राज्य में उत्कृष्ट केन्द्र स्थापित करने के लिए इज़राईल सरकार से आग्रह
मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने हाल ही में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इज़राईल में अपनाई जा रही कृषि तकनीक की जानकारी प्राप्त करने के लिए वहां का दौरा किया था, ताकि हिमाचल में भी कृषि उत्पादन को बढ़ावा जा सके। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के निर्देशानुसार राज्य के कृषि सचिव श्री रामसुभग सिंह ने इसी कड़ी में आज भारत में इज़राईल के राजदूत श्री मार्क सोफ़र के साथ नयी दिल्ली में विस्तृत विचार-विमर्श किया। बैठक में 70 मिलियन यूएस डाॅलर (353 करोड़ रुपये) की पंडित दीन दयाल किसान-बागवान समृद्धि योजना के कार्यान्वयन पर विचार किया गया। इस योजना के अंतर्गत 14.70 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र पर पाॅलीहाउस निर्मित करने का तथा 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को लघु सिंचाई के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि प्रदेश में कृषि उत्पादन को बढ़ाया जा सके।
कृषि सचिव ने इस अवसर पर इज़राईल के राजदूत को बताया कि इस परियोजना के कार्यान्वयन में इज़राईल की दो कंपनियां नांदन तथा नेटाफिम भी राज्य सरकार को सहयोग दे रही हैं, जिससे परियोजना के उचित दिशा में कार्यान्वयन में सहायता मिली है।
श्री रामसुभग सिंह ने कहा कि राज्य सरकार का मानना है कि इन्फर्टिगेशन तकनीक के माध्यम से और अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने इज़राईल के राजदूत से आग्रह किया कि या तो इज़राईल सरकार इस दिशा में राज्य सरकार की सहायता करे या कुछ विशेषज्ञ एजेंसियों को इस कार्य में लगाया जाए, ताकि प्रदेश सरकार किसानों को इससे लाभान्वित कर सके।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चैधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में ग्रीनहाउस तकनीक के लिए उत्कृष्ट केन्द्र स्थापित करने की इच्छुक है, जहां किसान विश्वविद्यालय सेे सीधा सम्पर्क कर पाएंगे। उन्होंने इज़राईल सरकार से आग्रह किया कि वे उत्कृष्ट केन्द्र के लिए या तो सरकारी स्तर पर विशेषज्ञ उपलब्ध करवाएं या किन्हीं एजेंसियों के माध्यम से इस कार्य के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध करवाने का प्रबन्ध करें, ताकि विश्वविद्यालय में स्थापित होने वाले उत्कृष्ट केन्द्र से किसान लाभान्वित हो सकें।
इज़राईल के राजदूत श्री मार्क सोफर ने कृषि सचिव को विश्वास दिलाया कि वे इस मामले में इज़राईल सरकार से बात करेंगे और यह सुनिश्चित बनाएंगे कि इन प्रस्तावों पर इज़राईल सरकार द्वारा विचार किया जाए।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने भी पंडित दीनदयाल किसान-बागवान समृद्धि योजना के कार्यान्वयन की सराहना की थी। इस योजना के माध्यम से आॅफ सीज़न तथा हरी सब्जियों के उत्पादन से किसानों की आय में आशातीत वृद्धि हुई है। राज्य सरकार पाॅलीहाउस तथा छोटी सिंचाई योजनाओं के निर्माण पर 80 प्रतिशत उपदान और जल स्रोत बनाने के लिए 50 प्रतिशत उपदान प्रदान कर रही है। अभी तक योजना के तहत 7.09 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र को संरक्षित कृषि के अधीन लाया गया है तथा 6 हजार से अधिक पाॅलीहाउस निर्मित किए गए हैं। अभी तक किसानों को 44 करोड़ रुपये उपदान के रूप में प्रदान किए गए हैं, ताकि उनकी आर्थिकी को सुदृढ़ किया जा सके।
मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने हाल ही में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इज़राईल में अपनाई जा रही कृषि तकनीक की जानकारी प्राप्त करने के लिए वहां का दौरा किया था, ताकि हिमाचल में भी कृषि उत्पादन को बढ़ावा जा सके। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के निर्देशानुसार राज्य के कृषि सचिव श्री रामसुभग सिंह ने इसी कड़ी में आज भारत में इज़राईल के राजदूत श्री मार्क सोफ़र के साथ नयी दिल्ली में विस्तृत विचार-विमर्श किया। बैठक में 70 मिलियन यूएस डाॅलर (353 करोड़ रुपये) की पंडित दीन दयाल किसान-बागवान समृद्धि योजना के कार्यान्वयन पर विचार किया गया। इस योजना के अंतर्गत 14.70 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र पर पाॅलीहाउस निर्मित करने का तथा 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को लघु सिंचाई के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि प्रदेश में कृषि उत्पादन को बढ़ाया जा सके।
कृषि सचिव ने इस अवसर पर इज़राईल के राजदूत को बताया कि इस परियोजना के कार्यान्वयन में इज़राईल की दो कंपनियां नांदन तथा नेटाफिम भी राज्य सरकार को सहयोग दे रही हैं, जिससे परियोजना के उचित दिशा में कार्यान्वयन में सहायता मिली है।
श्री रामसुभग सिंह ने कहा कि राज्य सरकार का मानना है कि इन्फर्टिगेशन तकनीक के माध्यम से और अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने इज़राईल के राजदूत से आग्रह किया कि या तो इज़राईल सरकार इस दिशा में राज्य सरकार की सहायता करे या कुछ विशेषज्ञ एजेंसियों को इस कार्य में लगाया जाए, ताकि प्रदेश सरकार किसानों को इससे लाभान्वित कर सके।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चैधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में ग्रीनहाउस तकनीक के लिए उत्कृष्ट केन्द्र स्थापित करने की इच्छुक है, जहां किसान विश्वविद्यालय सेे सीधा सम्पर्क कर पाएंगे। उन्होंने इज़राईल सरकार से आग्रह किया कि वे उत्कृष्ट केन्द्र के लिए या तो सरकारी स्तर पर विशेषज्ञ उपलब्ध करवाएं या किन्हीं एजेंसियों के माध्यम से इस कार्य के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध करवाने का प्रबन्ध करें, ताकि विश्वविद्यालय में स्थापित होने वाले उत्कृष्ट केन्द्र से किसान लाभान्वित हो सकें।
इज़राईल के राजदूत श्री मार्क सोफर ने कृषि सचिव को विश्वास दिलाया कि वे इस मामले में इज़राईल सरकार से बात करेंगे और यह सुनिश्चित बनाएंगे कि इन प्रस्तावों पर इज़राईल सरकार द्वारा विचार किया जाए।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने भी पंडित दीनदयाल किसान-बागवान समृद्धि योजना के कार्यान्वयन की सराहना की थी। इस योजना के माध्यम से आॅफ सीज़न तथा हरी सब्जियों के उत्पादन से किसानों की आय में आशातीत वृद्धि हुई है। राज्य सरकार पाॅलीहाउस तथा छोटी सिंचाई योजनाओं के निर्माण पर 80 प्रतिशत उपदान और जल स्रोत बनाने के लिए 50 प्रतिशत उपदान प्रदान कर रही है। अभी तक योजना के तहत 7.09 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र को संरक्षित कृषि के अधीन लाया गया है तथा 6 हजार से अधिक पाॅलीहाउस निर्मित किए गए हैं। अभी तक किसानों को 44 करोड़ रुपये उपदान के रूप में प्रदान किए गए हैं, ताकि उनकी आर्थिकी को सुदृढ़ किया जा सके।