
नई दिल्ली. तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा जल्द ही रिटायर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे कुछ ही महीनों में इस बारे में निर्णय लेंगे। फिर भी अंतिम फैसला तिब्बती नेताओं और निर्वासित सरकार की सलाह के बाद लिया जाएगा।
दलाई लामा 76 वर्ष के हैं। वे 1959 के बाद से ही निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि वे अपनी मृत्यु से पहले अपनी मातृभूमि जा सकेंगे। दलाई लामा ने कहा, ‘छह माह के भीतर मैं रिटायरमेंट के बारे में पूरी तरह राय बना लूंगा।’ उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में ये बातें कहीं।
अपने फैसले के औचित्य को लेकर उन्होंने कहा कि निर्वासित तिब्बतियों ने 2001 में अपना राजनीतिक ढांचा खड़ा कर लिया था। अब सभी महत्वपूर्ण निर्णय राजनीतिक नेतृत्व ही लेता है। दलाई लामा पद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यदि दो साल में उनकी मौत हो जाती है तो मंगोलिया और हिमालय के बौद्ध इस पद को जारी रखना चाहेंगे। चीन के बारे में उन्होंने कहा कि चीन की चिंता अगले दलाई लामा को लेकर ज्यादा है।
उत्तराधिकारी के बारे मेंदलाई लामा ने उत्तराधिकारी घोषित करने को लेकर अनिच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा यदि लोग चाहेंगे तो वे मृत्यु होने या बुजुर्ग होने की बात पर उप दलाई लामा की घोषणा कर सकते हैं। दलाई लामा से पूछा गया कि अगला दलाई लामा तिब्बत से होना चाहिए या फिर निर्वासित आबादी से। उन्होंने कहा यदि उनकी मौत निर्वासन में हुई तो निश्चित ही दलाई लामा का अवतार किसी निर्वासित तिब्बती के रूप में ही होना चाहिए, ताकि वह उनका काम जारी रख सके।
महिला भी हो सकती है दलाई लामा
दलाई लामा ने कहा कि इस पद का पुनरावतार किसी महिला के रूप में भी हो सकता है। यह बात वे 20 साल पहले कह चुके हैं। बौद्ध धर्म की सेवा के लिए किसी महिला का दलाई लामा होना ज्यादा कारगर हो सकता है।