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10541 बस्तियों और 2968 पंचायतों को सड़क सुविधा प्रदान
राज्य में 10541 बस्तियों और 2968 ग्राम पंचायतों को वाहन योग्य मार्ग से जोड़ दिया गया है। गत 35 महीनों में प्रदेश में 2786 कि.मी. नई सड़कें और 185 पुल निर्मित किए गए हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज यहां लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि राज्य में 18946 बस्तियों में से 10541 और 3243 ग्राम पंचायतों में से 2968 को सड़क सुविधा प्रदान कर दी गयी है। राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 31507 कि.मी. है, जिसमें से 18835 कि.मी. लंबी सड़कें पक्की हैं। राज्य में कुल 1700 पुल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हाल ही में हुई भारी वर्षा से सड़क नेटवर्क को व्यापक क्षति पहुंची है और 6,53, 317 वर्गमीटर में पैच वर्क कार्य पूरा कर लिया गया है तथा 9292 कि.मी. लंबी नालियों की मुरम्मत कर दी गयी है। उन्होंने वर्तमान में उपलब्ध सड़क नेटवर्क को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन महत्वाकांक्षी सुरंग परियोजनाओं भुबूजोत, बंगाणा-धनेटा और होली-उत्तराला के निष्पादन के लिए छांटी गयी कंपनियों का वित्तीय आंकलन 14 दिसम्बर, 2010 को किया जाएगा, जिसके बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर कार्य आरंभ किया जाएगा, ताकि इसे समयबद्ध सीमा में पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पूरी तरह सजग है। उन्होंने कार्य निष्पादन एजेंसियों को निर्देश दिए कि वे मलबे को सड़कों के किनारे न डालें, बल्कि इसे प्रदेश में 1025 चिन्हित स्थानों पर डालें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थानों का चयन सड़कों के किनारे सुविधाएं सृजित करने के लिए किया गया है, जिसमें से 6 स्थानों की लंबाई 1000 मीटर से अधिक है, जबकि 59 स्थानों की लम्बाई 500 मीटर है। इन स्थानों पर सभी सुविधाएं सृजित की जाएंगी, ताकि पर्यटकों को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि राज्य में 536 ‘ब्लैक स्पाॅट’ चिन्हित किए गए हैं, जहां वर्ष 2014-15 तक स्टील क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे। इनकी स्थापना पर 100 करोड़ रुपये व्यय होंगे। इनमें से 25 की स्थापना की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि गत दो वर्षों में सड़कों के किनारे 5 लाख से अधिक पेड़ लगाए गए हैं।
प्रो. धूमल ने कहा कि पिंजौर-नालागढ़-कालका-परवाणु मार्ग को डबल लेन करने का कार्य प्रगति पर है, जबकि विश्व बैंक की सहायता से 322 करोड़ रुपये मूल्य की 168.78 कि.मी. लम्बी 10 सड़क परियोजनाओं का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला बिलासपुर में गरामोड़ा से लेकर मनाली तक सड़क को स्तरोन्नत कर डबल लेन बनाया जा रहा है और दूरी कम करने के लिए स्वारघाट के नीचे एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। कालका-शिमला मार्ग को फोर लेन करने का कार्य प्रगति पर है, जबकि पिंजौर-नालागढ़ सड़क परियोजना के कार्य में तेज़ी लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत कालका तथा शिमला के मध्य दूरी कम करने के उद्देश्य से कुछ सुरंगों का निर्माण भी प्रस्तावित है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बिलासपुर-स्वारघाट सड़क के सुधार और रखरखाव पर विशेष ध्यान दें, ताकि इस मार्ग पर भारी वाहनों की सुचारु आवाजाही सुनिश्चित बनाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने समर्पित सड़क निधि सृजित करने की आवश्यकता और राज्य में दूरियां घटाने के लिए अधिक सुरंगों के निर्माण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कुफरी बाईपास, हमीरपुर बाईपास, पालमपुर बाईपास, सुंदरनगर बाईपास, मनाली बाईपास, जोगिन्द्रनगर बाईपास और ठियोग बाईपास परियोजनाएं निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं और इन्हें समयबद्ध सीमा में पूरा किया जाएगा, ताकि शहरी क्षेत्रों में यातायात के दबाव को कम किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सड़कों पर बेकार पड़े वाहनों को हटाएं तथा अनाधिकृत रूप से इन्हें सड़कों के किनारे छोड़ने के लिए इनके मालिकों के विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे शहरी तथा स्थानीय निकायों द्वारा एकत्र किए गए प्लाॅस्टिक का उपयोग सड़क निर्माण में करें तथा निष्पादन एजेंसियों को समुचित मात्रा में श्रैडिंग मशीनें उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में प्लाॅस्टिक एकत्रित करने के लिए सभी विभागों की जबावदेही सुनिश्चित बनाई जाएगी। उन्होंने वर्षा के मौसम में सड़कों का रखरखाव सुनिश्चित बनाने पर विभाग की सराहना की। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि वे सड़कों के रखरखाव और मुरम्मत का कार्य समयबद्ध सीमा में पूरा करें।
लोक निर्माण मंत्री ठाकुर गुलाब सिंह ने कहा कि वर्षा के कारण प्रभावित सड़कों के रखरखाव को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में निर्धारित लक्ष्यों को हर हाल में पूरा किया जाएगा।
मुख्य सचिव श्रीमती राजवंत संधू ने विभाग के पास उपलब्ध श्रमशक्ति का सरकारी भवनों, आवासों की मुरम्मत के लिए समुचित उपयोग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विभाग में निर्धारित योग्यता पूरी करने वाले दैनिकभोगी कर्मचारियों की दक्षता में वृद्धि की जाएगी।
प्रधान सचिव लोक निर्माण डाॅ. पी.सी. कपूर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को विश्वास दिलाया कि विभाग निर्धारित लक्ष्यों को हर
हाल में पूरा करेगा।
प्रधान सचिव प्रशासनिक सुधार श्री टी.जी. नेगी, सचिव वित्त श्री के.के. पंत, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव डाॅ. अरुण शर्मा, विशेष सचिव लोक निर्माण श्री मोहन चैहान, इंजीनियर-इन-चीफ लोक निर्माण श्री एन.एल. शर्मा, इंजीनियर-इन-चीफ गुणवत्ता नियंत्रण श्री के.के. कम्पानी, मुख्य वास्तुकार श्री विजय उप्पल, सलाहकार योजना डाॅ. एस.के. शाद और विभाग के अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।