रवि ने किया केंद्रीय मंत्री पर पलटवार
ज्वालामुखी 06 फरवरी (बिजेन्दर शर्मा) । सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री रविंद्र रवि ने केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा तिब्बतियों के मुद्दे पर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री का यह बयान साबित करता है कि उनकी निष्ठाएं न तो भारतीय कानून व्यवस्था के प्रति हैं और न ही राष्ट्र के प्रति हैं। रवि ने कहा कि वीरभद्र सिंह अपनी राजनीति चमकाने की खातिर राष्ट्र के हितों से खिलवाड़ करने पर उतारू हैं।
ज्वालामुखी में पत्रकार सम्ेमलन में रवि ने कहा कि तिब्बत मामले पर प्रदेश सरकार का इतना मकसद है कि सारी हकीकत सामने आए और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे सजा मिले। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मामले की निष्पक्षता से जांच कर रही है और सच्चाई जनता के सामने लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि तिब्बत प्रकरण में प्रदेश सरकार ने किसी को चीनी जासूस नहीं कहा है और न ही इस तरह की कोई बयान जारी किया गया है लेकिन केंद्रीय मंत्री राष्ट्रीय हित से जुड़े से इस मामले में बेबजह अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। श्री रवि ने बेनामी संपतियों के बाबत वीरभद्र सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि धूमल सरकार के कार्यकाल में किसी तरह का कोई बेनामी सौदा नहीं हुआ है और जिन पर सवाल उठाए जा रहे हैं वह सभी वीरभद्र सिंह के कार्यकाल में ही हुए हैं। उन्होंने कहा कि यही कारण हैं कि वीरभद्र सिंह को तिब्बत मामले पर बयानबाजी करनी पड़ रही है।
श्री रवि ने कहा कि गजटियर को राज्य सरकार सार्वजनिक तौर प्रकाशित कर जनता के सामने लाएं ताकि उक्त केंद्रीय मंत्री की हकीकत सबके सामने उजागर हो सके। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह आज तक पंजाब से हिमाचल में शामिल हुए नए इलाकों जिनमें कांगड़ा, हमीरपुर, उना और सोलन शामिल हैं को दिल से स्वीकार नहीं कर पाए हैं।
श्री रवि ने कहा कि जबसे केंद्रीय सरकार ने वीरभद्र सिंह की डिमोशन हुई है वह अपनी भड़ास सूबे में आकर निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक केंद्रीय मंत्री का गैरजिम्मेदाराना बयान अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर असर डाल सकता है। श्री रवि ने साफ किया कि धूमल सरकार निर्वासित तिब्बतियों का सम्मान करती है लेकिन कानून सब के लिए एक जैसे हैं और निष्पक्षता से जांच की जा रही है।
ज्वालामुखी 06 फरवरी (बिजेन्दर शर्मा) । सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री रविंद्र रवि ने केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा तिब्बतियों के मुद्दे पर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री का यह बयान साबित करता है कि उनकी निष्ठाएं न तो भारतीय कानून व्यवस्था के प्रति हैं और न ही राष्ट्र के प्रति हैं। रवि ने कहा कि वीरभद्र सिंह अपनी राजनीति चमकाने की खातिर राष्ट्र के हितों से खिलवाड़ करने पर उतारू हैं।
ज्वालामुखी में पत्रकार सम्ेमलन में रवि ने कहा कि तिब्बत मामले पर प्रदेश सरकार का इतना मकसद है कि सारी हकीकत सामने आए और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे सजा मिले। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मामले की निष्पक्षता से जांच कर रही है और सच्चाई जनता के सामने लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि तिब्बत प्रकरण में प्रदेश सरकार ने किसी को चीनी जासूस नहीं कहा है और न ही इस तरह की कोई बयान जारी किया गया है लेकिन केंद्रीय मंत्री राष्ट्रीय हित से जुड़े से इस मामले में बेबजह अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। श्री रवि ने बेनामी संपतियों के बाबत वीरभद्र सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि धूमल सरकार के कार्यकाल में किसी तरह का कोई बेनामी सौदा नहीं हुआ है और जिन पर सवाल उठाए जा रहे हैं वह सभी वीरभद्र सिंह के कार्यकाल में ही हुए हैं। उन्होंने कहा कि यही कारण हैं कि वीरभद्र सिंह को तिब्बत मामले पर बयानबाजी करनी पड़ रही है।
श्री रवि ने कहा कि गजटियर को राज्य सरकार सार्वजनिक तौर प्रकाशित कर जनता के सामने लाएं ताकि उक्त केंद्रीय मंत्री की हकीकत सबके सामने उजागर हो सके। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह आज तक पंजाब से हिमाचल में शामिल हुए नए इलाकों जिनमें कांगड़ा, हमीरपुर, उना और सोलन शामिल हैं को दिल से स्वीकार नहीं कर पाए हैं।
श्री रवि ने कहा कि जबसे केंद्रीय सरकार ने वीरभद्र सिंह की डिमोशन हुई है वह अपनी भड़ास सूबे में आकर निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक केंद्रीय मंत्री का गैरजिम्मेदाराना बयान अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर असर डाल सकता है। श्री रवि ने साफ किया कि धूमल सरकार निर्वासित तिब्बतियों का सम्मान करती है लेकिन कानून सब के लिए एक जैसे हैं और निष्पक्षता से जांच की जा रही है।