सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने आकर्षक प्रस्तुतियों से दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों का मन मोह लिया
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगडा के ज्वालामुखी से सटे सशस्त्र सीमा बल के सपड़ी ट्रेनिंग सेंटर में सुदंर मार्च पास्ट के साथ बल ने अपना 62 वां स्थापाना दिवस मनाया। इस अवसर पर एसएसबी जवानों ने अपने कौशल, पराक्रम कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुये महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल संजय सिंघल की उपस्थिति में समारोह के अंत में एसएसबी के जवानों ने भव्य सांस्कृतिक एवं कौशल प्रदर्शन प्रस्तुत किए।
जवानों ने इस अवसर पर भव्य परेड के बाद आकर्षक प्रस्तुतियों से दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों का मन मोह लिया। जवानों का विभिन्न विषयों में किया गया प्रर्दशन उनके उच्च कोटि के प्रशिक्षण की पूर्ण झलक उजागर कर रहा था तथा व्यवस्थित कतारो ं में उनकी छटा देखते ही बन रही थी । जिसे देखकर सभी दर्शक मत्रंमुग्ध हो गये । इस मौके पर जवानों ने प्रशिक्षण के दौरान सीखी गई हर एक कला का प्रर्दशन किया। खासकर एसएसबी की वीरांगनाओं का कौशल देखते ही बन रहा था। वहीं श्वान दस्ता और आधुनिक संचार उपकरणों का प्रदर्शन हर किसी को आकर्षित कर रहा था।
बल के जवानोंने राइफल टैटू ड्रिल और मास पीटी फ्यूजन डांस, जिसमें हिमाचल प्रदेश का हिमाचली नाटी, उत्तराखंड का छोलिया नृत्य, भारत नेपाल सीमा का थारू नृत्य, मिथिला क्षेत्र का झीझीया नृत्य, सिक्किम का भूटिया नृत्य, असम का बीहू नृत्य और अरुणाचल प्रदेश का लायन डांस शामिल रहा।
इसके अलावा पारकोर एक्सरसाइज और डेयर डेविल्स जैसे रोमांचक प्रदर्शन ब्रास बैंड और श्वान दस्ते के सुसंगठित प्रदर्शन राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में धुन की प्रस्तुति ने समारोह में और गर्वपूर्ण माहौल पैदा किया।
साथ ही, सशस्त्र सीमा बल के विजेता खिलाड़ी, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों, जैसे एशियन गेम्स और वर्ल्ड पुलिस गेम्स, में भाग लेकर देश और बल का नाम रोशन किया, भी परेड में उपस्थित रहे और प्रदर्शन किया। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी झांकी ने आधुनिक उन्नत तकनीक और सुरक्षित राष्ट्र का संदेश प्रस्तुत किया।
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगडा के ज्वालामुखी से सटे सशस्त्र सीमा बल के सपड़ी ट्रेनिंग सेंटर में सुदंर मार्च पास्ट के साथ बल ने अपना 62 वां स्थापाना दिवस मनाया। इस अवसर पर एसएसबी जवानों ने अपने कौशल, पराक्रम कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुये महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल संजय सिंघल की उपस्थिति में समारोह के अंत में एसएसबी के जवानों ने भव्य सांस्कृतिक एवं कौशल प्रदर्शन प्रस्तुत किए।
जवानों ने इस अवसर पर भव्य परेड के बाद आकर्षक प्रस्तुतियों से दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों का मन मोह लिया। जवानों का विभिन्न विषयों में किया गया प्रर्दशन उनके उच्च कोटि के प्रशिक्षण की पूर्ण झलक उजागर कर रहा था तथा व्यवस्थित कतारो ं में उनकी छटा देखते ही बन रही थी । जिसे देखकर सभी दर्शक मत्रंमुग्ध हो गये । इस मौके पर जवानों ने प्रशिक्षण के दौरान सीखी गई हर एक कला का प्रर्दशन किया। खासकर एसएसबी की वीरांगनाओं का कौशल देखते ही बन रहा था। वहीं श्वान दस्ता और आधुनिक संचार उपकरणों का प्रदर्शन हर किसी को आकर्षित कर रहा था।
बल के जवानोंने राइफल टैटू ड्रिल और मास पीटी फ्यूजन डांस, जिसमें हिमाचल प्रदेश का हिमाचली नाटी, उत्तराखंड का छोलिया नृत्य, भारत नेपाल सीमा का थारू नृत्य, मिथिला क्षेत्र का झीझीया नृत्य, सिक्किम का भूटिया नृत्य, असम का बीहू नृत्य और अरुणाचल प्रदेश का लायन डांस शामिल रहा।
इसके अलावा पारकोर एक्सरसाइज और डेयर डेविल्स जैसे रोमांचक प्रदर्शन ब्रास बैंड और श्वान दस्ते के सुसंगठित प्रदर्शन राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में धुन की प्रस्तुति ने समारोह में और गर्वपूर्ण माहौल पैदा किया।
साथ ही, सशस्त्र सीमा बल के विजेता खिलाड़ी, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों, जैसे एशियन गेम्स और वर्ल्ड पुलिस गेम्स, में भाग लेकर देश और बल का नाम रोशन किया, भी परेड में उपस्थित रहे और प्रदर्शन किया। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी झांकी ने आधुनिक उन्नत तकनीक और सुरक्षित राष्ट्र का संदेश प्रस्तुत किया।