धर्मशाला . पालमपुर और देहरा में मोबाइल टावर लगाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने वाला विनय सिंह मंगलवार सुबह टांडा अस्पताल से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार हो गया। पुलिस ने लापरवाही बरतने पर चार पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। पुलिस कर्मियों ने कहा, कैदी विनय सिंह को हथकड़ी लगाकर अस्पताल लाया गया था।
सोमवार रात ढाई बजे हथकड़ी खोलकर फरार हो गया। इसकी सूचना कांगड़ा पुलिस को दी गई थी। पालमपुर और देहरा क्षेत्र में टावर लगाने के नाम पर लोगों से ठगी के आरोप में गिरफ्तार विनय सिंह जिला कारागार धर्मशाला में सजा काट रहा था। उस पर पालमपुर और देहरा कोर्ट में दो मामले विचाराधीन हैं।
5 नवंबर को विनय के बीमार होने के चलते जोनल अस्पताल धर्मशाला में उसकी स्वास्थ्य जांच करवाई गई थी। इस पर डाक्टरों ने उसे टांडा अस्पताल रेफर कर दिया था। इससे पहले जिला कारागार धर्मशाला में विचाराधीन कैदी विनय सिंह ने 23 अक्टूबर को बीमार होने की शिकायत की थी।
इस पर 30 अक्टूबर 2010 जोनल अस्पताल धर्मशाला में भी उपचाराधीन रहा था। ड्यूटी पर तैनात हेड-कॉन्स्टेबल रणजीत सिंह, एचएचसी तिलक राज, ओंकार सिंह और राजमल के खिलाफ विभागीय जांच डीएसपी कांगड़ा दिनेश शर्मा कर रहे हैं। इस मामले में विचाराधीन कैदी विनय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 224 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के पास नहीं फरार कैदी का सही पता ठिकाना विनय सिंह का सही पता ठिकाना भी पुलिस के पास नहीं है। आरोपी ने पुलिस फाइलों में दो अलग-अलग जगह के पते लिखवाए हैं। एक मामले में विनय सिंह ने अपना पता एयरफोर्स रोड डिफेंस कॉलोनी 9वीं जोधपुर जबकि दूसरे मामले में उसने अपने आप को डलहौजी का रहने वाला बताया है।
19 अगस्त 2010 को विनय सिंह को जिला कारागार धर्मशाला में अंडर ट्रायल था। जेल सुपरिंटेंडेंट धर्मशाला एससी शर्मा ने बताया कि कैदी के भागने के संबंध में दूरभाष के माध्यम से ही सूचना मिली है। कैदी कितने बजे और कब फरार हुआ, इसका अभी तक लिखित में कोई संदेश नहीं आया है।
विनय सिंह ने खुद को जिला कांगड़ा में विभिन्न मोबाइल टावर लगाने के लिए स्वयं को अधिकृत अधिकारी बताकर लोगों को अपने जाल में फंसाया था। उसने पालमपुर और देहरा क्षेत्र के दर्जनों लोगों से मोबाइल टावर लगाने की एवज में कमीशन के रूप में लाखों रुपए की ठगी की और गायब हो गया। इस लोगों ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
सोमवार रात ढाई बजे हथकड़ी खोलकर फरार हो गया। इसकी सूचना कांगड़ा पुलिस को दी गई थी। पालमपुर और देहरा क्षेत्र में टावर लगाने के नाम पर लोगों से ठगी के आरोप में गिरफ्तार विनय सिंह जिला कारागार धर्मशाला में सजा काट रहा था। उस पर पालमपुर और देहरा कोर्ट में दो मामले विचाराधीन हैं।
5 नवंबर को विनय के बीमार होने के चलते जोनल अस्पताल धर्मशाला में उसकी स्वास्थ्य जांच करवाई गई थी। इस पर डाक्टरों ने उसे टांडा अस्पताल रेफर कर दिया था। इससे पहले जिला कारागार धर्मशाला में विचाराधीन कैदी विनय सिंह ने 23 अक्टूबर को बीमार होने की शिकायत की थी।
इस पर 30 अक्टूबर 2010 जोनल अस्पताल धर्मशाला में भी उपचाराधीन रहा था। ड्यूटी पर तैनात हेड-कॉन्स्टेबल रणजीत सिंह, एचएचसी तिलक राज, ओंकार सिंह और राजमल के खिलाफ विभागीय जांच डीएसपी कांगड़ा दिनेश शर्मा कर रहे हैं। इस मामले में विचाराधीन कैदी विनय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 224 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के पास नहीं फरार कैदी का सही पता ठिकाना विनय सिंह का सही पता ठिकाना भी पुलिस के पास नहीं है। आरोपी ने पुलिस फाइलों में दो अलग-अलग जगह के पते लिखवाए हैं। एक मामले में विनय सिंह ने अपना पता एयरफोर्स रोड डिफेंस कॉलोनी 9वीं जोधपुर जबकि दूसरे मामले में उसने अपने आप को डलहौजी का रहने वाला बताया है।
19 अगस्त 2010 को विनय सिंह को जिला कारागार धर्मशाला में अंडर ट्रायल था। जेल सुपरिंटेंडेंट धर्मशाला एससी शर्मा ने बताया कि कैदी के भागने के संबंध में दूरभाष के माध्यम से ही सूचना मिली है। कैदी कितने बजे और कब फरार हुआ, इसका अभी तक लिखित में कोई संदेश नहीं आया है।
विनय सिंह ने खुद को जिला कांगड़ा में विभिन्न मोबाइल टावर लगाने के लिए स्वयं को अधिकृत अधिकारी बताकर लोगों को अपने जाल में फंसाया था। उसने पालमपुर और देहरा क्षेत्र के दर्जनों लोगों से मोबाइल टावर लगाने की एवज में कमीशन के रूप में लाखों रुपए की ठगी की और गायब हो गया। इस लोगों ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।