स्कूलों में नियमित अंतराल में हों हेल्थ एंड वैलनेस सैशन: डॉ. निपुण जिंदल
धर्मशाला, 18 मार्च ( विजयेन्दर शर्मा) । हेल्थ एंड वैलनेस अंबेसडर प्रोग्राम के अंतर्गत आज शनिवार को डिस्ट्रिक्ट लेवल कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल की अध्यक्षता में हुई। डीसी ऑफिस में आयोजित इस बैठक में उपायुक्त ने स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नियमित अंतराल में स्कूलों में हेल्थ एंड वैलनेस सैशन आयोजित करने के निर्देश दिए। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विक्रम कटोच ने इस अवसर पर मीटिंग के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी वहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनुराधा ने उपस्थित लोगों को प्रोग्राम के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।क्या है हेल्थ एंड वैलनेस अंबेसडर प्रोग्राम
उपायुक्त ने बताया कि यह प्रोग्राम 10 वर्ष से लेकर 19 वर्ष की आयु तक सरकारी तथा सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को कवर करता है। उन्होंने बताया कि इस प्रोग्राम के अंतर्गत स्कूल टीचर्स को किशोरावस्था से संबंधित लगभग 11 विषयों जैसे कि पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, नशे के दुष्प्रभाव, यौन संबंधित बीमारियां, आदि के संबंध में ट्रेनिंग दी गई है।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद इन टीचर्स को हेल्थ एंड वैलनेस एम्बेसडर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि यह टीचर आगे सभी विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देंगे और इन विद्यार्थियों में से कुछ हेल्थ एंड वैलनेस मैसेंजर के रूप में स्कूल में बाकी विद्यार्थियों को इन विषयों पर एजुकेट करेंगे।
प्रशिक्षित टीचर का डाटा हो तैयार
उपायुक्त ने विभाग को प्रोग्राम के अंतर्गत प्रशिक्षित टीचर का डाटा तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान विषय के सभी शिक्षक हेल्थ एंड वैलनेस एम्बेसडर के रूप में ट्रेंड होने चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग अप्रशिक्षित शिक्षकों का भी डाटा तैयार करे और चरणबद्ध तरीके से सभी को हेल्थ एंड वैलनेस एम्बेसडर बनने का प्रशिक्षण दिया जाए।
नियमित अंतराल में हो सेशन
उपायुक्त ने कहा कि प्रोग्राम की उपयोगिता और महत्व को देखते हुए इसे नियमित अंतराल में सभी स्कूल आयोजित करें। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में हर महीने इस प्रकार के कम से कम दो सेशन होने चाहिए। उन्होंने कहा कि सेशन हर शनिवार को जिस दिन बच्चे बिना स्कूल बैग के स्कूल आते हैं, सुबह 10 से 11 बजे तक आयोजित किए जा सकते हैं।
बच्चों से लिए जाएं सुझाव
उन्होंने कहा कि इस दौरान मॉडल सेशन के वीडियो बनाए जाएं तथा सभी हेल्थ एंड वैलनेस एंबेसडर से साझा किए जाएं। उन्होंने कहा कि छठी से 12वीं कक्षा तक के सभी बच्चों के लिए प्रत्येक स्कूल में सुझाव पेटी लगाई जाए। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों के मन में किसी भी प्रकार की शंका या सुझाव हो तो वह कागज में लिख कर सुझाव पेटी में डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के सुझाव पर अगले सेशन में उस विषय के पर चर्चा हो सके, ऐसी प्रथा स्कूलों में विकसित हो।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर उपनिदेशक उच्च शिक्षा रेखा कपूर, आरकेएसके काउंसलर, डाइट तथा रेडक्रॉस से अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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उपायुक्त ने बताया कि यह प्रोग्राम 10 वर्ष से लेकर 19 वर्ष की आयु तक सरकारी तथा सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को कवर करता है। उन्होंने बताया कि इस प्रोग्राम के अंतर्गत स्कूल टीचर्स को किशोरावस्था से संबंधित लगभग 11 विषयों जैसे कि पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, नशे के दुष्प्रभाव, यौन संबंधित बीमारियां, आदि के संबंध में ट्रेनिंग दी गई है।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद इन टीचर्स को हेल्थ एंड वैलनेस एम्बेसडर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि यह टीचर आगे सभी विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देंगे और इन विद्यार्थियों में से कुछ हेल्थ एंड वैलनेस मैसेंजर के रूप में स्कूल में बाकी विद्यार्थियों को इन विषयों पर एजुकेट करेंगे।
प्रशिक्षित टीचर का डाटा हो तैयार
उपायुक्त ने विभाग को प्रोग्राम के अंतर्गत प्रशिक्षित टीचर का डाटा तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान विषय के सभी शिक्षक हेल्थ एंड वैलनेस एम्बेसडर के रूप में ट्रेंड होने चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग अप्रशिक्षित शिक्षकों का भी डाटा तैयार करे और चरणबद्ध तरीके से सभी को हेल्थ एंड वैलनेस एम्बेसडर बनने का प्रशिक्षण दिया जाए।
नियमित अंतराल में हो सेशन
उपायुक्त ने कहा कि प्रोग्राम की उपयोगिता और महत्व को देखते हुए इसे नियमित अंतराल में सभी स्कूल आयोजित करें। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में हर महीने इस प्रकार के कम से कम दो सेशन होने चाहिए। उन्होंने कहा कि सेशन हर शनिवार को जिस दिन बच्चे बिना स्कूल बैग के स्कूल आते हैं, सुबह 10 से 11 बजे तक आयोजित किए जा सकते हैं।
बच्चों से लिए जाएं सुझाव
उन्होंने कहा कि इस दौरान मॉडल सेशन के वीडियो बनाए जाएं तथा सभी हेल्थ एंड वैलनेस एंबेसडर से साझा किए जाएं। उन्होंने कहा कि छठी से 12वीं कक्षा तक के सभी बच्चों के लिए प्रत्येक स्कूल में सुझाव पेटी लगाई जाए। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों के मन में किसी भी प्रकार की शंका या सुझाव हो तो वह कागज में लिख कर सुझाव पेटी में डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के सुझाव पर अगले सेशन में उस विषय के पर चर्चा हो सके, ऐसी प्रथा स्कूलों में विकसित हो।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर उपनिदेशक उच्च शिक्षा रेखा कपूर, आरकेएसके काउंसलर, डाइट तथा रेडक्रॉस से अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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