राजस्व मामलों में गहरी पकड़ है एडीसी दर्शन कालिया की
सैंकड़ों पेचीदा मामलों को सुलझाकर दिया है प्रशासनिक दक्षता का सबूत
ऊना, 20 दिसंंबर ( ) प्रदेश की प्रशासनिक सेवाओं का लंबा अनुभव रखने वाले ऊना के अतिरिक्त उपायुक्त दर्शन कालिया की राजस्व मामलों में न केवल गहरी पकड़ है बल्कि उनकी गिनती उन अधिकारियों में होती है जो सदैव गरीब के पास में खड़े नजर आते हैं । जनजातीय क्षेत्र काजा से लेकर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर अपनी तैनाती के दौरान उन्होंने जनता को बेहतरीन सेवाएं प्रदान की हैं और सैंकड़ों पेचीदा राजस्व मामलों को सुलझाकर अपनी प्रशासनिक दक्षता का सबूत दिया है। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी दर्शन कालिया जहां भी तैनात रहे हैं, वहीं उन्होंने आम आदमी से बेहतर संवाद स्थापित करके गरीबों की समस्याओं को सुलझाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और आम आदमी को संवेदनशील प्रशासन का बड़ी शिद्दत से अहसास कराया है।
इसी साल फरवरी में ऊना में अतिरिक्त उपायुक्त के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद से अब तक उन्होंने जिला के विकास को गति प्रदान करने और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण रोल अदा किया है। ग्रामीण विकास अभिकरण के अलावा प्लानिंग, पंचायत, राजस्व, कानून व व्यवस्था जैसे दायित्वों का बाखूबी निर्वहन करने वाले एडीसी दर्शन कालिया ने आम आदमी के दिलों में भी गहरी जगह बनाई है । खुशदिल मिजाज दर्शन कालिया अपनी कार्यशैली व सकारात्मक सोच के कारण जिला के अधिकारियों व कर्मचारियों में भी खासे लोकप्रिय हैं। कला, संगीत व साहित्य में भी उनका गहरा दखल है और उनकी निजी लाईब्रेरी में क्लासिक कृतियों का अनमोल संग्रह मौजूद है। बीए एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त दर्शन कालिया की धर्मपत्नी सुंदरनगर स्थित राजकीय महाविद्यालय में प्रोफैसर हैं जबकि दो बेटों में से छोटा बेटा आईआईटी दिल्ली से पास आउट होकर गूगल का एक करोड़ का पैकेज ठुकराते हुए पिट्सबर्ग अमेरिका स्थित विश्व की बेहतरीन यूनिवर्सिटी 'कारनेगी मैलनÓ में पूर्णतया स्कॉलरशिप पर बीटैक के बाद सीधे पीएचडी कर रहा है और बड़ा बेटा कलकत्ता स्थित हिन्द़ुस्तान के अग्रणी ला कालेज से पास होकर 'लकटोपसÓ नाम से अपनी एक बैवसाईट चला रहा है जो इस समय भारत में कानून के विद्यार्थियों के लिए नंबर एक बेवसाईट है।
एडीसी दर्शन कालिया जो पीजीआई चंडीगढ़ में सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव आफिसर जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण व संवेदनशील दायित्व को कुशलता से निभाकर हजारों कर्मियों के बीच अपनी छाप छोड़ चुके हैं। उनके इस कार्यकाल दौरान जिन सैंकड़ों हिमाचलियों की उन्होंने मदद की थी, वे आज भी उन्हें याद करते हैं। दर्शन कालिया ने 1988 में मंडी जिला की कोटली सब तहसील में प्रोबेशन पर नायब तहसीलदार के पद से अपनी सरकारी पारी शुरू की थी । तीन साल मंडी सदर और तीन साल हमीरपुर के भोरंज में तहसीदार का पद संभालने के बाद 1997 में उन्हें हिमाचल प्रशासनिक सेवा में शामिल होने का गौरव हासिल हुआ। रोहडू, गौहर, काजा व आनी में एसडीएम और बिलासपुर में एडीएम व एडीसी रहने के बाद ऊना में अतिरिक्त उपायुक्त के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे दर्शन कालिया कोई फाईल पैंडिंग रखने में यकीन नहीं रखते। प्रशासनिक कार्य तेज गति से निपटाते हुए आम आदमी हमेशा उनके फोकस में रहता है और यही उनकी लोकप्रियता का राज है।