उप-मुख्यमंत्री ने राजस्थान के डीग स्थित श्रीजड़खोर गोधाम के श्रीकृष्णदृबलराम गौदृआराधन महोत्सव में लिया भाग लिया
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल के साथ राजस्थान के जिला डीग (पहलवारा) स्थित प्रसिद्ध श्रीजड़खोर गोधाम का भ्रमण एवं दर्शन किया।
इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि गौसेवा केवल धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की अमूल्य धरोहर है, जिसका संरक्षण और संवर्धन संरक्षित प्रत्येक नागरिक का दायित्व है। उन्होंने गोधाम की अनुशासित व्यवस्था, सेवा भावना और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि यहां की प्रेरणादायी कार्यप्रणाली समाज के लिए अनुकरणीय है।
श्रीजड़खोर गोधाम में 10,000 से अधिक गौमाताओं को सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान किया जा रहा है उन्हें गौ-तस्करों तथा सड़कों से बचाकर यहां आश्रय दिया गया है। लगभग 80 एकड़ भूमि में फैली पांच गौशालाएं अत्याधुनिक सीसीटीवी निगरानी प्रणाली से सुसज्जित हैं। लगभग 14 किलोमीटर विस्तृत क्षेत्र में फैली ये गौशालाएं सेवा-समर्पण की अद्वितीय मिसाल प्रस्तुत करती हैं। इस गोधाम में प्रत्येक दिन सभी गौवंश में से सबसे सुशील एवं सुलक्षणा गौ को 'प्रधान गो' के रूप में घोषित कर, परम पूज्य स्वामी राजेंद्र दास देवाचार्य जी महाराज द्वारा विशेष पूजन किया जाता है।
उप-मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित श्रीकृष्णदृबलराम गोदृआराधन महोत्सव में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि सरकारें बातें करती हैं, राजनीति होती है, लेकिन जो कार्य इस धरती पर महाराज जी ने कर दिखाया है, उसकी कल्पना असंभव है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार यहां पर गौवंश का संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है, वह अद्वितीय और प्रेरणादायी है।
उप-मुख्यमंत्री ने गौशाला प्रबंधन, सेवादारों और महाराज जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह गोधाम आध्यात्मिक और सामाजिक चेतना का जीवंत केंद्र है।
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल के साथ राजस्थान के जिला डीग (पहलवारा) स्थित प्रसिद्ध श्रीजड़खोर गोधाम का भ्रमण एवं दर्शन किया।
इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि गौसेवा केवल धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की अमूल्य धरोहर है, जिसका संरक्षण और संवर्धन संरक्षित प्रत्येक नागरिक का दायित्व है। उन्होंने गोधाम की अनुशासित व्यवस्था, सेवा भावना और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि यहां की प्रेरणादायी कार्यप्रणाली समाज के लिए अनुकरणीय है।
श्रीजड़खोर गोधाम में 10,000 से अधिक गौमाताओं को सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान किया जा रहा है उन्हें गौ-तस्करों तथा सड़कों से बचाकर यहां आश्रय दिया गया है। लगभग 80 एकड़ भूमि में फैली पांच गौशालाएं अत्याधुनिक सीसीटीवी निगरानी प्रणाली से सुसज्जित हैं। लगभग 14 किलोमीटर विस्तृत क्षेत्र में फैली ये गौशालाएं सेवा-समर्पण की अद्वितीय मिसाल प्रस्तुत करती हैं। इस गोधाम में प्रत्येक दिन सभी गौवंश में से सबसे सुशील एवं सुलक्षणा गौ को 'प्रधान गो' के रूप में घोषित कर, परम पूज्य स्वामी राजेंद्र दास देवाचार्य जी महाराज द्वारा विशेष पूजन किया जाता है।
उप-मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित श्रीकृष्णदृबलराम गोदृआराधन महोत्सव में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि सरकारें बातें करती हैं, राजनीति होती है, लेकिन जो कार्य इस धरती पर महाराज जी ने कर दिखाया है, उसकी कल्पना असंभव है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार यहां पर गौवंश का संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है, वह अद्वितीय और प्रेरणादायी है।
उप-मुख्यमंत्री ने गौशाला प्रबंधन, सेवादारों और महाराज जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह गोधाम आध्यात्मिक और सामाजिक चेतना का जीवंत केंद्र है।