बाल अधिकारों के लिए आपसी समन्वय दिखाएं विभाग और संस्थाएं: वंदना योगी


     बाल अधिकारों के लिए आपसी समन्वय दिखाएं विभाग और संस्थाएं: वंदना योगी
       कहा...... बच्चों को अपने अधिकारों व कर्तव्यों बारे जागरूक करना आवश्यक

  धर्मशाला, 06 अगस्त (विजयेन्दर शर्मा)   ।  खंड विकास कार्यालय के सभागार में आज बाल सरंक्षण से जुड़े हितधारकों  के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वंदना योगी ने बतौर मुख्यातिथि शिरक्त की। यह कार्यशाला बाल अधिकार सरंक्षण आयोग हिमाचल प्रदेश तथा निदेशालय, महिला एवं बाल विकास के दिशा-निर्देशों अनुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी व जिला बाल सरंक्षण इकाई कांगड़ा द्वारा आयाोजित की गई।
  राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वंदना योगी ने कहा कि बच्चों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने तथा उनके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभाग और संस्थाएं आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। उन्होंने किशोर न्याय, विशेष किशोर इकाई, चाइल्ड हेल्पलाइन को आपस में समन्वय बनाकर रखने व बच्चों से आधारित कोई भी मामलों में कोई दिक्कत पेश आने पर जिला बाल सरंक्षण अधिकारी को तुरंत सूचित करने को कहा। उन्होंने चिन्ता जाहिर की कि जिन विषयों के ऊपर हम सामान्य तौर पर बात भी नहीं करना चाहते, उन्हीं विषयों से हमें प्रति दिन जूझना पड़ता है क्योंकि यह विषय हमारी दिनचर्या के हिस्सा बन गये हैं। उन्होंने कहा कि जिस देश में धरती मां, गंगा मां की पूजा की जाती है उसी देश में छोटी-छोटी बच्चियां अपने घर में भी सुरक्षित नहीं हैं।
  वंदना योगी ने कहा कि बच्चों को अपने अधिकारों व कर्तव्यों बारे जागरूक करना आवश्यक है। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा जिला बाल सरंक्षण अधिकारी को जिला में पंचायत स्तर पर अधिक से अधिक जागरूकता शिविर का आयोजन करने के निर्देश दिये ताकि आम जनता को बाल अधिकार व बाल शोषण के बारे में जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि जब जनता जागरूक हो जाएगी तो एक अच्छा समाज बनाने में अवश्य ही सक्षम होंगे।
  उन्होेंने कहा कि बच्चे ही देश का भविष्य हैं और इन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के अलावा बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण अधिनियम बनाए गये हैं। इनका लाभ सभी बच्चों को मिलना चाहिए। इस अवसर पर जिला पोक्सो एक्ट, किशोर न्याय अधिनियम, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल श्रम और चाइल्ड हेल्पलाइन से सम्बन्धित मामलों पर विस्तार से चर्चा की।
  इस अवसर पर रिसोर्स पर्सन एडवोकेट नीतिका शर्मा ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड 2015)के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देखभाल और सरंक्षण वाले बालकों के लिए सभी हितधारकों को मिलकर किशोर न्याय अधिनियिम के प्रावधानों को धरातल पर उतारना होगा जिसमें कोई बच्चा असहाय या लाचार ना रहे।
  रिसोर्स पर्सन अतिरिक्त जिला न्यायाधीश कृष्ण कुमार द्वारा लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण(पोक्सो एक्ट 2012 अधिनियम 2019)की पूर्ण जानकारी दी गई। इस सम्बन्ध में सभी पुलिस अधिकारियों को जानकारी देते हुए बताया कि पोक्सो के मामलों में पुलिस को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब भी ऐसे बालकों के सामने जाना हो तो वर्दी का उपयोग करने से बचें तथा बच्चों से सामान्य एवं सरल भाषा में पेश आएं।
  रिसोर्स पर्सन मानव अधिकार व बाल श्रम निषेध अधिनियम पर हिमाचल प्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग के सदस्य अवतार चंद डोगरा द्वारा विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि बाल श्रम निषेध कानून में 2016 में एडोलसेंट लेबर को शामिल किया गया। जिसमें बच्चा अपने परिवार के काम में सहयोग कर सकता है।
  रिसोर्स पर्सन उप पुलिस अधीक्षक ज्वाली सिद्धार्थ शर्मा द्वारा बाल विवाह, मानव तस्करी व साइवर क्राइम पर विस्तृत जानकारी दी गई।
  इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी रणजीत सिंह, जिला बाल सरंक्षण अधिकारी राजेश कुमार, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष चमेली मेहरा, संस्थागत सरंक्षण अधिकारी रीता शर्मा, विधि परीवीक्षा अधिकारी रूमा, बाल सरंक्षण से जुड़े हितधारकों जैसे सभी पुलिस थानों से विशेष किशोर पुलिस इकाई(एसजेपीयू) के बाल कल्याण अधिकारी, जिला के सभी बाल गृहों के अधीक्षक, चाइल्ड हैल्पलाइन , बाल कल्याण समिति तथा किशोर न्याय बोर्ड, बच्चों के क्षेत्र में काम कर रहे सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों व उप निदेशक, प्राथमिक व उच्च शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि मौजूद थे।
BIJENDER SHARMA

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