सामाजिक न्याय के लिए समर्पित मोदी सरकार : भाजपा
• एससी , एसटी और ओबीसी का किया सर्वांगीण विकास
• कांग्रेस ने समय समय पर बाबा साहब अबेदकर का अपमान किया
• भाजपा ने दिया बाबा साहब को सम्मान , बाबासाहब को भारत रत्न 1990 में तब मिला जब भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित सरकार केंद्र में बनी
धर्मशाला, 15 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा ) । भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल और त्रिलोक कपूर ने कहा की बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की जयंती भाजपा ने 74 मंडलों में 157 स्थानों पर मनाई उन्होंने कहा की सामाजिक समरसता के सिद्धान्त को आधार मानकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहां अनुसूचित जाति , जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग को संवैधानिक सुरक्षा देने की दिशा में उपाय किए । वहीं आवास , शिक्षा , चिकित्सा और रोजगार के क्षेत्र में तमाम प्रावधान बनाकर दलित और शोषित समाज को सशक्त बनाने का काम किया ।
भाजपा नेताओं ने कहा की प्रधानमंत्री मोदी ने ' ईज ऑफ लिविंग का विचार दिया , ताकि भेदभाव से मुक्त समाज में पिछड़े लोगों को बुनियादी सुविधाएं शीघ्र और सस्ती दर पर उपलब्ध करायी जा सके । अब दलितों और गरीबों को भी लगने लगा है कि वास्तव में उनके लिए काम किया जा रहा है ।
सामाजिक न्याय पखवाड़े में आज यह उल्लेख करना जरूरी है कि प्रधानमंत्री मोदी ने किस तरह सामाजिक सद्भाव के माध्यम से वंचित तबकों के सपने को साकार किया है और उनमें नई आकांक्षाएं पैदा की हैं ।
उन्होंने कहा की कांग्रेस ने समय समय पर बाबा साहब अबेदकर का अपमान किया है, कांग्रेस पार्टी ने हमेशा बाबा साहब को दलित नेता कहकर एक दायरे में समेटने की कोशिश की है, कांग्रेस की ये कोशिश रही है कि उनका कद किसी नेहरू - गांधी परिवार के समकक्ष भी खड़ा नहीं हो पाए ।
उन्होंने कहा की कांग्रेस ने उन्हें दो बार लोकसभा चुनावों में हरवाने की साजिश रची थी, बाबासाहेब प्रारंभ से ही अखंड भारत के पक्ष में थे । बाबा साहेब ने बंटवारे के लिए तैयार महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के साथ जिन्ना का भी पुरजोर विरोध किया ।
उनकी पुस्तक " थॉट्स ऑन पाकिस्तान " में इसका पूरा विवरण है , जिसमें उन्होंने लिखा है कि मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के चलते कांग्रेस ने देश का बंटवारा कर डाला ।
भाजपा ने कहा की बाबासाहेब का यह स्पष्ट मानना था कि जब धार्मिक आधार पर बंटवारा हो चुका है , तब पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं को भारत आ जाना चाहिए था । उन्होंने यह भी आशंका जताई थी कि धर्म के आधार पर के बंटवारे से हिंदुओं को गंभीर क्षति पहुंचेगी और ऐसा हुआ भी था । उन्होंने कहा की कांग्रेस ने बाबासाहेब के प्रति बेहद अपमानजनक रवैया अपनाते हुये संविधान सभा में भेजे गए प्रारंभिक 296 सदस्यों में उन्हें जगह तक नहीं दी थी । विभाजन के विषय में यह तय हुआ था कि जिन क्षेत्रों में हिंदू जनसंख्या 51 % से अधिक है , वे क्षेत्र भारत में सम्मिलित किये जायेंगे । इसके बाद भी कांग्रेस ने बंगाल के खुलना - जैसोर को 71 % हिंदू बहुल वाला क्षेत्र होने के बाद भी पाकिस्तान को सौंप दिया और तब बाबासाहेब तकनीकी तौर पर पाकिस्तानी संविधान सभा के सदस्य माने गये थे । बाद में बाबासाहेब बंबई राज्य से एमएस जयकर द्वारा खाली की गई सीट से चुनकर भारतीय संविधान सभा में पहुंच पाये थे । कांग्रेस ने अपनी सकरार में बाबा साहब का तैल चित्र भी संसद में नहीं लगने दिया ।
भाजपा नेताओं ने कहा की भाजपा ने दिया बाबा साहब को सम्मान , बाबासाहब को भारत रत्न 1990 में तब मिला जब भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित सरकार केंद्र में बनी । 1989 में जब भारतीय जनता पार्टी की समर्थित राष्ट्रीय मोर्चा सरकार बनी तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने पहल कर संसद के केंद्रीय कक्ष में बाबा साहेब का चित्र शामिल कराया ।