कांग्रेस सिविल अस्पताल ज्वालामुखी को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देगी
ज्वालामुखी 27 अगस्त (विजयेन्दर शर्मा) । सिविल अस्पताल के निर्माण को लेकर भाजपा व कांग्रेस आमने सामने हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका को निरस्त करते हुये सरकार को निर्माण कार्य जल्द शुरू करने का आदेश दिया है।
पूर्व विधायक संजय रतन ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा की भाजपा सिविल अस्पताल ज्वालामुखी भवन निर्माण मामले में राजनीति कर रही है और कांग्रेस सिविल अस्पताल ज्वालामुखी को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से ही अस्पताल भवन के निर्माण की विरोधी रही है कांग्रेस पार्टी ने ज्वालामुखी बस अड्डे के पास से अस्पताल को शिफ्ट किया था ताकि जनता को सुविधाएं मिल सकें उसके बाद अस्पताल का दर्जा बड़ा कर के पहले 50 बेड और उसके बाद सो बेड का किया गया।
उन्होंने अपने कार्यकाल में ही अस्पताल के लिए भवन निर्माण को 10 करोड़ 54 लाख स्वीकृत करवाएं और टैंर्ड के बाद ठेकेदार का काम भी शुरू हो गया परंतु भाजपा ने सत्ता में आते ही ना केवल काम को रुकवा दिया बल्कि हमारी सरकार द्वारा बनाए गए भवन के साइट प्लान को भी बदल दिया जिस वजह से भवन निर्माण का कार्य लगभग 4 साल लेट हो गया स्थानीय विधायक ने अस्पताल भवन को वापस शिफ्ट करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया यहां पर मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री व अधिकारियों के निरीक्षण करवाए गए परंतु स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की टीम ने यहां निरीक्षण किया और दोनों साइटों पर जाकर उन्होंने सरकार को रिपोर्ट पेश की की मौजूदा स्थान पर ही भवन बन सकेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस समर्थित कुछ जनप्रतिनिधियों के माध्यम से उन्हें माननीय उच्च न्यायालय में जाकर याचिका दायर करनी पड़ी ताकि अस्पताल को वापस पुराने स्थान पर स्थानांतरित ना किया जाए उन्होंने कहा कि हम माननीय उच्च न्यायालय के भी धन्यवाद करते हैं जिन्होंने अस्पताल के भवन को मौजूदा अस्पताल परिसर में ही बनवाने को आदेश दिए हैं उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि शीघ्र अस्पताल के भवन का निर्माण शुरू किया जाए ताकि क्षेत्र के लोगों के अलावा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भी इसका लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता और कार्यकर्ता अस्पताल के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और इसे राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने दिया जाएगा उन्होंने आरोप लगाया कि जिस अस्पताल को कांग्रेस शासनकाल में 10 करोड़ 54 लाख में बनाया जा रहा था आज वह भाजपा की लापरवाही की वजह से 14 करोड़ 25 लाख में बनाया जा रहा है उसमें साडे तीन करोड़ अतिरिक्त लग रहा है वह जनता का पैसा है जिसे कुछ लोगों के स्वार्थ की खातिर बर्बाद किया गया है आवश्यक हुआ तो इसकी विजिलेंस जांच भी करवाई जाएगी उन्होंने कहा की केंद्रीय विश्वविद्यालय देहरा और ज्वालामुखी अस्पताल दोनों में भाजपा नेताओं ने राजनीति करके लोगों को गुमराह किया है जिस वजह से दोनों संस्था राजनीति की बलि चढ़े रही हैं जिसे सहन नहीं किया जाएगा। यदि आवश्यक हुआ तो कांग्रेस संघर्ष का मार्ग अपनाने पर भी विवश हो सकती है
इस मौके पर ज्वालामुखी के कांग्रेसी नेता ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन दीपक चौहान नगर परिषद ज्वालामुखी के अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा जिला पार्षद सीमा देवी कांग्रेसी नेता उत्तमचंद राजेंद्र राणा ज्ञानेश्वर दत्त व अन्य कई नेता मौजूद थे
ज्वालामुखी 27 अगस्त (विजयेन्दर शर्मा) । सिविल अस्पताल के निर्माण को लेकर भाजपा व कांग्रेस आमने सामने हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका को निरस्त करते हुये सरकार को निर्माण कार्य जल्द शुरू करने का आदेश दिया है।
पूर्व विधायक संजय रतन ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा की भाजपा सिविल अस्पताल ज्वालामुखी भवन निर्माण मामले में राजनीति कर रही है और कांग्रेस सिविल अस्पताल ज्वालामुखी को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से ही अस्पताल भवन के निर्माण की विरोधी रही है कांग्रेस पार्टी ने ज्वालामुखी बस अड्डे के पास से अस्पताल को शिफ्ट किया था ताकि जनता को सुविधाएं मिल सकें उसके बाद अस्पताल का दर्जा बड़ा कर के पहले 50 बेड और उसके बाद सो बेड का किया गया।
उन्होंने अपने कार्यकाल में ही अस्पताल के लिए भवन निर्माण को 10 करोड़ 54 लाख स्वीकृत करवाएं और टैंर्ड के बाद ठेकेदार का काम भी शुरू हो गया परंतु भाजपा ने सत्ता में आते ही ना केवल काम को रुकवा दिया बल्कि हमारी सरकार द्वारा बनाए गए भवन के साइट प्लान को भी बदल दिया जिस वजह से भवन निर्माण का कार्य लगभग 4 साल लेट हो गया स्थानीय विधायक ने अस्पताल भवन को वापस शिफ्ट करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया यहां पर मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री व अधिकारियों के निरीक्षण करवाए गए परंतु स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की टीम ने यहां निरीक्षण किया और दोनों साइटों पर जाकर उन्होंने सरकार को रिपोर्ट पेश की की मौजूदा स्थान पर ही भवन बन सकेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस समर्थित कुछ जनप्रतिनिधियों के माध्यम से उन्हें माननीय उच्च न्यायालय में जाकर याचिका दायर करनी पड़ी ताकि अस्पताल को वापस पुराने स्थान पर स्थानांतरित ना किया जाए उन्होंने कहा कि हम माननीय उच्च न्यायालय के भी धन्यवाद करते हैं जिन्होंने अस्पताल के भवन को मौजूदा अस्पताल परिसर में ही बनवाने को आदेश दिए हैं उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि शीघ्र अस्पताल के भवन का निर्माण शुरू किया जाए ताकि क्षेत्र के लोगों के अलावा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भी इसका लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता और कार्यकर्ता अस्पताल के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और इसे राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने दिया जाएगा उन्होंने आरोप लगाया कि जिस अस्पताल को कांग्रेस शासनकाल में 10 करोड़ 54 लाख में बनाया जा रहा था आज वह भाजपा की लापरवाही की वजह से 14 करोड़ 25 लाख में बनाया जा रहा है उसमें साडे तीन करोड़ अतिरिक्त लग रहा है वह जनता का पैसा है जिसे कुछ लोगों के स्वार्थ की खातिर बर्बाद किया गया है आवश्यक हुआ तो इसकी विजिलेंस जांच भी करवाई जाएगी उन्होंने कहा की केंद्रीय विश्वविद्यालय देहरा और ज्वालामुखी अस्पताल दोनों में भाजपा नेताओं ने राजनीति करके लोगों को गुमराह किया है जिस वजह से दोनों संस्था राजनीति की बलि चढ़े रही हैं जिसे सहन नहीं किया जाएगा। यदि आवश्यक हुआ तो कांग्रेस संघर्ष का मार्ग अपनाने पर भी विवश हो सकती है
इस मौके पर ज्वालामुखी के कांग्रेसी नेता ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन दीपक चौहान नगर परिषद ज्वालामुखी के अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा जिला पार्षद सीमा देवी कांग्रेसी नेता उत्तमचंद राजेंद्र राणा ज्ञानेश्वर दत्त व अन्य कई नेता मौजूद थे