तकनीकी विश्वविद्यालय में हुआ महाघोटाला-सीबीआई जांच हो-कांग्रेस
धर्मशाला, 01 अगस्त (विजयेन्दर शर्मा) । स्थित तकनीकी विश्वविद्यालय में बड़े स्तर पर भ्र्ष्टाचार होने का खुलासा हुआ है।यह जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि मिली जानकारी के अनुसार 2019 में एक डिजिटल सॉफ्टवेयर की 2.50 करोड़ की खरीद की गई।जिस पुणे की कम्पनी का दो बार टेंडर रिजेक्ट हुआ था उसी कम्पनी को तीसरी बार 2019 में टेंडर दिया गया और सॉफ्टवेयर की कीमत जो कि 2.5 करोड़ थी,दे दी गई।हैरानी की बात यह है कि उक्त सॉफ्टवेयर विश्वविद्यालय में स्थापित ही नहीं हुआ,सॉफ्टवेयर अभी तैयार हो रहा बताया गया है और कम्पनी को दिसंबर2020 में AMC (एनुअल मेंटिनेंस चार्जेस) के रूप में भी पेमेंट कर दी गई।यही नहीं बिना उपकरण के एक साल के मेंटिनेंस चार्जेज़ भी कम्पनी को दे दिए गए।यह सॉफ्टवेयर ऑनलाइन परीक्षाओं, प्रवेश आदि के लिए बनाने की योजना थी।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस बड़े अधिकारी ने इस सारे कारनामे को अंजाम दिया उसे अब इससे भी बड़े संस्थान में नियुक्ति दे दी गई है।इससे साफ जाहिर होता है कि इस भृष्टाचारी अधिकारी को सत्ता का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।अगर इस मामले पर सरकार ने सीबीआई जांच नहीं करवाई तो कांग्रेस तकनीकी विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन करने के लिए वाद्य होगी।सरकार इस मामले पर मौन धारण किए हुए है।सरकार के संरक्षण में भृष्टाचारी फलफूल रहे हैं।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय में खर्च किए गए पिछले चार साल के धन की भी जांच होनी चाहिए।बहुत बड़े स्तर पर भ्र्ष्टाचार किया गया है। कार्यालय को सजाने संवारने में लाखों रुपए खर्च किए गए हैं।बाज़ार भाव से चार गुणा महंगे दामों पर फर्नीचर खरीदा गया है।यही नहीं करोड़ों रुपए खर्च करके दो वेब स्टूडियो बनाये गए हैं जो कि सफेद हाथी बन कर खड़े हैं।छात्रों को आजतक इसका कोई लाभ नहीं हुआ है।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कोई भी अधिकारी इस तरह भ्र्ष्टाचार तबतक नहीं कर सकता जबतक उसे सत्ता का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त न हो।अतः इस सारे मामले की सीबीआई से जांच होनी चाहिए और उक्त अधिकारी की सम्पत्तियों की ईडी से जांच होनी चाहिए।दीपक शर्मा ने कहा कि यह छात्रों के हक के ऊपर डाका डालने के समान है।सरकारी धन की लूट है।अतः इसकी जांच करवाई जाए।उन्होंने कहा कि उक्त अधिकारी यह न भूलें की अगर सरकारी संरक्षण की वजह से मामला दबाया जाता है तो एक साल बाद कांग्रेस की सरकार आने के बाद दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।कांग्रेस इन सब मामलों को बेनकाब करेगी।
धर्मशाला, 01 अगस्त (विजयेन्दर शर्मा) । स्थित तकनीकी विश्वविद्यालय में बड़े स्तर पर भ्र्ष्टाचार होने का खुलासा हुआ है।यह जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि मिली जानकारी के अनुसार 2019 में एक डिजिटल सॉफ्टवेयर की 2.50 करोड़ की खरीद की गई।जिस पुणे की कम्पनी का दो बार टेंडर रिजेक्ट हुआ था उसी कम्पनी को तीसरी बार 2019 में टेंडर दिया गया और सॉफ्टवेयर की कीमत जो कि 2.5 करोड़ थी,दे दी गई।हैरानी की बात यह है कि उक्त सॉफ्टवेयर विश्वविद्यालय में स्थापित ही नहीं हुआ,सॉफ्टवेयर अभी तैयार हो रहा बताया गया है और कम्पनी को दिसंबर2020 में AMC (एनुअल मेंटिनेंस चार्जेस) के रूप में भी पेमेंट कर दी गई।यही नहीं बिना उपकरण के एक साल के मेंटिनेंस चार्जेज़ भी कम्पनी को दे दिए गए।यह सॉफ्टवेयर ऑनलाइन परीक्षाओं, प्रवेश आदि के लिए बनाने की योजना थी।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस बड़े अधिकारी ने इस सारे कारनामे को अंजाम दिया उसे अब इससे भी बड़े संस्थान में नियुक्ति दे दी गई है।इससे साफ जाहिर होता है कि इस भृष्टाचारी अधिकारी को सत्ता का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।अगर इस मामले पर सरकार ने सीबीआई जांच नहीं करवाई तो कांग्रेस तकनीकी विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन करने के लिए वाद्य होगी।सरकार इस मामले पर मौन धारण किए हुए है।सरकार के संरक्षण में भृष्टाचारी फलफूल रहे हैं।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय में खर्च किए गए पिछले चार साल के धन की भी जांच होनी चाहिए।बहुत बड़े स्तर पर भ्र्ष्टाचार किया गया है। कार्यालय को सजाने संवारने में लाखों रुपए खर्च किए गए हैं।बाज़ार भाव से चार गुणा महंगे दामों पर फर्नीचर खरीदा गया है।यही नहीं करोड़ों रुपए खर्च करके दो वेब स्टूडियो बनाये गए हैं जो कि सफेद हाथी बन कर खड़े हैं।छात्रों को आजतक इसका कोई लाभ नहीं हुआ है।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कोई भी अधिकारी इस तरह भ्र्ष्टाचार तबतक नहीं कर सकता जबतक उसे सत्ता का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त न हो।अतः इस सारे मामले की सीबीआई से जांच होनी चाहिए और उक्त अधिकारी की सम्पत्तियों की ईडी से जांच होनी चाहिए।दीपक शर्मा ने कहा कि यह छात्रों के हक के ऊपर डाका डालने के समान है।सरकारी धन की लूट है।अतः इसकी जांच करवाई जाए।उन्होंने कहा कि उक्त अधिकारी यह न भूलें की अगर सरकारी संरक्षण की वजह से मामला दबाया जाता है तो एक साल बाद कांग्रेस की सरकार आने के बाद दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।कांग्रेस इन सब मामलों को बेनकाब करेगी।