हिमाचल में पहली बार हो रहा ग्रासरूट प्रोग्राम, देश भर के फुटबॉल कोच लेंगे प्रशिक्षण


हिमाचल में पहली बार हो रहा ग्रासरूट प्रोग्राम, देश भर के फुटबॉल कोच लेंगे प्रशिक्षण

ऊना, ,अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) के दिशा-दिर्नेश पर हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ (एचपीएफए) प्रदेश में पहली बार ग्रास रूट प्रोग्राम कोर्स करवाने जा रहा है। इसके लिए एचपीएफए ने जिला ऊना के इंदिरा ग्राऊंड को चुना है। यहां पर जिला फुटबॉल संघ के सहयोग से यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का तीन दिवसीय कोर्स  २१ से २३ फरवरी के बीच आयोजित करवाया जा रहा है। कोर्स करवाने के लिए अखिल भारतीय फुटबॉल संघ की ग्रासरूट विशेषज्ञ सुश्री अंजना तुरांबेकर विशेष तौर पर आ रही हैं। कोर्स के शुभारंभ मौके पर हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के ओएसडी श्री अमित पाल सिंह भी उपस्थित रहेंगे। इस दौरान वह प्रदेश फुटबॉल संघ द्वारा आयोजित की जा रही गतिविधियों पर भी प्रकाश डालेंगे। प्रदेश फुटबॉल संघ के महासचिव श्री दीपक शर्मा ने बताया कि ग्रास रूट प्रोग्राम कोर्स के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में पहली बार हो रहे इस कोर्स के लिए सभी फुटबॉल खेल प्रशिक्षक काफी उत्साहित हैं। आने वाले समय में यह कोर्स फुटबॉल प्रशिक्षकों के अलावा छोटे बच्चों के भविष्य के लिए भी काफी कारगर सिद्ध होगा। श्री शर्मा ने बताया कि इस कोर्स को करने के लिए देश भर से करीब ३५ (महिला तथा पुरुष) फुटबॉल कोच भाग लेंगे। तीन दिवसीय कोर्स के दौरान फुटबॉल खेल प्रशिक्षकों को दो सेशन में ट्रेनिंग दी जाएगी। सुबह के सत्र में थियोरीकली तथा शाम के सत्र में प्रैक्टीकली प्रशिक्षण दिया जाएगा।

क्या होंगे फायदे
ग्रास रूट प्रोग्राम कोर्स प्राप्त करने वाले कोच अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर ६ से १२ आयु वर्ग के बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे। इससे भविष्य में बच्चों को फुटबॉल की तकनीकी बारीकियों से रूबरू करवाया जाएगा। आने वाले समय में हिमाचल समते अन्य उत्तर भारतीय प्रदेशों से ज्यादा से फुटबॉल खिलाड़ी तैयार किए जा सकेंगे। फुटबॉल संघ का मानना है कि ६ से १२ की आयु के बच्चों में सीखने की जज्बा ज्यादा रहता है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए एआईएफएफ ने देश भर इस प्रोग्राम को शुरू करने का निर्णय लिया है।

ग्रासरूट कोर्स का उद्देश्य
अखिल भारतीय फुटबॉल संघ ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं खासकर बच्चों पर फोकस करके यह कोर्स करवा रहा है। इससे छोटे बच्चों में फुटबॉल खेल को लोकप्रिय बनाने और उन्हें इसकी बारीकियां बताने के उद्देश्य से करवाया जा रहा है। ग्रासरूट कोर्स प्राप्त कोच ६ से १२ साल की उम्र के बच्चों को फुटबॉल खेल की बारीकियां बताएंगे। उन्हें इस दौरान खेल, मनोरंजन और स्वास्थ्य के प्रति सजग किया जाएगा। बच्चों में खेलों के प्रति रूचि पैदा करना भी एआईएफफ का उद्देश्य है। ताकि बच्चों मोबाइल तथा कंप्यूटर गेम्स के बीच न भागकर मैदानी खेलों के प्रति जागरूक हों और अपने सुनैहरे भविष्य का सपना साकार कर सकें।

BIJENDER SHARMA

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