ज्वालामुखी 26 दिसंबर (बिजेन्दर) । ज्वालामुखी नगर पंचायत चुनावों में इस बार चुनावी मैदान में डटे कांग्रेस प्रत्याशियों को अपना प्रचार करने वाले कार्यकर्ता ढूंढे नहीं मिल रहे। जिससे कांग्रेस प्रत्याशियों की नींद हराम है। चुनावी मैदान में कई मुद्दे उभर कर सामने आ रहे हैं। कांग्रेस ने जो पैनल चुनावी मैदान में उतारा उसका हौसला पहले ही दौर में पस्त हो गया है। कांग्रेस ने न तो जातिगत संतुलन बिठाने की कोशिश की न ही उम्मीदवार की जीतने की क्षमता को देखा। प्रधान पद पर उतारी गई अनिल प्रभा पिछला वार्ड पंच का चुनाव हार चुकी हैं। उप प्रधान का चुनाव लड रहे अनीश सूद की बिरादरी के वोट कुल मतों के दस फीसदी हैं। वार्ड नंबर एक में गुज्जर व हरिजन मतदाता ज्यादा हैं। लेकिन कांग्रेस ने यहां एक ऐसा उम्मीदवार मैदान में उतारा है। जिसका अपना वोट उस वार्ड में नहीं है। वार्ड दो में भी यही हाल है यहां भाजपा प्रत्याशी का मुकाबला ही नहीं है। तीन में भी कांग्रेस उम्मीदवार को अपनी ही बिरादरी से चुनौती मिल रही है। चार में कांग्रेस प्रत्याशि पडोसी अंब पठियार पंचायत में रहता है। पांच में कांग्रेस प्रत्याशी का हाल भी ठीक नहीं। छह से चुनाव मैदान में कांग्रेस ने जो प्रत्याशी उतारा है वह अपने लिये वोट नहीं मांग रहा बल्कि एक आजाद प्रत्याशी की तरफदारी कर रहा है। सात में चुनाव लड रहा प्रत्याशी अभी प्रचार में नहीं उतरा है। कांग्रेस की ओर से किसी भी नेता के पास चुनाव की कमान नहीं है। ज्वालामुखी में संगठन चुनाव का फैसला होना अभी बाकी है। जिससे यहां कोई भी कुछ नहीं कर रहा। जबकि भाजपा की ओर से रमेश धवाला रोजाना चुनावों की अपडेट ले रहे हैं। कांग्रेसी असली नकली कांग्रेस की लडाई में मशगूल हैं।