कला एवं साहित्य प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर का आईनाः मुख्यमंत्री

कला एवं साहित्य प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर का आईनाः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि कला एवं साहित्य ऐतिहासिक घटनाओं को परिदर्शित कर वर्तमान पीढ़ी को इसके महत्व का स्मरण करवाता है। मुख्यमंत्री आज यहां ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में कला, भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा नव वर्ष की पूर्व संध्या पर थियेटर समूह द्वारा प्रशिक्षित युवा कलाकारों द्वारा आयोजित संकल्प-2010 के अवसर पर बोल रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक गेयटी थियेटर को उसके वास्तविक वास्तु का रूप प्रदान किया है ताकि शहर के मध्य यह सांस्कृतिक गतिविधियों का केन्द्र बन सके। गत एक वर्ष के दौरान इस थियेटर में अनेक विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि युवा कलाकारों द्वारा कला एवं संस्कृति के प्रस्तुतिकरण से वह प्रभावित हुए जिन्होंने भारत की विविधता में एकता की संस्कृति को बखूबी प्रदर्शित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति समाज की सौहार्दपूर्ण तस्वीर की व्यवाख्या करती है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अपना योगदान देता है।

प्रो. धूमल ने थियेटर समूह को आश्वासन दिया कि शहर में सांस्कृतिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी।

निदेशक, भाषा, कला एवं संस्कृति डा. प्रेम शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा गेयटी थियेटर में आयोजित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।

सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी एवं लोक संस्कृति के प्रोत्साहक श्री एस.एन. जोशी ने भी सम्बोधित किया।

विधायक श्री सुरेश भारद्वाज, हिमुडा के उपाध्यक्ष श्री गणेश दत्त, भाजपा शिमला मण्डल के अध्यक्ष श्री राजेश शारदा, नगर निगम शिमला के आयुक्त श्री ए. एन. शर्मा, उपायुक्त श्री जे.एस. राणा, निदेशक पर्यटन डा. अरूण शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री सोनल अग्निहोत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थें

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