14 अक्टूबर से ज्वालाजी में हर प्रकार के हथियारों पर प्रतिबंध-- एसडीएम
ज्वालामुखी , 05 अक्टूबर ( विजयेन्दर शर्मा) । 15 अक्टूबर 2023 से 23 अक्टूबर 2023 तक चलने वाले अश्विन नवरात्र मेलों के दृष्टिगत ज्वाला जी नगर पंचायत क्षेत्र में 14 अक्टूबर 2023 से 24 अक्टूबर 2023 तक हर प्रकार के हथियार और विस्फोटक पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
एसडीएम ज्वालामुखी डॉ संजीव शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ज्वालाजी में यात्रियों एवं श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए नवरात्र के दौरान यह निर्णय लिया गया है। एसडीएम ने कहा कि नवरात्र सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण ढंग से बीते इसके लिए हर प्रकार की व्यवस्थाएं की गयी हैं। अतः क्षेत्र के निवासियों एवं आने वाले श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि किसी भी प्रकार के हथियार और असला बारूद को साथ न रखें। प्रशासन द्वारा इस प्रतिबंध का सख्ती से पालन किया जाएगा।
ज्वालामुखी धूम्रा देवी धूमावती का स्थान है । व इसे 52 शक्तिपीठों में सर्वोच्च शक्ति सम्पन्न स्थान माना गया है । इस पवित्र स्थल में देवी ज्योति रूप में विराजमान है । तंत्र विद्या में इसे पवित्र एंव प्रचण्ड स्थल माना गया है । शिवालिक पहाडिय़ों के आंचल में यह मंदिर स्थापित है । मंदिर के गर्भगृह में नौ ज्योतियां जल रही हैं । इनके नाम महाकाली , अन्नपूर्णा , चण्डी, हिंगलाज , विंध्यवासिनी , महालक्ष्मी , सरस्वती , अम्बिका तथा अन्जना हैं ।
विश्व में शायद यही ऐसा देवालय है जहां प्रतिमा की पूजा नहीं होती । व जल रही ज्योति ही शक्ति का साक्षात स्वरूप है । देश -दुनिया के तीर्थयात्रियों का यह पसंदीदा तीर्थ बन गया है । मंदिर नगरी के विकास के लिये कई अहम योजनाएं चल रही हैं । जिनमें प्रवासी भारतीय भी आर्थिक सहयोग दे रहे हैं । मंदिर न्यास संस्कृत पाठशाला भी चला रहा है । मुख्य मंदिर के ऊपरी ओर नाथ सम्प्रदाय के प्रणेता गुरु गोरखनाथ का मंदिर है । जिसे गोरख डिब्बी कहते हैं । साथ ही तारा देवी , भैरव मंदिर , अम्बिकेश्वर व लाल शिवालय और अर्जुन नागा मंदिर हैं ।
ज्वालामुखी , 05 अक्टूबर ( विजयेन्दर शर्मा) । 15 अक्टूबर 2023 से 23 अक्टूबर 2023 तक चलने वाले अश्विन नवरात्र मेलों के दृष्टिगत ज्वाला जी नगर पंचायत क्षेत्र में 14 अक्टूबर 2023 से 24 अक्टूबर 2023 तक हर प्रकार के हथियार और विस्फोटक पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
एसडीएम ज्वालामुखी डॉ संजीव शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ज्वालाजी में यात्रियों एवं श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए नवरात्र के दौरान यह निर्णय लिया गया है। एसडीएम ने कहा कि नवरात्र सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण ढंग से बीते इसके लिए हर प्रकार की व्यवस्थाएं की गयी हैं। अतः क्षेत्र के निवासियों एवं आने वाले श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि किसी भी प्रकार के हथियार और असला बारूद को साथ न रखें। प्रशासन द्वारा इस प्रतिबंध का सख्ती से पालन किया जाएगा।
ज्वालामुखी धूम्रा देवी धूमावती का स्थान है । व इसे 52 शक्तिपीठों में सर्वोच्च शक्ति सम्पन्न स्थान माना गया है । इस पवित्र स्थल में देवी ज्योति रूप में विराजमान है । तंत्र विद्या में इसे पवित्र एंव प्रचण्ड स्थल माना गया है । शिवालिक पहाडिय़ों के आंचल में यह मंदिर स्थापित है । मंदिर के गर्भगृह में नौ ज्योतियां जल रही हैं । इनके नाम महाकाली , अन्नपूर्णा , चण्डी, हिंगलाज , विंध्यवासिनी , महालक्ष्मी , सरस्वती , अम्बिका तथा अन्जना हैं ।
विश्व में शायद यही ऐसा देवालय है जहां प्रतिमा की पूजा नहीं होती । व जल रही ज्योति ही शक्ति का साक्षात स्वरूप है । देश -दुनिया के तीर्थयात्रियों का यह पसंदीदा तीर्थ बन गया है । मंदिर नगरी के विकास के लिये कई अहम योजनाएं चल रही हैं । जिनमें प्रवासी भारतीय भी आर्थिक सहयोग दे रहे हैं । मंदिर न्यास संस्कृत पाठशाला भी चला रहा है । मुख्य मंदिर के ऊपरी ओर नाथ सम्प्रदाय के प्रणेता गुरु गोरखनाथ का मंदिर है । जिसे गोरख डिब्बी कहते हैं । साथ ही तारा देवी , भैरव मंदिर , अम्बिकेश्वर व लाल शिवालय और अर्जुन नागा मंदिर हैं ।