स्वास्थ्य मंत्री द्वारा स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्री डाॅ. राजीव बिन्दल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत इस वर्ष 21,622 रोगियों को 7,82,13707 रुपये का लाभ प्रदान किया गया, जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, मातृ सेवा योजना तथा विद्यार्थी स्वास्थ्य कार्यक्रम के उत्साहवर्द्धक परिणाम सामने आए हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्री आज यहां स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमन्त्री विद्यार्थी स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं मातृ स्वास्थ्य योजना के कार्यों की समीक्षा की गई।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने 15 अगस्त 2010 को मातृ सेवा योजना की घोषणा की थी, जिसके अन्तर्गत प्रदेश के 75 चिकित्सा संस्थानों को मातृ स्वास्थ्य सेवा योजना में शामिल किया गया। इन 75 चिकित्सा संस्थानों में से 73 चिकित्सा संस्थानों को प्रसव के लिए पूरी तरह से तैयार किया गया है। सरकार द्वारा गर्भवती माताओं को प्रसव के समय 600 रुपये की वित्तीय सहायता, औषधि इत्यादि की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों की महिलाओं को प्रसव के बाद 600 रुपये व 700 रुपये संतुलित एवं सम्पूर्ण आहार के लिए नगद दिए जा रहे हैं। गर्भवती महिला को घर से अस्पताल तक आने-जाने का किराया भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। सिजेरियन की अवस्था में 3000 रुपये तक की औषधी इत्यादि निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही प्रसव मातृ स्वास्थ्य योजना के उत्साहवर्धक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि नवम्बर, 2010 में प्रदेश में 9495 प्रसव हुए, जिनमें से 6339 संस्थागत् प्रसव और 3156 प्रसव घर में हुए। इस प्रकार 66.76 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए। जबकि अप्रैल 2010 में 53.76 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए। इस योजना के आरम्भ होने पर 13 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इन 75 संस्थानों में 25 संस्थानों को और जोड़कर 100 संस्थान प्रसव सुविधा के लिए पूरी तरह तैयार हो जायेंगे।
डाॅ. बिन्दल ने कहा कि विद्यार्थी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में 15045 स्कूलों में प्रारम्भिक स्क्रीनिंग का काम पूर्ण कर लिया गया है। प्रदेश में 2010 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हैं, जहां स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारियांे के विषय लिये जा
चुके हैं। प्रदेश सरकार ने राज्य के 4334 मिडल स्कूलों में क्लस्टर कैम्प लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रत्येक क्लस्टर कैंप में 12 लोग, जिनमें 2 डाॅक्टर, 1 आयुर्वेदिक डाॅक्टर, 1 डैन्टल डाॅक्टर, 1 डैन्टल मकेनिक, 1 लेबोरेटरी टेक्निशियन, 2 फार्मासिस्ट, 1 स्टाॅफ नर्स, 2 हेल्थ एजुकेटर जायेंगे। प्राइमरी स्कूल, हाई स्कूल और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के सभी बच्चों को इन क्लस्टर कैंप में बुलाकर उनकी सम्पूर्ण जांच की जायेंगी। 15 अगस्त 2010 को घोषित इस योजना के तहत अल्पावधि में स्क्रीनिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। 1047 स्कूलों में क्लस्टर कैंप लगाए गए हैं, जिनमें 30545 बच्चों को विभिन्न प्रकार की व्याधियों के उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंन्द्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भेजा गया और 30 जून तक यह क्लस्टर कैंप पूरे कर प्रदेश के सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण पूर्ण कर लिया जायेगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्री डाॅ. राजीव बिन्दल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत इस वर्ष 21,622 रोगियों को 7,82,13707 रुपये का लाभ प्रदान किया गया, जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, मातृ सेवा योजना तथा विद्यार्थी स्वास्थ्य कार्यक्रम के उत्साहवर्द्धक परिणाम सामने आए हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्री आज यहां स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमन्त्री विद्यार्थी स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं मातृ स्वास्थ्य योजना के कार्यों की समीक्षा की गई।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने 15 अगस्त 2010 को मातृ सेवा योजना की घोषणा की थी, जिसके अन्तर्गत प्रदेश के 75 चिकित्सा संस्थानों को मातृ स्वास्थ्य सेवा योजना में शामिल किया गया। इन 75 चिकित्सा संस्थानों में से 73 चिकित्सा संस्थानों को प्रसव के लिए पूरी तरह से तैयार किया गया है। सरकार द्वारा गर्भवती माताओं को प्रसव के समय 600 रुपये की वित्तीय सहायता, औषधि इत्यादि की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों की महिलाओं को प्रसव के बाद 600 रुपये व 700 रुपये संतुलित एवं सम्पूर्ण आहार के लिए नगद दिए जा रहे हैं। गर्भवती महिला को घर से अस्पताल तक आने-जाने का किराया भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। सिजेरियन की अवस्था में 3000 रुपये तक की औषधी इत्यादि निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही प्रसव मातृ स्वास्थ्य योजना के उत्साहवर्धक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि नवम्बर, 2010 में प्रदेश में 9495 प्रसव हुए, जिनमें से 6339 संस्थागत् प्रसव और 3156 प्रसव घर में हुए। इस प्रकार 66.76 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए। जबकि अप्रैल 2010 में 53.76 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए। इस योजना के आरम्भ होने पर 13 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इन 75 संस्थानों में 25 संस्थानों को और जोड़कर 100 संस्थान प्रसव सुविधा के लिए पूरी तरह तैयार हो जायेंगे।
डाॅ. बिन्दल ने कहा कि विद्यार्थी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में 15045 स्कूलों में प्रारम्भिक स्क्रीनिंग का काम पूर्ण कर लिया गया है। प्रदेश में 2010 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हैं, जहां स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारियांे के विषय लिये जा
चुके हैं। प्रदेश सरकार ने राज्य के 4334 मिडल स्कूलों में क्लस्टर कैम्प लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रत्येक क्लस्टर कैंप में 12 लोग, जिनमें 2 डाॅक्टर, 1 आयुर्वेदिक डाॅक्टर, 1 डैन्टल डाॅक्टर, 1 डैन्टल मकेनिक, 1 लेबोरेटरी टेक्निशियन, 2 फार्मासिस्ट, 1 स्टाॅफ नर्स, 2 हेल्थ एजुकेटर जायेंगे। प्राइमरी स्कूल, हाई स्कूल और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के सभी बच्चों को इन क्लस्टर कैंप में बुलाकर उनकी सम्पूर्ण जांच की जायेंगी। 15 अगस्त 2010 को घोषित इस योजना के तहत अल्पावधि में स्क्रीनिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। 1047 स्कूलों में क्लस्टर कैंप लगाए गए हैं, जिनमें 30545 बच्चों को विभिन्न प्रकार की व्याधियों के उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंन्द्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भेजा गया और 30 जून तक यह क्लस्टर कैंप पूरे कर प्रदेश के सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण पूर्ण कर लिया जायेगा।