शिवा परियोजना से बदली तरेहल के 54 किसानों की तकदीर
पालमपुर, 16 दिसंबर (बिजेन्दर शर्मा)। हिमाचल को फल उत्पादक राज्य बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार के शिवा प्रोजेक्ट के सकारात्मक प्रयास फलीभूत होते नजर आने लगे हैं। सरकार कीमहत्वकांशी योजना और बागवानी विभाग के वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग तथा किसानों की मेहनत से जयसिंहपुर विधान सभा क्षेत्र का छोटा सा तरेहल गांव फल गांव के रूप में जाना जाने लगा है।
गांव के 54 किसान परिवारों ने हिमाचल प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई और मूल्यवर्धन ( एचपी-शिवा) परियोजना में लगभग 2 करोड़ के पूर्ण सहयोग से 10 एकड क्षेत्र में मालटे का बगीचा तैयार कर उदाहरण पेश कर दिया है। लगभग 10 हजार मालटे की उन्नत किस्म के पौधों में तैयार फसल को देखने दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं। पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा का केंद्र बने तरेहल गांव में खरीददार भी दस्तक देने लगे हैं।
हिमाचल सरकार के किसान परिवारों की आय बढ़ाने और आजीविका में सुधार करने की परिकल्पना को साकार करने के लिये बागवानी विभाग ने किसानों के सहयोग से ग्राम पंचायत भगेहतर के 54 परिवारों की आर्थिकी में बदलाव ला दिया है। जंगली तथा लावारिश जानवरों के प्रकोप और सिंचाई की सुविधा के आभाव में बंजर पड़ी 250 कनाल भूमि किसानों की अच्छी कमाई का जरिया बन गई है। बगीचे में भूमि विकास, टपक सिंचाई सुविधा, बिजली उपलब्धता, सोलर बाड़बंदी, मशीनरी, कृषि उपकरण, उर्वरक, कीटनाश्क इत्यादि निःशुल्क उपलब्ध करवाए गये हैं। इसके अतिरिक्त मालटे की पांच उन्नत किस्मों के 9929 पौधे उपलब्ध करवाये गये हैं। बगीचे में सिंचाई सुविधा के लिये एक लाख 80 हजार लीटर क्षमता के पांच टैंक, बिजली का ट्रांसफार्मर, सोलर बाड़ बंदी इत्यादि पर 2 करोड़ रुपये व्यय किया गया है।
लाभान्वित किसान सरवन कुमार, उद्यम सिंह, रसील सिंह, सुनील कुमार, गरीब दास, शक्ति चंद रनौत, पुनी चंद, सुनील रनौत, सुरजीत कुमार, अमर सिंह, मान चंद, दिना नाथ और रणबीर सिंह सहित 54 परिवार सरकार का आभार प्रकट करे रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकारी सहयोग से उनकी बंजर भूमि गुलजार होने से पूरे गांव की तस्वीर और तकदीर बदली है। किसानों का कहना है कि लगभग एक कनाल क्षेत्र से 25 से 30 हजार रुपये आमदनी होना आरंभ हुई है, जो पंरमपरागत फसलों से लगभग 2 से अढ़ाई हजार रुपये प्रति कनाल थी। किसानों का कहना है कि युवा पीढ़ी को फल उत्पादन को स्वरोजगार के रूप में अपनाना चाहिये।
क्या कहते हैं अधिकारी
बागवानी विभाग के उपनिदेशक कमलशील नेगी का कहना है कि जिला कांगड़ा में 115 हैक्टेयर क्षेत्र में लीची, मीठे संतरे, अमरूद और आनार के लगभग 1 लाख 30 हजार पौधे लगाये गये हैं और इससे 800 किसान लाभांवित हुए हैं। किसानों को बागवानी की दिशा में प्रेरित करने और इनकी आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिये एचपी शिवा परियोजना बहुत लाभदायिक है और इसका लाभ लेने के लिये आगे आना चाहिये। अगामी वर्षो जिला कांगड़ा में शिवा परियोजना के अंर्तगत एक हजार हैक्टेयर क्षेत्र और 8500 किसान परिवारों को इसमें जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
यहां करें संपर्क
उद्यान विकास अधिकारी लंबागांव हितेश ठाकुर ने बताया कि विभाग ने तरेहल के किसानों को बागवानी की ओर प्रेरित किया तथा किसानों के सहयोग से तरेहल में मालटे का बगीचा तैयार किया गया है। इस योजना में क्लस्टर बनाकर सामुहिक रूप में किसानों का जोड़ा जा रहा है और सरकार के सहयोग से ही फलदार पौधों के बगीचे तैयार किये जा रहे हैं। इच्छुक परिवार संबधिंत विकास खण्ड कार्यालय में उद्यान विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
पालमपुर, 16 दिसंबर (बिजेन्दर शर्मा)। हिमाचल को फल उत्पादक राज्य बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार के शिवा प्रोजेक्ट के सकारात्मक प्रयास फलीभूत होते नजर आने लगे हैं। सरकार कीमहत्वकांशी योजना और बागवानी विभाग के वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग तथा किसानों की मेहनत से जयसिंहपुर विधान सभा क्षेत्र का छोटा सा तरेहल गांव फल गांव के रूप में जाना जाने लगा है।
गांव के 54 किसान परिवारों ने हिमाचल प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई और मूल्यवर्धन ( एचपी-शिवा) परियोजना में लगभग 2 करोड़ के पूर्ण सहयोग से 10 एकड क्षेत्र में मालटे का बगीचा तैयार कर उदाहरण पेश कर दिया है। लगभग 10 हजार मालटे की उन्नत किस्म के पौधों में तैयार फसल को देखने दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं। पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा का केंद्र बने तरेहल गांव में खरीददार भी दस्तक देने लगे हैं।
हिमाचल सरकार के किसान परिवारों की आय बढ़ाने और आजीविका में सुधार करने की परिकल्पना को साकार करने के लिये बागवानी विभाग ने किसानों के सहयोग से ग्राम पंचायत भगेहतर के 54 परिवारों की आर्थिकी में बदलाव ला दिया है। जंगली तथा लावारिश जानवरों के प्रकोप और सिंचाई की सुविधा के आभाव में बंजर पड़ी 250 कनाल भूमि किसानों की अच्छी कमाई का जरिया बन गई है। बगीचे में भूमि विकास, टपक सिंचाई सुविधा, बिजली उपलब्धता, सोलर बाड़बंदी, मशीनरी, कृषि उपकरण, उर्वरक, कीटनाश्क इत्यादि निःशुल्क उपलब्ध करवाए गये हैं। इसके अतिरिक्त मालटे की पांच उन्नत किस्मों के 9929 पौधे उपलब्ध करवाये गये हैं। बगीचे में सिंचाई सुविधा के लिये एक लाख 80 हजार लीटर क्षमता के पांच टैंक, बिजली का ट्रांसफार्मर, सोलर बाड़ बंदी इत्यादि पर 2 करोड़ रुपये व्यय किया गया है।
लाभान्वित किसान सरवन कुमार, उद्यम सिंह, रसील सिंह, सुनील कुमार, गरीब दास, शक्ति चंद रनौत, पुनी चंद, सुनील रनौत, सुरजीत कुमार, अमर सिंह, मान चंद, दिना नाथ और रणबीर सिंह सहित 54 परिवार सरकार का आभार प्रकट करे रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकारी सहयोग से उनकी बंजर भूमि गुलजार होने से पूरे गांव की तस्वीर और तकदीर बदली है। किसानों का कहना है कि लगभग एक कनाल क्षेत्र से 25 से 30 हजार रुपये आमदनी होना आरंभ हुई है, जो पंरमपरागत फसलों से लगभग 2 से अढ़ाई हजार रुपये प्रति कनाल थी। किसानों का कहना है कि युवा पीढ़ी को फल उत्पादन को स्वरोजगार के रूप में अपनाना चाहिये।
क्या कहते हैं अधिकारी
बागवानी विभाग के उपनिदेशक कमलशील नेगी का कहना है कि जिला कांगड़ा में 115 हैक्टेयर क्षेत्र में लीची, मीठे संतरे, अमरूद और आनार के लगभग 1 लाख 30 हजार पौधे लगाये गये हैं और इससे 800 किसान लाभांवित हुए हैं। किसानों को बागवानी की दिशा में प्रेरित करने और इनकी आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिये एचपी शिवा परियोजना बहुत लाभदायिक है और इसका लाभ लेने के लिये आगे आना चाहिये। अगामी वर्षो जिला कांगड़ा में शिवा परियोजना के अंर्तगत एक हजार हैक्टेयर क्षेत्र और 8500 किसान परिवारों को इसमें जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
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उद्यान विकास अधिकारी लंबागांव हितेश ठाकुर ने बताया कि विभाग ने तरेहल के किसानों को बागवानी की ओर प्रेरित किया तथा किसानों के सहयोग से तरेहल में मालटे का बगीचा तैयार किया गया है। इस योजना में क्लस्टर बनाकर सामुहिक रूप में किसानों का जोड़ा जा रहा है और सरकार के सहयोग से ही फलदार पौधों के बगीचे तैयार किये जा रहे हैं। इच्छुक परिवार संबधिंत विकास खण्ड कार्यालय में उद्यान विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
Bijender Sharma*, Press Correspondent Bohan Dehra Road JAWALAMUKHI-176031, Kangra HP(INDIA)*
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