सरकारी नौकरी में पहले दिवंगजन को मिलता था 3% का आरक्षण था अब बढ़ाकर 4% कर दिया गया : मल्लिका नड्डा

सरकारी नौकरी में पहले दिवंगजन को मिलता था 3% का आरक्षण था अब बढ़ाकर 4% कर दिया गया : मल्लिका नड्डा

• दिव्यांगजनों को अब दिव्य शक्ति से परिपूर्ण व्यक्ति के रूप में देखा जाता है
• देश में 7 करोड़ एवं हिमाचल प्रदेश में 3.50 लाख दिव्यांगजन
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2016 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम लागू किया
• 27 दिव्यांगजनों को किया सम्मानित

सोलन, सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत भाजपा द्वारा स्पेशल ओलंपिक्स एवं रोशनी संस्थान द्वारा दिव्यांगजन एवं विशिष्ट व्यक्ति सम्मान समारोह का आयोजन नगर निगम हॉल ठोड़ो ग्राउंड में किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ मल्लिका नड्डा अध्यक्ष स्पेशल ओलंपिक्स भारत, कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं संयोजक प्रदेश महामंत्री संजीव कटवाल रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मल्लिका नड्डा ने कहा सक्षम भारत समृद्ध भारत की सोच को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकलांगता की परिभाषा पूर्ण रूप से बदल दी। दिव्यांगजनों को अब दिव्य शक्ति से परिपूर्ण व्यक्ति के रूप में देखा जाता है, और इनकी सेवा करना हमारा संकल्प एवं जिम्मेदारी है जिसको पूरे भारतवर्ष मे सफलतापूर्व रूप में निभाया जा रहा है। हमने प्रधानमंत्री के दिशा निर्देश अनुसार दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय की सोच को आगे ले जाते हुए एक समृद्ध भारत का स्वप्न देखा है, जहां अंतिम पायदान पर खड़े हुए व्यक्ति को समान अधिकार एवं समान अवसर प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि देश की 5% आबादी दिव्यांगजनों की है, देश में 7 करोड़ एवं हिमाचल प्रदेश में 3.50 लाख दिव्यांगजन है। दिव्यांगजनों की सेवा एक महत्वपूर्ण कार्य एक महत्वपूर्ण वर्ग के लिए है, यह केवल एक या 7 दिन का कार्य नहीं है, दिव्यांगजनों के सुधार के लिए हमें प्रतिदिन एक घंटा सेवा कार्य करना चाहिए।

उन्होंने महिला मोर्चा एवं युवा मोर्चा से आग्रह किया कि समाज को जागरूक करने के लिए इन मोचन को बड़ी भूमिका निभानी चाहिए और आगामी समय में दिव्यांगजनों के साथ हो रहे शोषण पर पूर्ण रोक लगाने का लक्ष्य रखना चाहिए।

उन्होंने केंद्र सरकार का धन्यवाद किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2016 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम लागू किया। समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित की। आज इस अधिनियम के अंतर्गत 21 प्रकार की दिव्यंग्नताएं आती है जिसमें दृष्टिहीनता, अल्प दृष्टि, कुष्ठ रोगमुक्त व्यक्ति, श्रवणबाधिता, चलन-सम्बंधी विकलांगता, बौनापन, बौद्धिक अक्षमता, मानसिक रोग, ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर, प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात, मांसपेशीय दुर्विकास, तंत्रिका-सम्बन्धी स्थितियाँ, विशिष्ट अधिगम अक्षमता, बहु स्केलेरोसिस, वाक् एवं भाषा अक्षमता, थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, सिकल कोशिका रोग, बहु-दिव्यांगता, तेज़ाब पीड़ित व्यक्ति और पार्किंसन रोग है।

उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार एवं पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हैं कि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए शिक्षा के लिए शैक्षणिक संस्थानों में पहले 3% का आरक्षण था अब बड़ाकर 5% कर दिया गया है। सरकारी नौकरी में पहले 3% का आरक्षण था अब बड़ाकर 4% कर दिया गया है, दिव्यांगों हेतु 18 वर्ष तक मुफ्त एवं निशुल्क शिक्षा का प्रावधान है, भारत सरकार द्वारा 40% या उससे अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए पेंशन का प्रावधान है।

केंद्र सरकार द्वारा स्पेशल ओलंपिक भारत बौद्धिक दिव्यांग एथलीटों की क्षमताओं के सम्मान हेतु प्रथम स्थान (Gold Medalist) के लिए 20 लाख, द्वितीय स्थान (Silver Medalist) के लिए 14 लाख और तृतीय स्थान (Bronze Medalist) एथलीटों के लिए 8 लाख रुपये की नकद ईनाम राशि (Cash Award) प्रदान की जाती है।

इस कार्यक्रम में 27 दिव्यांगजनों को डॉ मल्लिका नड्डा एवं डॉ राजीव बिंदल द्वारा सम्मानित किया गया। बिलासपुर से दीपक स्कीइंग गोल्ड, शिव और शालिनी। ऊना से अंचल, कुल्लू से गिरधन सिंकिंग गोल्ड, सोलन से अभिशेष, रिया, अविनाश, भाविक, अमन रघुवंशी एवं प्रवण रहें। कांगड़ा से आकृति, अरविंद, डिम्पल, रोहित, अनु, निखिल। शिमला से हर्षिता एवं अक्षय नेगी को सम्मानित किया गया



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