जिला स्तरीय यशपाल जयंती के उपलक्ष्य पर कवि सम्मेलन का आयोजन
धर्मशाला, 03 दिसम्बर (विजयेन्दर शर्मा) । : जिला भाषा अधिकारी सुरेश राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला कांगड़ा द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव ''जिला स्तरीय यशपाल जयंती के उपलक्ष्य पर कवि सम्मेलन का आयोजन राज मन्दिर नेरटी रैत में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. प्रत्यूष गुलेरी ने की। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में एसडीएम शाहपुर डॉ. मुरारी लाल शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विभिन्न भाषीय साहित्यकारों व कवियों ने भाग लिया और अपनी कविताएं हिंदी व पहाड़ी भाषा में प्रस्तुत कीं ।
डॉ. सुशील कुमार फुल ने यशपाल जी के जीवन परिचय तथा उनके साहित्य पर प्रकाश डाला कि कैसे यशपाल जी ने अपने जीवन में संघर्ष किया। श्री गोपाल शर्मा ने अपनी कविता(कम्मो बड़ा खराब कम कमंांदा नी) ''कोई कुछ भी बोैलेे मने ने लगान्दा नी, से अपने भाव प्रकट किए । नवोदित कवित्री दीक्षा देवी ने मां पर अपनी कुछ पंक्तियां यूं बयान की । ''एक मां की यह कहानी है, जो आप सभी को सुनानी हैे''। मां ने था धारण जब गर्भ किया अपने बच्चे का स्पर्श महसूस किया'' ।
कार्यक्रम में अदिति गुलेरी, सुरेश भारद्वाज, शंकर सन्याल, शिव सन्याल, दुर्गेश नंदन, ओम प्रकाश प्रभाकर, आनंद स्वरूप धीमान, उज्जवल सिंह, अश्विनी धीमान, हरिकृष्ण मुरारी, कश्मीर सिंह, प्रताप जरयाल, रमेश मस्ताना, सरोज परमार, पवनेन्द्र पवन, युगल डोगरा, नवीन शर्मा, रेणु कुमारी व कृतिका धीमान तथा वरिष्ठ नवोदित कवियों ने अपनी कविताओं से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई ।
कार्यक्रम के अंत में जिला भाषा अधिकारी श्री सुरेश राणा ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व अन्य कवियों व गणमान्य का कार्यक्रम में आने पर स्वागत व धन्यवाद किया।
धर्मशाला, 03 दिसम्बर (विजयेन्दर शर्मा) । : जिला भाषा अधिकारी सुरेश राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला कांगड़ा द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव ''जिला स्तरीय यशपाल जयंती के उपलक्ष्य पर कवि सम्मेलन का आयोजन राज मन्दिर नेरटी रैत में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. प्रत्यूष गुलेरी ने की। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में एसडीएम शाहपुर डॉ. मुरारी लाल शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विभिन्न भाषीय साहित्यकारों व कवियों ने भाग लिया और अपनी कविताएं हिंदी व पहाड़ी भाषा में प्रस्तुत कीं ।
डॉ. सुशील कुमार फुल ने यशपाल जी के जीवन परिचय तथा उनके साहित्य पर प्रकाश डाला कि कैसे यशपाल जी ने अपने जीवन में संघर्ष किया। श्री गोपाल शर्मा ने अपनी कविता(कम्मो बड़ा खराब कम कमंांदा नी) ''कोई कुछ भी बोैलेे मने ने लगान्दा नी, से अपने भाव प्रकट किए । नवोदित कवित्री दीक्षा देवी ने मां पर अपनी कुछ पंक्तियां यूं बयान की । ''एक मां की यह कहानी है, जो आप सभी को सुनानी हैे''। मां ने था धारण जब गर्भ किया अपने बच्चे का स्पर्श महसूस किया'' ।
कार्यक्रम में अदिति गुलेरी, सुरेश भारद्वाज, शंकर सन्याल, शिव सन्याल, दुर्गेश नंदन, ओम प्रकाश प्रभाकर, आनंद स्वरूप धीमान, उज्जवल सिंह, अश्विनी धीमान, हरिकृष्ण मुरारी, कश्मीर सिंह, प्रताप जरयाल, रमेश मस्ताना, सरोज परमार, पवनेन्द्र पवन, युगल डोगरा, नवीन शर्मा, रेणु कुमारी व कृतिका धीमान तथा वरिष्ठ नवोदित कवियों ने अपनी कविताओं से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई ।
कार्यक्रम के अंत में जिला भाषा अधिकारी श्री सुरेश राणा ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व अन्य कवियों व गणमान्य का कार्यक्रम में आने पर स्वागत व धन्यवाद किया।