धर्मशाला, 08 जुलाई। (विजयेन्दर शर्मा)। तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह के निधन पर बृहस्पतिवार को दुख जताया। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का लंबी बीमारी के बाद बृहस्पतिवार को तड़के यहां निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। इंदिरा गांधी चिकित्सा कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर जनक राज ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने तड़के 3.40 बजे अस्पताल में अंतिम सांस ली। दलाई लामा ने सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को संबोधित पत्र में लिखा, ''दूसरों की सेवा में स्वयं को समर्पित करने वाले वीरभद्र सिंह ने एक लंबा और अर्थपूर्ण जीवन जिया।
जिस तरह वह जनता की जरूरतों को गहरी हमदर्दी और लगाव के साथ सुनते थे, उसकी मैं सराहना करता हूं। हम एक दूसरे को कई वर्षों से जानते थे और इस मित्रता में उन्होंने मेरे प्रति जो गर्मजोशी दिखाई उसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से आभारी हूं।'' सिंह शिमला जिले में बुशहर के शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे। दलाई लामा ने कहा, ''इतिहास गवाह है, पूर्ववर्ती रियासत बुशहर जिससे 'राजा साहब' आते हैं, वहां के लोगों और उनके पड़ोसी पश्चिम तिब्बत के लोगों के बीच लंबे समय से करीबी संबंध रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''यहां हिमाचल प्रदेश में, सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हमारे श्री वीरभद्र सिंह को कमी बहुत खलेगी।
जिस तरह वह जनता की जरूरतों को गहरी हमदर्दी और लगाव के साथ सुनते थे, उसकी मैं सराहना करता हूं। हम एक दूसरे को कई वर्षों से जानते थे और इस मित्रता में उन्होंने मेरे प्रति जो गर्मजोशी दिखाई उसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से आभारी हूं।'' सिंह शिमला जिले में बुशहर के शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे। दलाई लामा ने कहा, ''इतिहास गवाह है, पूर्ववर्ती रियासत बुशहर जिससे 'राजा साहब' आते हैं, वहां के लोगों और उनके पड़ोसी पश्चिम तिब्बत के लोगों के बीच लंबे समय से करीबी संबंध रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''यहां हिमाचल प्रदेश में, सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हमारे श्री वीरभद्र सिंह को कमी बहुत खलेगी।