नई दिल्ली--- |
गैंगरेप का शिकार हुई लड़की की सिंगापुर में मौत के बाद दुख का माहौल बन गया है. जैसे-जैसे लोगों को इसके बारे में पता चल रहा है, लोग दुख प्रकट कर रहे हैं. गैंगरेप पीड़िता की मौत पर विभिन्न लोगों के बयान अब तक आए हैं- इस मामले पर दिल्ली के गंगा राम अस्पताल की डॉक्टर सिमरन नंदी का कहना है कि लड़की को यदि सिंगापुर भेजने की बजाय यहीं रखा जाता तो वह कुछ दिन और हमारे बीच में रह सकती थी. गैंगरेप पीड़ित की मौत पर बॉलीवुड से संदेश आने शुरू हो गए हैं. अमिताभ बच्चन ने लड़की की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है. महिला बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने कहा कि लड़की की मौत पर हमारे भीतर दुख है. उन्होंने कहा कि वे इस बारे में गृहमंत्री से बात करेंगी और इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग करूंगी. भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून बनाने होंगे. तीरथ ने कहा कि पुरुषों को भी आगे आने की जरूरत है. पुरुषों को महिलाओं को मान-सम्मान देना चाहिए. जागरुकता के लिए हम एक नई स्कीम भी लाने जा रहे हैं. आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह बहुत दुखद है. हमें उम्मीद थी कि वह बच जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता. वह सबके दिलों में जिंदा रहेगी, क्योंकि उसने पूरे देश को जगाने का काम किया है. यदि उसे सिंगापुर भेजने का फैसला राजनीतिक था तो यह बहुत गलत था. महिला आयोग की अध्यक्ष ने ममता शर्मा ने श्रद्धांजलि दी और कहा कि लड़की की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें. यह दिन इतिहास में काले शब्दों में लिखा जाएगा. हमें अब उग्र होने की जरूरत नहीं है, हमें शांति बनाए रखने की जरूरत है. कानून में बड़े बदलाव की जरूरत है. यही नहीं कानूनों को लागू करना भी जरूरी है. AIPWA की सेक्रेटरी कविता कृष्णन ने कहा है कि अब पूरी तस्वीर बदलने की जरूरत है. पूरे देश में माहौल बदलना चाहिए. सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद गौर ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा और आजादी नहीं है. इस तरह की घटनाओं की जिम्मेदारी पूरे समाज की है. हमारा राजनीतिक और न्यायिक सिस्टम पूरा इसका जिम्मेदार है. हमारे पास न तो पॉलिटिकल विल है और न ही अंडरस्टैंडिंग है. गौर ने कहा कि मानसिकता बदलने की जरूरत है. गीतकार जावेद अख्तर ने कहा हमें सरकार और पुलिस पर इल्जाम लगाकर पल्ला नहीं झाड़ लेना चाहिये. हर इंसान को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए. यह घटना पूरे समाज को सोचने पर मजबूर करे. बड़ी-बड़ी बातें करने से कुछ नहीं होगा, हमें खुद के गिरेबान में भी झांकना |