*कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता बोले- OLX सरकार बन चुकी है मोदी सरकार*
धर्मशाला, 27 अगस्त (विजयेन्दर शर्मा) । देश के 21 हवाई अड्डे,31 बंदरगाह परियोजनाएं,2700 किलोमीटर के हाईवे,400 रेलवे स्टेशन,150 ट्रेनें,5000 मेगावाट पनबिजली-सौर ऊर्जा एवम पवन ऊर्जा परियोजनाएं,43,200 किलोमीटर ट्रांसमीटर नेटवर्क मोदी सरकार ने बेच दिए हैं।राष्ट्रीय परिसम्पत्तियों की यह खुली लूट देश में भविष्य में 40 करोड़ लोगों को बेरोजगार कर देगी।
यह बात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने आज कही।उन्होंने कहा कि देश में बड़े बड़े राष्ट्रीय उपक्रम इसी लिए स्थापित किए गए थे कि खुले बाजार में किसी का भी एकाधिकार खत्म हो सके।जनता की गाढ़ी कमाई से पिछले 70 वर्षों में राष्ट्रीयकरण के रूप में बड़ी बड़ी परिसम्पत्तियों की स्थापना हुई जिनमें करोड़ों लोगों को रोज़गार प्राप्त हुआ लेकिन मोदी सरकार ने अपने चन्द मित्रों को निजी फायदा देने के उद्देश्य से इन बहुमूल्य परिसम्पत्तियों को बेच दिया।यह राष्ट्रीय स्तर पर देश का बड़ा नुकसान है।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार की इस मित्रीकरण की साजिश से आने वाले समय में 40 करोड़ लोगों के बेरोजगार होने का आंकलन सयुंक्त राष्ट्र संघ ने किया है।दीपक शर्मा ने कहा कि देश में किसी भी क्षेत्र में निजी कम्पनियों का एकाधिकार न बने इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए कांग्रेस ने इन राष्ट्रीय परिसम्पत्तियों का निर्माण किया था।यह परिसम्पत्तियां आज देश का गौरव हैं और आर्थिकी में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।दीपक शर्मा ने कहा कि रेलवे देश की गरीब जनता के लिए भाग्य रेखा के समान है,इसका निजीकरण करने से जहां करोड़ों लोग बेरोज़गार होंगे वहीं गरीब लोगों के लिए रेल सफर करना भी दूभर हो जाएगा।उन्होंने कहा कि जो सरकारी उपक्रम लाभ में चल रहे हैं उनका भी निजीकरण करके मात्र मोदी सरकार मित्रों को लाभ देने चाहती है।कांग्रेस नेता ने कहा कि स्व.प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण करके साहूकारी प्रथा से निजात दिलाई थी लेकिन आज दो दर्जन के करीब बैंक भी मोदी सरकार के कार्यकाल में बन्द हो चुके हैं।उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए यह नीति घातक है।इससे भविष्य में न केवल आर्थिक संकट बढ़ेगा बल्कि बेरोजगारी की समस्या भी विकराल रूप में बढ़ेगी।दीपक शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार की राष्ट्रीय सम्पतियों के मित्रीकरण की इस योजना का कड़ा विरोध करती है और देश की सम्पतियों को चन्द निजी हाथों में बिकने नहीं देगी।