केन्द्र से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के नियमों में संशोधन का आग्रह
नई दिल्लीे..न्द्र द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के नियमों में संशोधन किया जाएगा, जिससे हिमाचल प्रदेश जैसा राज्य, जो कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक निवेश कर रहा है, इस योजना के अंतर्गत अनुदान के लिए स्वतः ही पात्र होगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार के साथ आयोजित एक बैठक के उपरान्त दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य द्वारा कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों पर कुल बजट का लगभग 12 प्रतिशत व्यय किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले कहीं अधिक है, जिसमें अधिक बजट प्रावधान करने की सम्भावनाएं बहुत कम हैं। उन्होंने कहा कि योजना आयोग ने माना है कि ऐसे राज्य जहां कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों में योजना आवंटन पहले ही 10 प्रतिशत तक पहुंच गया है, वे स्वतः ही राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए पात्र होंगे। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री का इस बारे में आग्रह को स्वीकार करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे राज्य जहां कृषि क्षेत्र में पहले ही अधिक आवंटन है, के लिए वर्ष दर वर्ष 50 प्रतिशत वृद्धि करने के आवंटन के मापदण्ड तर्कसंगत नहीं हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे राज्यों के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना सहायता को कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों की उनकी योजना के 50 प्रतिशत आवंटन के स्तर पर दिया जाए। उन्होंने आग्रह किया कि योजना आयोग पिछले वर्षों के आवंटन के लिए ‘बैंच मार्ग’ स्थापित करे ताकि यह सुनिश्चित बनाया जा सके कि ये राज्य अपने योजना आवंटन को कम न करे।
प्रो. धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक निजी सहभागिता के आधार पर शिमला जिला के पराला में आधुनिक सब्जी मण्डी के निर्माण की योजना बनाई है ताकि शिमला तथा किन्नौर जिलों के किसानों एवं बागवानों को लाभ मिल सके और वे अपने उत्पाद नजदीक की मण्डी में बेच सकें। उन्होंने कहा कि इस सब्जी मण्डी में नियंत्रित एवं वातानुकुलीत वातावरण तथा आधुनिक माप-तोल मशीने इत्यादि सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि इन सुविधाओं के सृजन के लिए 50 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाए ताकि मण्डी निर्माण का कार्य में तेजी लाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कृषि मंत्री से आग्रह किया कि एस.एस.पी. खाद की आपूर्ति के लिए खाद निर्माण कम्पनियों को आपूर्ति अन्य खादों की तरह हिमफैड के गोदामों में करने के निर्देश दें। उन्होंने मांग की कि एस.एस.पी. खाद की आपूर्ति बिलासपुर, कुल्लू तथा हमीरपुर के ‘नेशनल रेक पवांइट’ में की जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में खाद निर्माताओं द्वारा चण्डीगढ़ ‘रेल हैड’ पर ही आपूर्ति की जा रही है।
प्रो. धूमल ने कहा कि गरीबी रेखा से ऊपर रह रहे परिवारों को खाद्यान आवंटन पर्याप्त नहीं है, जिसे बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने केन्द्र सरकार से चावल के वर्तमान आवंटन को बढ़ाकर 21 हजार मीट्रिक टन करने का आग्रह किया तथा यह भी आग्रह किया कि अगस्त, 2010 से तदर्थ आवंटन को नियमित किया जाए ताकि प्रत्येक राशनकार्ड धारक को कम से कम 27 किलोग्राम खाद्यान बिना किसी बदलाव के दिया जा सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा केवल 7.43 लाख राशनकार्ड धारकों को खाद्यान आवंटित किया जा रहा है, जबकि राज्य में 10.97 लाख पंजीकृत राशनकार्ड धारक हैं। उन्होंने मांग की कि 10.97 लाख राशनकार्ड धारकों को प्रतिमाह 35 किलोग्राम प्रति राशनकार्ड की आपूर्ति के लिए 38395 मीट्रिक टन खाद्यान्न की आपूर्ति की जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान आवंटन केवल 21608 मीट्रिक टन है, जो प्रति राशनकार्ड 21 किलोग्राम प्रतिमाह बनता है। उन्होंने मांग की कि 73.89 लाख जनसंख्या को प्रतिमाह 700 ग्राम लेवी चीनी प्रति व्यक्ति उपलब्ध करवाने के लिए 5172 मीट्रिक टन लेवी चीनी प्रतिमाह की आपूर्ति की जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार मात्र 4704 मीट्रिक टन लेवी चीनी प्रतिमाह उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने खुला बाजार विक्रय योजना जैसी विशेष योजनाओं के अंतर्गत खाद्यान के आवंटन को जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विशेष योजनाओं के अंतर्गत समुचित मात्रा उठाई है तथा सभी राशनकार्ड धारकों को 112 रुपये प्रति पैक की दर से 10 किलोग्राम गेहूं का आटा उपलब्ध करवाया है, जिसे राज्य के आम नागरिकों को राहत मिली है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि केन्द्र राज्य की मांग के अनुसार पर्याप्त खाद्यान उपलब्ध करवायेगा तथा प्रदेश सरकार द्वारा रखी गई सभी मांगों पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
महाराष्ट्र माझा नामक एक वेबसाईट पे Most Corrupt Indian -२०१० के लिए मतदान चल रहा है, उसमे शरद पवार साहब को सब से ज्यादा वोट्स मिल रहे है, देखते है अखिर मैं कोन जितता है, भ्रष्टाचारी तो सब है लेकिन उन सबके बाप का खिताब जनता किसे देती है येह देखना रोमांचकारी होगा.
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