तिब्‍बती धर्मगुरू दलाई लामा को पीएचडी की मानद उपाधि

तिब्‍बती धर्मगुरू दलाई लामा को पीएचडी की मानद उपाधि देने से भारत सरकार भले ही कतरा रही है लेकिन देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी जामिया मिलिया इस्लामिया ने धर्मगुरु दलाईलामा को ऑनरेरी डॉक्टर ऑफ लैटर्स की डिग्री से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के इस निर्णय का निर्वासित तिब्बतियों सहित केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने स्वागत किया है। तय है, अगर ऐसा हुआ तो चीन निश्चित रूप से भड़केगा।मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक जामिया के सूत्रों ने बताया कि विश्‍वविद्यालय परिसर में दलाई लामा की मौजूदगी का छात्रों पर सकारात्‍मक असर पड़ेगा। उनका कहना है कि जब बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय, जैन विश्‍व भारती विश्‍वविद्यालय के अलावा करीब 10 भारतीय विश्‍वविद्यालयों ने दलाई लामा को डॉक्‍टरेट की मानद उपाधि दिया है तो जामिया को यह मौका क्‍यों नहीं दिया जा रहा है।
वियतनाम में होने वाली भारत-आसियान शिखर बैठक के दौरान 29 अक्‍टूबर को भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ की मुलाकात होने वाली है। ऐसे में भारत नहीं चाहता कि दोनों देशों के रिश्‍तों में और कड़वाहट हो। दलाई लामा पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर गए थे, तो चीन ने इसे मुद्दा बनाया था। अमेरिका, ब्रिटेन आदि देशों की यात्रा के दौरान दलाई लामा के वहां के राष्‍ट्रपति या प्रधानमंत्री से मुलाकात पर भी चीन हमेशा भड़कता रहा है। ऐसे में भारतीय विश्‍वविद्यालय की ओर से उन्‍हें पीएचडी की मानद उपाधि देकर सम्‍मानित करना भी चीन को नागवार गुजरना तय है। जानकार मानते हैं कि यह मुद्दा एक बार फिर भारत और चीन के संबंधों में तनाव का सबब बन सकता है।हालांकि जामिया के कुलपति नजीब जंग ने कल विदेश सचिव निरुपमा राव से मुलाकात के बाद कहा, ‘विदेश मंत्रालय ने हमारे अनुरोध पर विचार करने का आश्‍वासन दिया है।’ वहीं जामिया के सूत्रों ने इस बात पर हैरानी जताई कि आखिर हम चीन से इतने डरे हुए क्‍यों हैं।’

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