राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम की निर्यात गतिविधियों को बढ़ावा-किशन कपूर
हिमाचल के हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम ने अपने उत्पादों का निर्यात आरम्भ किया है जिससे हिमाचल प्रदेश के पारम्परिक हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पाद देश में लोकप्रियता हासिल करने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी पहचान बना रहे हैं।
उद्योग मंत्री श्री किशन कपूर ने यह जानकारी गत सायं यहां आयोजित हि.प्र. हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के निदेशक मण्डल की बैठक को सम्बोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इन पारम्परिक उत्पादों की मांग को पूरा करने के लिए प्रदेश के शिमला, धर्मशाला, मण्डी, नाहन, रिकांगपिओ, सोलन तथा चम्बा के अतिरिक्त राज्य से बाहर नई दिल्ली स्थित हिमाचल इम्पोरियम में बिक्री केन्द्र स्थापित किए हैं।
श्री कपूर ने कहा कि बाजार में इन हिमाचली उत्पादों की बढ़ती मांग के परिणामस्वरूप निगम ने गत एक वर्ष के दौरान अपने कारोबार को 628.88 लाख रुपये से बढ़ाकर 831.2 लाख रुपये कर आय में 202.12 लाख रुपये की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि निगम के उत्पादांे को आकर्षक एवं लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2009-10 के दौरान 490 व्यक्तियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया तथा इस वर्ष 465 व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
उद्योग मंत्री ने बाद में हिमाचल प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड तथा हि.प्र. राज्य लघु उद्योग एवं निर्यात निगम के निदेशक मंडलों की बैठकों को संबोधित करते हुए कहा कि निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए फील्ड कर्मियों के साथ नियमित रूप से बैठकें आयोजित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि निगम को लाभप्रद बनाने के लिए कर्मचारियों को पूरी निष्ठा व समर्पण की भावना से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हि.प्र. खादी एवं ग्रामोद्योग निगम ने अब तक 70 प्रतिशत लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य लघु उद्योग तथा निर्यात निगम के औद्योगिक शैडों की आबंटन प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सरल बनाया जा रहा है, ताकि निर्यात गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुश्री हरिन्द्र हीरा, सचिव वित्त श्री के.के. पंत, आयुक्त उद्योग श्री ओंकार शर्मा, हिमाचल प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रमेश कुमार शर्मा, राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री ललित मोहन तथा निगमों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
हिमाचल के हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम ने अपने उत्पादों का निर्यात आरम्भ किया है जिससे हिमाचल प्रदेश के पारम्परिक हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पाद देश में लोकप्रियता हासिल करने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी पहचान बना रहे हैं।
उद्योग मंत्री श्री किशन कपूर ने यह जानकारी गत सायं यहां आयोजित हि.प्र. हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के निदेशक मण्डल की बैठक को सम्बोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इन पारम्परिक उत्पादों की मांग को पूरा करने के लिए प्रदेश के शिमला, धर्मशाला, मण्डी, नाहन, रिकांगपिओ, सोलन तथा चम्बा के अतिरिक्त राज्य से बाहर नई दिल्ली स्थित हिमाचल इम्पोरियम में बिक्री केन्द्र स्थापित किए हैं।
श्री कपूर ने कहा कि बाजार में इन हिमाचली उत्पादों की बढ़ती मांग के परिणामस्वरूप निगम ने गत एक वर्ष के दौरान अपने कारोबार को 628.88 लाख रुपये से बढ़ाकर 831.2 लाख रुपये कर आय में 202.12 लाख रुपये की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि निगम के उत्पादांे को आकर्षक एवं लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2009-10 के दौरान 490 व्यक्तियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया तथा इस वर्ष 465 व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
उद्योग मंत्री ने बाद में हिमाचल प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड तथा हि.प्र. राज्य लघु उद्योग एवं निर्यात निगम के निदेशक मंडलों की बैठकों को संबोधित करते हुए कहा कि निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए फील्ड कर्मियों के साथ नियमित रूप से बैठकें आयोजित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि निगम को लाभप्रद बनाने के लिए कर्मचारियों को पूरी निष्ठा व समर्पण की भावना से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हि.प्र. खादी एवं ग्रामोद्योग निगम ने अब तक 70 प्रतिशत लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य लघु उद्योग तथा निर्यात निगम के औद्योगिक शैडों की आबंटन प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सरल बनाया जा रहा है, ताकि निर्यात गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुश्री हरिन्द्र हीरा, सचिव वित्त श्री के.के. पंत, आयुक्त उद्योग श्री ओंकार शर्मा, हिमाचल प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रमेश कुमार शर्मा, राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री ललित मोहन तथा निगमों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।