कांग्रेस सरकार में हिमाचल बना अराजकता का शिकार, गैंगवार और गोलाबारी ने कानून व्यवस्था की खोली पोल : डॉ. राजीव बिंदल




कांग्रेस सरकार में हिमाचल बना अराजकता का शिकार, गैंगवार और गोलाबारी ने कानून व्यवस्था की खोली पोल : डॉ. राजीव बिंदल

45 हजार करोड़ का कर्ज, विकास ठप और प्रशासनिक कोलैप्स—सुक्खू सरकार में व्यवस्था नहीं, व्यवस्था पतन : डॉ. राजीव बिंदल

सुंदरनगर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कारण हिमाचल प्रदेश आज एक अत्यंत विकट दौर से गुजर रहा है। सुक्खू सरकार को तीन वर्ष से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन इस अवधि में प्रदेश ने विकास नहीं बल्कि बिगड़ती कानून व्यवस्था, अराजकता और कर्ज के नए-नए कीर्तिमान देखे हैं।
डॉ. बिंदल ने कहा कि नालागढ़ में हुई गैंगवार की घटना ने एक बार फिर सरकार की कार्यशैली की सच्चाई उजागर कर दी है। खुलेआम हथियारों का प्रयोग, गंडासियों से हमला और गैंगवार यह दर्शाते हैं कि प्रदेश में कानून का भय समाप्त हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी संसाधनों—चाहे वह खनन हो, कबाड़ माफिया हो या अन्य प्राकृतिक संसाधन—की लूट में हिस्सेदारी को लेकर एक ही सरकारी पक्ष से जुड़े गुट आपस में भिड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नालागढ़ की घटना कोई अपवाद नहीं है। इससे पहले ऊना, बद्दी, सिरमौर और कांगड़ा के नूरपुर जैसी घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि प्रदेश में अपराध, गोलाबारी और गैंगवार लगातार बढ़ रहे हैं। चंबा में दलित बालक की नृशंस हत्या से शुरू हुआ यह सिलसिला पूरे प्रदेश में फैल चुका है और सरकार इस पर अंकुश लगाने में पूरी तरह विफल रही है।

डॉ. बिंदल ने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन मुख्यमंत्री की छवि सुधारने के अभियान में ही व्यस्त है। पुलिस और अन्य विभागों का दुरुपयोग कानून व्यवस्था सुधारने के बजाय राजनीतिक छवि चमकाने में किया जा रहा है। तीन वर्षों में प्रदेश का जनमानस त्रस्त है, लेकिन जनता की पीड़ा को समझने के बजाय सरकार ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज सरकार ने एक और नकारात्मक कीर्तिमान स्थापित करते हुए 1000 करोड़ रुपये का नया कर्ज लिया है। तीन वर्षों में लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर हिमाचल की जनता पर भारी बोझ डाल दिया गया है, जबकि विकास कार्य पूरी तरह ठप हैं। संस्थान बंद किए जा रहे हैं, स्वीकृत पद समाप्त किए जा रहे हैं और सरकारी धन का मिसयूटिलाइजेशन खुलेआम हो रहा है। जहां कांग्रेस के लोगों को लाभ होता है, वहां पैसा उपलब्ध है, लेकिन जनहित और विकास के लिए धन नहीं है।

डॉ. बिंदल ने कहा कि यह सरकार व्यवस्था परिवर्तन नहीं बल्कि व्यवस्था पतन की प्रतीक बन चुकी है। आज प्रदेश में अराजकता का माहौल है। एचआरटीसी की बसों के रूट बंद हो रहे हैं, किराए बढ़ रहे हैं लेकिन लोगों को बसें उपलब्ध नहीं हैं। स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी है, मरीज इलाज के लिए धक्के खाने को मजबूर हैं और प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह कोलैप्स हो चुका है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता का दुख और आक्रोश सरकार की समझ से परे है। आए दिन हो रही हड़तालें और जन आक्रोश इस बात का संकेत हैं कि कांग्रेस सरकार जनता की भावनाओं को समझने और समाधान देने में पूरी तरह असफल रही है। इसका खामियाजा आज पूरे हिमाचल प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा  है।
BIJENDER SHARMA

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