जसवां परागपुर की राजनीति में इस बार समाज सेवा से जुडे लोग राजनीति के मैदान में किस्मत आजमाने जा रहे हैं


परागपुर   25 जुलाई  ( विजयेन्दर शर्मा )   जसवां परागपुर की राजनीति में इस बार समाज सेवा से जुड़े लोग राजनीति के मैदान में किस्मत आजमाने जा रहे हैं। एक ओर भाजपा और संघ परिवार की पृष्ठभूमि से आये संजय पराशर इस बार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, तो दूसरी ओर ठाकुर बस सर्विस के मालिक  मुकेश ठाकुर जो कि कांग्रेस विचारधारा से हैं, भी चुनाव लड़ने जा रहे हैं। मुकेश ठाकुर जो कि कोरोना काल के दौरान जसवां परागपुर के लोगों के लिए देवदूत बनकर सामने आए थे। उस दौरान उन्होंने अपनी ठाकुर बस सर्विस में टांडा अस्पताल तक जाने वाले मरीजों को मुफ्त सफर करने की सुविधा प्रदान की थी।
उस दौरान स्थानीय विधायक व कबीना मंत्री विक्रम ठाकुर जो काम सरकार से न करवा पाये वह मुकेश ठाकुर ने अपने बूते पर करवा कर नया इतिहास रच दिया था। उन्होंने घर घर जाकर लोगों को न केवल राशन बांटा, बल्कि स्कूली छात्रों को किताबें भी दीं। उनके सहयोगी सुभाष ठाकुर बताते हैं कि कोरोना काल में समाज सेवा में शुरू किये गये काम भी अनवरत जारी हैं। और लोगों का अथाह स्नेह उन्हें मिल रहा है। दो दिन पहले पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान भी युवाओं को उनकी ओर से सुविधाएं दी गईं।  मुकेश ठाकुर ने बताया कि समाज सेवा में उन्हें आत्मिक सुख मिलता है। जरूरतमंद की मदद करना ही उनके जीवन का प्रमुख लक्ष्य हैं। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी उन्हें टिकट देती है, तो वह चुनाव जरूर लडेंगे। और जसवां परागपुर की राजनीति में नया अध्याय लिखने का प्रयास करेंगे। 
  यह विधानसभा 2008 के परिसीमन में अस्तित्व में आई ।  इससे पहले इसे केवल जसवां के नाम से जाना जाता था. विधानसभा की यह सीट अनारक्षित है ।  जसवां-परागपुर कांगड़ा जिले में हमीरपुर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभा है ।  हिमाचल विधानसभा की यह सीट संख्या 11 है ।  2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के विक्रम सिंह यहाँ से  विधायक रहे हैं । 

जसवां-परागपुर में विधानसभा में बाद में जुड़ा परागपुर अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए खास तौर पर दुनिया भर में जाना जाता है।   यह भारत पहला हेरिटेज गाँव है ।  नादौन और चिंतपूर्णी से जुडी इस विधानसभा में कुल 59 पंचायतें हैं। .जसवां-परागपुर विधानसभा राजपूत बहुल विधानसभा है जिसमे दुसरे स्थान पर वहां के अनुसूचित जाती के लोग हैं उसके बाद ब्राह्मण और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं का नाम आता है। 


BIJENDER SHARMA

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  1. यह विधानसभा 2008 के परिसीमन में अस्तित्व में आई । इससे पहले इसे केवल जसवां के नाम से जाना जाता था. विधानसभा की यह सीट अनारक्षित है । जसवां-परागपुर कांगड़ा जिले में हमीरपुर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभा है ।

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