*समाज के लिये योगदान देने वालों की स्मृति में बनेंगे स्मारक : परमार*
*परिवार की मैजूदगी में चौधरी सरवन कुमार की प्रतिमा का किया अनावरण*
पालमपुर, 8 मई:(विजयेन्दर शर्मा ) । - विधान सभा अध्यक्ष, विपिन सिंह परमार ने कहा कि सुलाह निर्वाचन क्षेत्र से सम्बंधित समाज के लिये अमूल्य योगदान देने वाली विभूतियों का सम्मान और उनके योगदान को याद रखने के लिये स्मारक बनाये जा रहे हैं। ताकि युवा और आने वाली पीढ़ी के लिये यह प्रेरणा स्त्रोत बने और उनके योगदान को याद किया जा सके।
विधान सभा अध्यक्ष ने रविवार को ग्राम पंचायत सिहोटू के अटियालदाई में पूर्व विधान सभा अध्यक्ष चौधरी सरवन कुमार की प्रतिमा का आवरण उनके परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में किया। चौधरी सरवन कुमार मलोग गांव के रहने वाले थे और दो बार विधान सभा के लिये पालमपुर से निर्वाचित हुए। वे 1977 से 1982 तक विधान सभा अध्यक्ष और स्वास्थ्य तथा आवकारी एवं कराधान मंत्री रहे।
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि समाज के लिये योगदान देने वाली विभूतियां हमेशा लोगों के दिलों दिमाग के रहती है और समाज के लिये प्रेरणा का केंद्र होती है। उन्होंने कहा कि सुलाह से सम्बंधित ऐसी विभूतियों के स्मारक बनाने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि कालू दी हट्टी में भारतीय सेना के तीन शहीदों की स्मृति स्मारक बनाया गया है। उन्होंने कहा कि अच्छरु दा भरो से चंम्बी चीडन तक लगभग 20 किलो मीटर सड़क का निर्माण अपने बलबूते पर बनाने वाले चौधरी गैंदा राम के योगदान के लिये अच्छरु दा भरो से चंम्बी चीडन कहानफट सड़क का नाम उनके नाम पर किया गया है। उनकी स्मृति में भी एक विशाल द्वार भी बनाया जा रहा है।
परमार ने कहा कि पूर्व मंत्री राणा मान चन्द ईमानदारी का प्रतीक थे और उनका योगदान भी समाज के लिये सराहनीय रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी स्मृति में भी उनके पैतृक स्थान भौरा में विशाल गेट बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परौर निवासी रीना चौधरी का पुल नहीं होने की वजह से न्यूगल नदी में बह गई थी और मृत्यु का ग्रास बनी। उन्होंने कहा कि इसी स्थान पर चार करोड़ से पुल का निर्माण कर इसका नामांकरण रीना चौधरी सेतू किया गया है।
परमार ने कहा कि चौधरी तारा चन्द गगल पंचायत के 25 वर्ष तक प्रधान रहे और इलाके के विकास के लिये बहुत योगदान उनका रहा।उन्होंने कहा कि गगल में चौधरी तारा चन्द की प्रतिमा स्थापित करने के साथ स्मृति द्वार भी बनाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि चौधरी सरवन कुमार ईमानदारी तथा सादगी के प्रतीक थे। वे सिहोटू के प्रधान, समिति सदस्य और ज़िला परिषद सदस्य रहे। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने प्रदेश के सबसे बड़े कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर का नामांकरण चौधरी सरवन कुमार के नाम पर किया। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अटियालादाई का नामांकरण भी चौधरी सरवन कुमार के नाम पर किया गया है। उन्होंने विद्यालय के अध्यापकों से ऐसी महान विभूतियों का ज्ञान छात्रों से सांझा करने का भी आह्वान किया ताकि लोगों को अपने क्षेत्र से संबंधित लोगों की जानकारी प्राप्त हो और उनका अनुशरण कर सकें।
*भाजपा सरकारों ने ही किया पिछड़ा वर्ग का सम्मान : सुरेश चौधरी*
इससे पहले चौधरी सरवन कुमार के सुपुत्र सेवानिवृत्त सेशन जज सुरेश चौधरी ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग का सम्मान भाजपा सरकारों के कार्यकाल में ही हुआ है। उन्होंने विधान सभा अध्यक्ष, विपिन सिंह परमार का इलाके महान विभूतियों जिन्होंने समाज के लिये योगदान दिया है उन्हें सम्मान देने की सराहना की।
कार्यक्रम में चौधरी सरवन कुमार के पुत्र नरेश चौधरी,विजय चौधरी,विनोद चौधरी , कमल चौधरी, विक्रम चौधरी,शशि चौधरी और शशि देवी, रुद्राक्ष चौधरी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त मंडल अध्यक्ष देश राज शर्मा, ज़िला परिषद सदस्य रजनी देवी, बीडीसी अध्यक्ष अनिता चौधरी और कुसुम लता चौधरी, अन्य पिछड़ा आयोग अध्यक्ष शिव चरण चौधरी, सिहोटू की प्रधान पंकज चौधरी, उपप्रधान डॉ किशोर, कश्मीर चन्द, अमर चंद चौधरी, संदीप अंगारिया ,त्रिलोक चौधरी, नौरा के प्रधान विकास धीमान, डरोह के प्रधान पंकज चौधरी सहित विभिन्न विभागों अधिकारी और क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।