राहुल की रैली फलाप करार

राहुल की रैली फलाप करार
हमीरपुर , 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) । प्रो0 प्रेम कुमार धूमल, पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष एवं बरिष्ठ नेता भाजपा ने एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा कि आज धर्मषाला में कांग्रेस की रैली पूरी तरह से विफल हो गई है। बहुत शोर था कि मोदी की रैली का जबाव धर्मषाला से देंगे लेकिन यह रैली टांय-टांय फिष हो गई । पंडाल में खाली कुर्सियां और उपस्थित लोगों के उदास चेहरे कांग्रेस की भविष्य की स्पष्ट झलक दिखा रही थी।सत्ता का पूरा दुरूपयोग करते हुये सरकारी कर्मचारियों को दफतर के समय के दौरान रैली में ले जाकर भी पंडाल भरा नही जा सका, कुर्सियां खाली रहीं। निजी स्कूलों के बच्चे भी अपनी उपस्थिति से कमी को पूरा नही कर सके। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने भूतपूर्व सैनिकों के मुद्दे का बड़ा जिक्र किया चह भल गये कि सैनिकों और भूतपूर्व सैनिकों की मुख्य समस्याओं का कारण कांग्रेस पार्टी रही है। क्या सैनिक इस इतिहास को नहीं जानते कि स्वतंत्रता के वाद कोग्रेस के ही एक बड़े नेता ने कहा था कि सेना की अब आवष्यकता ही नही है, हम तो शान्ति प्रिय देष हैं।1948 में जब भारतीय सेना कुछ ही घन्टो में सारा काष्मीर वापिस लेने का दावा कर रही थी, तब युद्धविराम की घोषणा किसने की ? उसके परिणास्वरूप आज तक कितने लोग शहीद हो चुके हैं ?हाल ही में प्रकाषित 1962 के युद्ध की रिर्पोट के अनुसार पराजय के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू को दोषी ठहराया गया है।1971 के युद्ध में जो 93 हजार पाकिस्तानी युद्धवन्दी बनाये गये थे, उनको बिना शर्त षिमला समझौते के अन्तर्गत किसने रिहा किया था ? कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण युद्ध से ज्यादा लोग तथाकथित शान्ति के दिनों में मारे गये हैं।क्या सैनिक और भूतपूर्व सैनिक कभी इस अपमान को भूल सकेंगे कि हमारे वीर सैनिकों के सिर काट कर दुष्मन ले गये लेकिन 125 करोड़ के देष की कांग्रेस सरकार न सिर वापिस ला सकी ना मूद्दा उठा सकी।''वन रैंक वन पैन्षन'' का मामला संसद में उठाने का सौभाग्य हमें प्राप्त है और भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याषी श्री नरेन्द्र मोदी ने भूतपूर्व सैनिकों को ''वन रैंक वन पैन्षन'' देने की रिबाड़ी की रैली में घोषणा कर दी तब आनन-फानन में कांग्रेस सरकार की ओर से आधी अधूरी घोषणा बिना पूरा बजट का प्रावधान किये  कर दी गई और रक्षामंत्री को मानना पड़ा कि अभी ''वन रैंक वन पैन्षन'' पूरी तरह लागू नही होगी। सभी भूतपूर्व सैनिक यह जानना चाहते हैं कि 60 वर्षों तक भारत पर राज करने वाली कांग्रेस ने''वन रैंक वन पैन्षन'' के मुद्दे की इतने वर्षों तक क्यों अनदेखी की और अचानक उन्हें भूतपूर्व सैनिकों का दर्द कैसे याद आ गया ? क्या यह केवल चुनाव के कारण ही घोषणा नहीं की गई ? भूतपूर्व सैनिक जानना चाहते हैं कि गत एक वर्ष से भारतीय नेवी में कितनी दुर्घटनायें हुई हैं और कितने वीर अधिकारी और नौसैनिक शहीद हुये हैं।



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**VijyenderSharma*, Press Correspondent Bohan Dehra Road  JAWALAMUKHI-176031, Kangra HP(INDIA)*
 
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