ज्वालामुखी 30 दिसंबर (बिजेन्दर शर्मा) । मौसम की मार से ज्वालामुखी में चुनाव प्रचार बुरी तरह प्रभावित। आज दिन रही भारी बारिश बारी की वजह से लोग जहां घरों में दुबके रहे। वहीं चुनावी मैदान में डटे प्रत्याशी भी खुलकर प्रचार नहीं कर पाये। नगर पंचायत चुनावों के सिलसिले में इन दिनों चुनाव प्रचार पूरे यौवन पर है। मतदान तीन जनवरी को होना है। लेकिन प्रत्याशियों की धडकनें तेज हैं। जिस तरीके से अपने तूफानी दौरे के तहत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह यहां कांग्रेसी खेमे में जोश भर गये। वह जोश अभी तक भारतीय जनता पार्टी में नहीं आ पाया है। कांग्रेस प्रत्याशियों को जहां पार्टी आलाकमान की ओर से आर्थिक सहयोग मिला है ठीक इसके विपरीत भाजपा ऐसा अभी तक नहीं कर पाई है।
हालांकि नगर के अधिकतर वार्डों में भाजपा की स्थिती बेहतर है। नगर के वार्ड दो मालीवाडा मुहल्ला में भाजपा प्रत्याशी पूनम दत्त अपने प्रतिद्घंदी कांग्रेस की नीना से कहीं बेहतर स्थिती में है। यहां सीधा मुकाबला है। व एक ही बिरादरी के अधिकतर मतदाता हैं। लेकिन गोरख नाथ मठ के साधुओं के वोट प्र्रत्याशी की तकदीर तय करेंगे। यहां विकास को लेकर कोई बात नहीं हो रही।
ठीक इसके विपरीत वार्ड एक में भाजपा प्रत्याशी की हालत पतली है। यहां निर्दलीय प्रत्याशी हीरां बेगम कहीं बेहतर स्थिती में है। वार्ड तीन में कांग्रेस प्रत्याशी अशोक बबलू भले ही लोकप्रियता के मामले में आगे हों लेकिन यहां भाजपा प्रत्याशी जे पी को कहीं कमजोर नहीं माना जा सकता।
वार्ड चार में कांग्रेस से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे रमेश चंद के पक्ष में व्यापक लहर है। हालांकि भाजपा के किशन स्वरूप भी अपना जोर लगा रहे हैं। लेकिन वार्ड में ज्यादातर मतदाता दलित हैं। जाहिर है। वह रमेश चंद के साथ जायेंगे। कांग्रेस प्रत्याशी संजीव सूद भी हाथ पांव मार रहे हैं। लेकिन पहले उन्हें अपनी जमानत बचाने के लिये ही मशक्क त करनी पड रही है। वार्ड पांच में कांग्रेस के प्रत्याशी मंगल सेन की हालत सबसे खराब है। वह अभी कुछ ही दिन पहले सेना से रिटायर होकर आये हैं। यही वजह है कि उन्हें न तो मतदाता पहचान पारहे हैं। न ही वह अपने इलाके में घूम पा रहे हैं।भाजपा प्रत्याशी नंदीशवर यहां मजबूत हैं। यही हाल वार्ड छह में भाजपा प्रत्याशी रीना वर्मा का है। कांग्रेस की ओर से रामप्यारी कमजोर प्रत्याशी है। रीना की जीत लगभग निशिचत है। वार्ड सात में भाजपा प्रत्याशी स्वर्णा के सामने कोई चुनौती नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी वनीता भूषण यहां अपना अभियान शुरू नहीं कर पा रही हैं।
हालांकि नगर के अधिकतर वार्डों में भाजपा की स्थिती बेहतर है। नगर के वार्ड दो मालीवाडा मुहल्ला में भाजपा प्रत्याशी पूनम दत्त अपने प्रतिद्घंदी कांग्रेस की नीना से कहीं बेहतर स्थिती में है। यहां सीधा मुकाबला है। व एक ही बिरादरी के अधिकतर मतदाता हैं। लेकिन गोरख नाथ मठ के साधुओं के वोट प्र्रत्याशी की तकदीर तय करेंगे। यहां विकास को लेकर कोई बात नहीं हो रही।
ठीक इसके विपरीत वार्ड एक में भाजपा प्रत्याशी की हालत पतली है। यहां निर्दलीय प्रत्याशी हीरां बेगम कहीं बेहतर स्थिती में है। वार्ड तीन में कांग्रेस प्रत्याशी अशोक बबलू भले ही लोकप्रियता के मामले में आगे हों लेकिन यहां भाजपा प्रत्याशी जे पी को कहीं कमजोर नहीं माना जा सकता।
वार्ड चार में कांग्रेस से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे रमेश चंद के पक्ष में व्यापक लहर है। हालांकि भाजपा के किशन स्वरूप भी अपना जोर लगा रहे हैं। लेकिन वार्ड में ज्यादातर मतदाता दलित हैं। जाहिर है। वह रमेश चंद के साथ जायेंगे। कांग्रेस प्रत्याशी संजीव सूद भी हाथ पांव मार रहे हैं। लेकिन पहले उन्हें अपनी जमानत बचाने के लिये ही मशक्क त करनी पड रही है। वार्ड पांच में कांग्रेस के प्रत्याशी मंगल सेन की हालत सबसे खराब है। वह अभी कुछ ही दिन पहले सेना से रिटायर होकर आये हैं। यही वजह है कि उन्हें न तो मतदाता पहचान पारहे हैं। न ही वह अपने इलाके में घूम पा रहे हैं।भाजपा प्रत्याशी नंदीशवर यहां मजबूत हैं। यही हाल वार्ड छह में भाजपा प्रत्याशी रीना वर्मा का है। कांग्रेस की ओर से रामप्यारी कमजोर प्रत्याशी है। रीना की जीत लगभग निशिचत है। वार्ड सात में भाजपा प्रत्याशी स्वर्णा के सामने कोई चुनौती नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी वनीता भूषण यहां अपना अभियान शुरू नहीं कर पा रही हैं।