हिमाचल के स्ट्रीट फूड को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम: सांसद सुरेश कश्यप

हिमाचल के स्ट्रीट फूड को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम: सांसद सुरेश कश्यप

स्वच्छता, गुणवत्ता और आत्मनिर्भरता पर जोर, स्ट्रीट वेंडर्स को मिला प्रशिक्षण व प्रमाणपत्र

शिमला, भारतीय जनता पार्टी के माननीय सांसद, शिमला संसदीय क्षेत्र श्री सुरेश कुमार कश्यप ने कहा कि भारत का स्ट्रीट फूड न केवल आजीविका का साधन है, बल्कि देश की विविध संस्कृति और "अनेकता में एकता" का सशक्त प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में हिंदुस्तान जैसा विविध और समृद्ध स्ट्रीट फूड कहीं देखने को नहीं मिलता। देश के पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण का खान–पान अपनी अलग पहचान रखता है और वही क्षेत्रीय संस्कृति को दर्शाता है।
यह विचार श्री कश्यप ने 23 दिसंबर 2025 को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, समर हिल, शिमला में आयोजित स्ट्रीट फूड विक्रेता प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस कार्यशाला का आयोजन भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI), उत्तरी क्षेत्र कार्यालय, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) द्वारा किया गया, जबकि स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन निदेशालय ने इसका संयोजन किया।

कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर सिंह, अंकेश मिश्र, वीरेंद्र चौहान, जितेंद्र सांझटा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति विशेष रूप से उपस्थित रहे।

सांसद सुरेश कश्यप ने आयोजकों को सफल कार्यशाला के लिए बधाई देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की संस्कृति अत्यंत समृद्ध है और यहां के स्ट्रीट फूड की अपनी विशिष्ट पहचान है। स्ट्रीट फूड न केवल सेवा का माध्यम है, बल्कि हजारों परिवारों की आजीविका का मजबूत आधार भी है। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम समय–समय पर होते रहने से स्ट्रीट वेंडर्स को बड़ा लाभ मिलता है।

उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से स्ट्रीट वेंडर्स को स्वच्छता, गुणवत्ता, पर्सनल हाइजीन और रेडी–ठेले की साफ–सफाई पर विशेष ध्यान देने की सीख मिली है। भोजन की गुणवत्ता और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है ताकि बीमारियों से बचाव सुनिश्चित किया जा सके।

श्री कश्यप ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स के कल्याण के लिए शुरू की गई योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री स्व–निधि योजना स्ट्रीट वेंडर्स के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत 10 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक बिना गारंटी के ऋण मात्र 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध है, जिसका लाभ वेंडर्स को अवश्य उठाना चाहिए। इसके साथ ही विश्वकर्मा योजना और स्वरोजगार आधारित योजनाओं से भी लाखों लोगों को लाभ मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में टेक्नोलॉजी को जन–जन तक पहुंचाया जा रहा है। डिजिटल भुगतान, स्टार्ट–अप और स्वरोजगार योजनाओं से युवा आज नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बन रहा है। देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में साकार होगा।

कार्यक्रम के अंत में सांसद सुरेश कश्यप द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। प्रमाणपत्र प्राप्त करने वालों में राम देव चौहान, भरत सिंह, रामेश्वर, राम विष्णु, राम शंकर और राकेश शामिल रहे।
सीता रिपन अस्पताल के पास मोमो का स्टॉल लगाने वाले वेंडर तथा सुनील चौपाल ने प्रशिक्षण के दौरान अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें साफ–सफाई और भोजन की गुणवत्ता पर विशेष रूप से ध्यान देने की महत्वपूर्ण जानकारी मिली।

कार्यक्रम में भाजपा नेता कमलजीत सूद, केशव चौहान, कर्ण नंदा, रमा ठाकुर, गौरव कश्यप, रोहित ठाकुर, जितेंद्र ठाकुर सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता एवं स्ट्रीट वेंडर्स उपस्थित रहे।


Bijender Sharma*, Press Correspondent Bohan Dehra Road  JAWALAMUKHI-176031, Kangra HP(INDIA)*
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