हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया


   धर्मशाला, 21  सितम्बर (विजयेन्दर शर्मा)    । हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ज्वालामुखी के तहत अधवानी गांव में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन कर स्टोन क्रशर स्थापित करने के मामले में मुख्य सचिव व वन सचिव सहित सदस्य सचिव राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एचओएफएफ), कांगड़ा के उपायुक्त और उपमंडल मजिस्ट्रेट ज्वालामुखी को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने ग्राम अधवानी के निवासियों की ओर से मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर संज्ञान लेने वाली याचिका पर यह आदेश पारित किया।

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि ज्ञान चंद नाम की फर्म ग्रामीणों के विरोध के बावजूद गांव में स्टोन क्रशर स्थापित कर रही है और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानदंडों का पालन किए बिना इसे जबरन स्थापित कर रही है। लोगों का कहना है कि वहां उनके अपने घर हैं और खेती की भूमि और मवेशियों के लिए चरने की जमीन भी है। स्टोन क्रशर के स्थापित होने से पैदा होने वाली धूल और प्रदूषण से सभी लोगों को नुकसान पहुंचेगा। इससे ग्रामीणों की भूमि के आसपास पेड़ खत्म हो जाएंगे।याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि नियमों का उल्लंघन कर स्टोन क्रशर लगाया जा रहा है और इसकी दूरी सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल से 1000 मीटर से कम और बावड़ी से 100 मीटर से भी कम है। इसके अलावा आबादी से 500 मीटर के भीतर क्रशर लगाया जा रहा है। उन्होंने प्रार्थना की है कि ग्रामीणों के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए और आने वाली पीढिय़ों को पर्यावरणीय क्षरण के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए स्टोन क्रेशर को स्थापित न होने दिया जाए। कोर्ट ने प्रतिवादी ज्ञान चंद को भी नोटिस जारी किया।


BIJENDER SHARMA

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