धर्मशाला,हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाने के दृष्टिगत 4 करोड़ 90 लाख रूपये की लागत से बोर्ड की परीक्षा प्रणाली का कप्यूटरीकरण किया जा रहा है तथा आगामी मार्च, 2011 में होने वाली बोर्ड की वार्षिक परीक्षाओं में इसका उपयोग किया जाएगा ताकि त्रुटिरहित परीक्षा परिणाम जारी किया जा सके। यह जानकारी अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड एवं उपायुक्त कांगड़ा आर$ एस$ गुप्ता ने आज यहां देते हुए बताया कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार परीक्षा परिणाम हर वर्ष 15 जून से पूर्व घोषित कर दिये जाएंगे ताकि विद्यार्थियों की आगामी शिक्षा प्रभावित न हो।
उन्होंने बताया कि परीक्षा के उपरान्त परिणाम घोषित करने के लिये बोर्ड के पास लगाग 40 दिन समय होता है और इस दौरान बोर्ड द्वारा परीक्षा परिणामों को त्रुटिरहित जारी करने के लिये सभी आवश्यक प्रबन्ध समय पर पूरे किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्राइवेट विद्यार्थियों के परीक्षा आवेदन फार्म इत्यादि औपचारिकताओं की गहनता से जांच करने के उपरान्त ही स्वीकार किये जाएंगे। गुप्ता ने बताया कि शीघ्र ही बोर्ड की गवर्निंग बॉडी की बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें प्राइवेट स्कूलों को संबद्घता प्रदान करने बारे पुनर्विचार किया जाएगा तथा जिन प्राइवेट स्कूलों को बोर्ड द्वारा सबद्घता प्रदान की गई है, ऐसे सभी स्कूलों का पुन: निरीक्षण किया जाएगा और बोर्ड के निर्धारित मापदंड पूर्ण न पाये जाने पर संबद्धता रद्द की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि परीक्षा के उपरान्त परिणाम घोषित करने के लिये बोर्ड के पास लगाग 40 दिन समय होता है और इस दौरान बोर्ड द्वारा परीक्षा परिणामों को त्रुटिरहित जारी करने के लिये सभी आवश्यक प्रबन्ध समय पर पूरे किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्राइवेट विद्यार्थियों के परीक्षा आवेदन फार्म इत्यादि औपचारिकताओं की गहनता से जांच करने के उपरान्त ही स्वीकार किये जाएंगे। गुप्ता ने बताया कि शीघ्र ही बोर्ड की गवर्निंग बॉडी की बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें प्राइवेट स्कूलों को संबद्घता प्रदान करने बारे पुनर्विचार किया जाएगा तथा जिन प्राइवेट स्कूलों को बोर्ड द्वारा सबद्घता प्रदान की गई है, ऐसे सभी स्कूलों का पुन: निरीक्षण किया जाएगा और बोर्ड के निर्धारित मापदंड पूर्ण न पाये जाने पर संबद्धता रद्द की जा सकती है।