आखिर कोर्ट ने अमर उजाला के डायरेक्टर अतुल महेश्वरी को जमानत दे दी है। उस वकत वह देलही में नहीं थे और वे कई दिनों से अपने पारिवारिक जश्न में मथुरा गए थे। अतुल माहेश्वरी मूल रूप से मथुरा के रहने वाले हैं…। यह भी पता चला कि अमर उजाला पर छाए इस काले बादल को छंटने के लिए मथुरा में एक अनुष्ठान भी कराया गया। अदालत ने उनके साथ ही तीन औऱ लोगों को भी जमानत दे दी है। विशेष सीबीआई न्यायाधीश एएस यादव ने कहा कि आरोपियों अमर उजाला के निदेशक अतुल माहेश्वरी, हर्षवर्धन लोढा, विकास शुक्ला और अंकुर चावला को 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके और दो जमानतों पर जमानत प्रदान की जाती है अदालत ने उनसे कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रभावित नहीं करें और बिना मंजूरी के देश से बाहर नहीं जाएं। अदालत ने आरोपियों को आरोपपत्र तथा अन्य दस्तावेजों की प्रति देने के लिए 6 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है। अन्य दो आरोपी वासुदेवन और अमर उजाला के कंपनी सचिव मनोज कुमार बंठिया को मामले में पहले ही जमानत दी जा चुकी है। अदालत ने इससे पहले आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए छह आरोपियों को सम्मन जारी किए थे। आरोपियों पर आईपीसी तथा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के अनेक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।शुरूआत में पिछले साल 23 नवंबर को दर्ज एक प्राथमिकी में आरोपियों के तौर पर वासुदेवन और बंठिया समेत तीन लोगों के नाम थे। बाद में हुई जांच में तीन अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आए। आरोपपत्र के अनुसार, " कंपनी लॉ बोर्ड, नई दिल्ली के तत्कालीन सदस्य को सीबीआई ने 23 नवंबर 2009 को उनके आधिकारिक आवास पर कंपनी सचिव से सात लाख रुपए की रिश्वत मांगते और इसे लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। बंठिया को भी कथित तौर पर रिश्वत देते वक्त पकड़ा गया। बोर्ड के सदस्य ने कथित तौर पर मामले में पक्ष में फैसला देने के लिए रिश्वत मांगी थी।