संभावित हार को देखते हुये धवाला चुनावों से पहले ही हार मान देहरा पलायन कर गये
ज्वालामुखी 11 अक्तूबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । ज्वालामुखी के पूर्व विधायक संजय रतन ने भाजपा विधायक एवं प्रदेश योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला पर निशाना साधते हुये कहा कि संभावित हार को देखते हुये धवाला ने चुनावों से पहले ही हार मान ली। और ज्वालामुखी छोड देहरा की ओर पलायन कर गये।
ज्वालामुखी 11 अक्तूबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । ज्वालामुखी के पूर्व विधायक संजय रतन ने भाजपा विधायक एवं प्रदेश योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला पर निशाना साधते हुये कहा कि संभावित हार को देखते हुये धवाला ने चुनावों से पहले ही हार मान ली। और ज्वालामुखी छोड देहरा की ओर पलायन कर गये।
यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुये रतन ने धवाला को रणछोड़ की उपाधि देते हुये कहा कि पिछले पांच सालों में भाजपा शासनकाल में धवाला की अपनी ही पार्टी में अनबन रही। जिससे इलाके का विकास नहीं हो सका। और धवाला पूरी तरह नाकाम विधायक साबित हुये। जिसके चलते भाजपा ने धवाला को देहरा भेज दिया। उन्होंने कहा कि चुनावों से पहले ही किसी मौजूदा विधायक का चुनाव छोड जाना अपने आप में स्पष्ट करता है कि उसे पता है कि वह चुनाव हारने जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस की लहर चल रही है, व आने वाली सरकार कांग्रेस पार्टी ही बनायेगी। लिहाजा ज्वालामुखी के साथ साथ भाजपा देहरा में भी चुनाव हारेगी।
पूर्व विधायक संजय रतन ने कहा कि सरकार की खुफिया एजेंसियां, सीआईडी व इंटेलिजेंस सरकार को रिपोर्ट दे चुकी हैं कि अब बीजेपी सरकार का जमीनी आधार खिसक चुका है। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, सरकारी नौकरियों की सेल, ओल्ड पैंशन स्कीम, अग्निवीर जैसे जनता को सताने वाले गंभीर मुद्दों को लेकर हिमाचल की जनता में बीजेपी के प्रति भारी गुस्सा है। इस पर फीडबैक लेकर खुफिया एजेंसियां सरकार को बता चुकी हैं कि बीजेपी सरकार के रिपीट होने के कोई आसार नहीं हैं।
रतन ने कहा कि इस रिपोर्ट से बौखलाई सरकार अब जाते-जाते उद्घाटनों व शिलान्यासों की दौड़ में दौड़ पड़ी है। क्योंकि सरकार को लगता है कि उद्घाटन और शिलान्यास के फट्टे लगाने से शायद गुस्साई जनता का मन पसीज जाए लेकिन 5 सालों तक लगातार सताई हुई जनता बीजेपी की अब एक सुनने को राजी नहीं है। बीजेपी को विदा करने के तमाम इंतजाम कर चुकी जनता को अब सिर्फ चुनावों का ही इंतजार है। बीजेपी सरकार की अपनी खुफिया एजेंसियों ने जमीनी हकीकत को भांप कर यह रिपोर्ट दी है कि अब किसी भी सूरत में बीजेपी की सरकार बनती नहीं दिखती है। लिहाजा आने वाली सरकार कांग्रेस की है। जिसको देखते हुए कई अधिकारी व कर्मचारी कांग्रेस नेताओं को सरकार की नाकामियों की लगातार फीडबैक दे रहे हैं।