ज्वालामुखी के लोग नेशनल हाईवे अथॉरिटी से परेशान
ज्वालामुखी 21 फरवरी (विजयेन्द्र शर्मा) । धर्मशाला शिमला नेशनल हाईवे फोर लेन के लिये ज्वालामुखी में बाईपास को लेकर इन दिनों जमीनों के अधिग्रहण को लेकर कवायद तेज है। इसके लिए बाकायदा एक नोटिस भी निकाला गया हे। और मलकियती भूमि के मालिकों को मुआवजा भी मिलने लगा है। लेकिन इसमें कुछ लोग ऐसे भी है। , जो राजस्व रिकार्ड में मालिक तो हैं लेकिन उन्हें उनकी जमीन का मुआवजा नहीं मिल रहा है। ज्वालामुखी के बाईपास को लेकर चीडू इलाके में भी जमीनों का अधिग्रहण हो रहा है। लेकिन यहां की रहने वाली चंचला देवी पुत्री बीरू राम का मामला पेचीदा है। चंचला के दो खाते उसके गांव में राजस्व रिकार्ड में हैं। लेकिन अब मुआवजे के लिए न तो उसे राजस्व विभाग न ही हाइवे अथॉरिटी उसे कोई जवाब दे पा रहे हैं। चंचला देवी के पति रमेश चंद ने बताया कि विभाग ने निकाले गये नोटिस के आधार पर उनके गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए इन दिनों प्रक्रिया चल रही है। कुछ लोगों को मुआवजा दिया भी जा चुकी है। लेकिन चंचला देवी के मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यहां हमारी जमीन हमसे छीनी जा रही है। लेकिन मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
ज्वालामुखी 21 फरवरी (विजयेन्द्र शर्मा) । धर्मशाला शिमला नेशनल हाईवे फोर लेन के लिये ज्वालामुखी में बाईपास को लेकर इन दिनों जमीनों के अधिग्रहण को लेकर कवायद तेज है। इसके लिए बाकायदा एक नोटिस भी निकाला गया हे। और मलकियती भूमि के मालिकों को मुआवजा भी मिलने लगा है। लेकिन इसमें कुछ लोग ऐसे भी है। , जो राजस्व रिकार्ड में मालिक तो हैं लेकिन उन्हें उनकी जमीन का मुआवजा नहीं मिल रहा है। ज्वालामुखी के बाईपास को लेकर चीडू इलाके में भी जमीनों का अधिग्रहण हो रहा है। लेकिन यहां की रहने वाली चंचला देवी पुत्री बीरू राम का मामला पेचीदा है। चंचला के दो खाते उसके गांव में राजस्व रिकार्ड में हैं। लेकिन अब मुआवजे के लिए न तो उसे राजस्व विभाग न ही हाइवे अथॉरिटी उसे कोई जवाब दे पा रहे हैं। चंचला देवी के पति रमेश चंद ने बताया कि विभाग ने निकाले गये नोटिस के आधार पर उनके गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए इन दिनों प्रक्रिया चल रही है। कुछ लोगों को मुआवजा दिया भी जा चुकी है। लेकिन चंचला देवी के मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यहां हमारी जमीन हमसे छीनी जा रही है। लेकिन मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।