विज्ञान केंद्र 27 माह में होगा जनता को समर्पित : चन्द्रेश

विज्ञान केंद्र 27 माह में होगा जनता को समर्पित : चन्द्रेश
धर्मशाला, 16 फरवरी-
(विजयेन्दर शर्मा) ।   केंद्रीय संस्कृति मंत्री, श्रीमती चंदे्रश कुमारी ने आज पालमपुर में हि0प्र0, कृषि विश्वविद्यालय में उप-क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र की आधारशिला रखी। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि 6 करोड़ रुपए की लागत और 5 एकड़ जमीन में बनने वाले इस केंद्र को 27 माह के भीतर जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। इस विज्ञान केंद्र को स्थापित करने के लिए कार्यरत कमचारियों के वेतन तथा केंद्र के संचालन व रखरखाव के लिए संपूर्ण खर्चा '' केंद्रीय संस्कृति मंत्रालयÓÓ राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय के माध्यम से वहन होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें हिमाचल से विशेष लगाव है और उनके मंत्रालय में कांगड़ा पेटिंग व चम्बा रूमाल जैसे हिमाचली कला को पुनर्जीवित करने के प्रयास तथा मुख्यमंत्री की सलाह पर बिलासपुर के गोबिन्द सागरझ ील में डूबते हुए मंदिरों को दूसरी जगह पुर्नस्थापित करने के प्रयास भी शुरू कर दिए हैं।
उन्होंने आशा जताई कि उप-क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र विद्यार्थियों को विज्ञान व प्रौद्योगिकी के उपयोग की अधिक जानकारी प्राप्त हो सकेगी तथा इससे प्रदेश के आम लोगों में विज्ञान की तरफ वैज्ञानिक रूझान व जागरूकता बढ़ाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि बच्चों को विज्ञान की तरफ प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय नवोन्वेषी परिषद् ने विज्ञान केंद्र में एक विशेष प्रकोष्ठ को मंजूरी दी है जहां बच्चे अपने हाथ से वैज्ञानिक प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने आम जनता से भी आग्रह किया कि वह भी इस केंद्र में विज्ञान के अनूठे पहलुओं के अध्ययन में रूचि लें। श्रीमती चंद्रेश ने विश्वविद्यालय में इस विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए जल्दी हामी भरने तथा उनकी सलाह पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए कुलपित डा0 के$के$ कटोच की भी सराहना की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष, श्री बृज बिहारी लाल बुटेल ने कहा कि वर्तमान समय में विज्ञान की उपयोगिता पर निर्भरता बढ़ रही है और इस क्षेत्र में मौजूद अनुसंधान व शैक्षणिक संस्थानों की विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों को जनता तक पहुंचाने के लिए यह केंद्र सहायता करेगा। प्रदेश को विशेषकर पालमपुर को यह तोहफा देने के लिए उन्होंने मंत्री का आभार प्रकट किया।
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 केके कटोच ने जानकारी दी कि केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने उन्हें विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजन को कहा था और हिमाचल सरकार ने भी इस केंद्र के लिए जमीन देने में पूरी सहायता की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, कृषक समुदाय तथा आम जनता के लिए यह एक केंद्रीयकृत सुविधा स्थल होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की स्थापना उद्योग जगत व जनहित में विज्ञान व प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए हो पाएगी। उन्होंने क्षेत्र में विज्ञान केंद्र खोलने के लिए केंद्रीय मंत्री का धन्यवाद किया और इस परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
इस मौके पर संस्कृति मंत्रालय में सयुक्त सचिव, पीके जैन ने कहा कि मौके पर तत्काल प्रशिक्षण देना, इस केंद्र का केंद्र बिन्दू होगा। उन्होंने कहा कि देश में पहाड़ी राज्यों में पहली बार इस तरह का केंद्र स्थापित होगा।
राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद के महानिदेशक डा0 जीएस रौटेला ने जानकारी देते हुए कहा कि देश में इस समय 46 विज्ञान केंद्र स्थापित हो चुके हैं जिनमें अधिकतर दक्षिणी भारत में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि 15 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में बनने वाले इस केंद्र में एक प्लानेटोरियम भी होगा जो नवयुवकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा। उन्होंने बताया कि यहां विद्यार्थियों, तकनीशियनों, विज्ञान अध्यापकों, शारारिक रूप से अक्षम लोगों, गृहणियों व अन्य लोगों के विज्ञान, प्रौद्योगिकी व उद्योगों से संबंधित विशेष विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होंगे।
राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली के निदेशक डा0 ई$रमा सरमा ने जानकारी दी कि इस केंद्र से हिमाचल प्रदेश के लोागों में विज्ञान की तरफ वैज्ञानिक रूझान व जागरूकता बढ़ाने में सहायता मिलेगी तथा केंद्र की स्थापना से विद्यार्थियों के लाभ के लिए विज्ञान व प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने में भी सहायता मिलेगी और प्रदर्शनी, सैमीनार, व्याख्यान, विज्ञान शिविर व अन्य दूसरे कार्यक्रमों के द्वारा क्षेत्र के आम लोग भी इससे लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि इससे संग्रहालयों में प्रदर्शित की जाने वाली वस्तुओं की डिजाईनिंग, विकास व प्रदर्शन के लिए वैज्ञानिक शिक्षण सहायक सामग्री विकसित करने में भी सहायता मिलेगी।
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् के महानिदेशक डॉ0 जीएस रौटेला ने विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में विद्यार्थियों तथा कर्मचारियों को एक व्याख्यान दिया।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव श्री जगजीवन पाल, विधायक श्री किशोरी लाल, भूतपूर्व सांसद श्री चन्द्र कुमार, भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक अरूण शर्मा, प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, जिला व स्थानीय प्रशासन के अधिकारी तथा विश्वविद्यालय के कर्मचारी व विद्यार्थियों सहित स्थानीय लोग भी उपस्थित थे।
BIJENDER SHARMA

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