह में दायर करें । लेकिन नगर पंचायत दो माह तक हाथ पर हाथ धरे बैठी रही व जबाब दायर नहीं हो पाया । गौरतलब है कि नगर से हाईवे गुजरने की सूरत में कुछ अवैध कब्जे हटेंगे तो कुद जमीनों का अधिग्रहण होगा । इसके लिए सेक् शन छह के तहत नोटिस दिया गया । तकनीकी व कानूनी नजरिये से अब सडक़ के दाई व बाई ओर राजस्व महकमें की दखलंदाजी खत्म हो गई व हाईवे के अधिकार क्षेत्र में यह आ गया । हालांकि ज्वालामुखी मे बाईपास बनने की मांग अर्सें से उठ रही है व केन्द्रीय भून्तल परिवहन मंत्रालय ने मांग को खारिज कर दिया है । नई प्रक्रिया से दुकानदारों में चिंताये बढ़ी हैं । सीधे तौर पर फ्रूट मार्किट के करीब बीस व पोस्ट आफिस के पास दस दुकानदार इसकी जद में आएंगे । यह लोग नगर पंचायत के किरायेदार हैं । दुकानदार हैरान हैं कि इतने साल किराया लेने के बावजूद नगर पंचायत ने उनके मामले में पैरवी तक नहीं की । इन लोगों में नगर पंचायत के रवैये पर खासा रोष है ।
ज्वालामुखी 20 दिसंबर (बिजेन्दर) । नगर पंचायत की भूल ने सडक़ पर ला खड़ा कर दिया दुकानदारों को । बस अड्डïे के पास की फ्रूट मार्किट का भविष्य अधर में है । चूंकि अब यह जमीन नेशनल हाईवे के अधीन आ गई है । नगर के बीचों - बीच शिमला धर्मशाला राष्टï्रीय राजमार्ग गुजरता है । यहां एक ओर फल बेचने वालों की मार्किट है । यह लोग नगर पंचायत के किरायेदार हैं । लेकिन अब तस्वीर बदल गई है । चूंकि अब यह भू- भाग नेशनल हाईवे में आ जाएगा । लोक निर्माण विभाग के हाईवे विंग ने पिछले दिलों भू अधिग्रहण अधिनियम के तहत बाकायदा एक नोटिस दिया था । जिसमें विभिन्न खसरा नम्बरों में काबिज लोगों से जबाब मांगा गया था कि इस प्रक्रिया से उन्हें कोई ऐतराज हो तो दो माह में दायर करें । लेकिन नगर पंचायत दो माह तक हाथ पर हाथ धरे बैठी रही व जबाब दायर नहीं हो पाया । गौरतलब है कि नगर से हाईवे गुजरने की सूरत में कुछ अवैध कब्जे हटेंगे तो कुद जमीनों का अधिग्रहण होगा । इसके लिए सेक् शन छह के तहत नोटिस दिया गया । तकनीकी व कानूनी नजरिये से अब सडक़ के दाई व बाई ओर राजस्व महकमें की दखलंदाजी खत्म हो गई व हाईवे के अधिकार क्षेत्र में यह आ गया । हालांकि ज्वालामुखी मे बाईपास बनने की मांग अर्सें से उठ रही है व केन्द्रीय भून्तल परिवहन मंत्रालय ने मांग को खारिज कर दिया है । नई प्रक्रिया से दुकानदारों में चिंताये बढ़ी हैं । सीधे तौर पर फ्रूट मार्किट के करीब बीस व पोस्ट आफिस के पास दस दुकानदार इसकी जद में आएंगे । यह लोग नगर पंचायत के किरायेदार हैं । दुकानदार हैरान हैं कि इतने साल किराया लेने के बावजूद नगर पंचायत ने उनके मामले में पैरवी तक नहीं की । इन लोगों में नगर पंचायत के रवैये पर खासा रोष है ।