धर्मषाला, 06 दिसंबरः कांगड़ा लघु चित्रकला के संरक्षण बच्चों में इसके प्रति रूचि पैदा करने के लिये 15 से 18 वर्श की आयु के लिये भाशा एवं संस्कृति विभाग और इंडियन नेषनल ट्रस्ट फाॅर आर्ट एण्ड कल्चर के संयुक्त तत्वावधान में धर्मषाला कला संग्रहालय में दो दिवसीय कार्यषाला का आयोजन किया गया, जिसमें 7 स्कूलों के 35 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यषाला का षुभारंभ मुख्य सचिव श्रीमती राजवन्त सन्धु ने किया।
इस अवसर पर उपस्थित कलाप्रेमियों एवं विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा ने ‘गुलेर तथा ‘कांगड़ा षैली चित्रकला’ कला जगत में भारत को एक विषेश उपहार दिया है तथा इसके संरक्षण व उचित संग्रहण के लिये सरकारी प्रयासों के साथ-साथ कलाप्रेमियों को भी आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा लघु चित्रकला के प्रति बच्चों की रूचि बढ़ाने के उद्देष्य ऐसी कार्यषालाओं का आयोजन आवष्यक है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेष पर्यटन विकास निगम षीघ्र कांगड़ा एवं चम्बा पेंटिंग के ऐतिहासिक पहलुओं पर आधारित एक नया सर्किट - ‘‘पैंटर्स डिलाइट’’ आरंभ करने जा रहा है, जिससे पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर मालविका पठानिया, संयोजक इंटैक ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा इन्टैक के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर मण्डलायुक्त श्री संजय गुप्ता, निदेषक भाशा संस्कृति विभाग डाॅ. प्रेम षर्मा, संरक्षक कांगड़ा कला संग्रहालय श्री रमेष चन्द्रा, मेजर बीआर कंवर, एलएन अग्रवाल, सोम जयकारिया के अतिरिक्त कई कलाप्रेमी तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।