अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड की पांॅचवी बैठक
बिजयेन्दर शर्मा
धर्मशाला, 17 फरवरी......प्रदेश सरकार ने इस वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न सामाजिक कल्याण गतिविधियों पर 343 करोड़ रुपये व्यय कर रही है, ताकि प्रत्येक पात्र व्यक्ति को इसके दायरे में लाया जा सके। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज धर्मशाला में अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड की पांॅचवी बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अल्पसंख्यकों की संख्या 2,75,450 है, जो राज्य की कुल जनसंख्या का 4.44 प्रतिशत है। सभी समुदायों के लोग आपस में सौहार्दपूर्ण माहौल में रह रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश के तीव्र विकास में सहायता मिली है।
प्रो. धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए छात्रवृत्ति बारे प्रधानमंत्री के 15 सूत्रीय कार्यक्रमों को अपनाया है तथा शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे विद्यार्थियों को चिन्हित कर उनके आवेदनों को सीधे संबंधित विभाग को भेजें। इसे अमलीजामा पहनाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य मुख्यालय में राज्यस्तरीय समिति का गठन किया गया है, जबकि उपायुक्तों की अध्यक्षता में जिलास्तरीय समितियां गठित की गयी हैं। अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को 53 लाख रुपये की छात्रवृत्तियां प्रदान की गयी हैं। छात्राओं जा रही है तथा अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं को भी इस योजना के अंतर्गत लाया गया है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि उन्हें आबंटित लक्ष्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पड़ौसी राज्यों में सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी ‘जाति प्रमाणपत्र’ में ‘धर्म’ विशेष को दर्शाने के सम्बन्ध में अपनाई जा रही प्रक्रिया का अध्ययन करेगी। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभिन्न कब्रिस्तानों की पवित्रता व सुरक्षा को बनाए रखने के लिए प्रभावी पग उठाएं, ताकि समुदाय की भावनाओं को उचित सम्मान मिल सके। प्रदेश सरकार ने ऊर्दू तथा पंजाबी भाषा को पढ़ाने के लिए 100 स्कूल चिन्हित किए हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में तकनीकी प्रशिक्षण के माध्यम से दक्षता उन्नयन को बढ़ावा दिया जा रहा है तथा इसके लिए विश्व बैंक की सहायता से काज़ा तथा रिकांगपिओ में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों पर 2-2 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं।
प्रो. धूमल ने बोर्ड के गैर सरकारी सदस्यों द्वारा दिए गए बहुमूल्य सुझावों के लिए आभार व्यक्त किया तथा कहा कि उनके सुझावों से प्रदेश सरकार द्वारा तैयार कल्याणकारी योजनाओं में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि कल्याण बोर्ड के गठन का उद्देश्य समुदाय विशेष के विकास के लिए समुदाय के सदस्यों द्वारा सुझाव आमंत्रित करना है। बोर्ड की बैठकों के माध्यम से सदस्यों को प्रदेश सरकार के ध्यान में विभिन्न तथ्यों को लाने का अवसर भी मिल रहा है, जिससे समाज के लक्षित वर्ग को राहत प्रदान करने के लिए प्रभावी पग उठाए गए हैं।
गैर सरकारी सदस्यों ने कार्यसूची के विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया तथा समुदाय के विकास से सम्बन्धित मामलों को उठाने के लिए अवसर प्रदान करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्रीमती सरवीन चैधरी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार, समुदाय के सदस्यांे को स्वरोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए उदार ऋण उपलब्ध करवा रही है तथा इस वित्त वर्ष के दौरान 132 का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 85 व्यक्तियों को 1.07 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के सहयोग से रोजगार गारंटी के साथ दक्षता उन्नयन ‘सुजोग’ आरंभ की गयी है, जिसके अंतर्गत युवाओं को 6 माह का प्रशिक्षण एवं 1500 रुपये मासिक छात्रवृत्ति तथा संबंधित उद्योग में प्लेसमैंट सुविधा उपलब्ध करवायी जा रही है। अल्पसंख्यक विद्यार्थियों ‘मैरिट-कम मीन्स’ छात्रवृत्ति सुविधा भी उपलब्ध करवायी जा रही है, जिसके अंतर्गत 1464 को लाभान्वित कर, 5314 लाख रुपये वितरित किए गए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती सरोजिनी जी. ठाकुर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा धर्मशाला में बोर्ड की बैठक के आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया।
निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, श्री मनीष गर्ग ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। उन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया तथा आश्वासन दिया कि बैठक में लिए गए निर्णयों को अक्षरशः लागू किया जाएगा।
मुख्य सचिव 4श्रीमती राजवंत संधू, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, उपायुक्त, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा गैर सरकारी सदस्य भी बैठक में उपस्थित थे।
बिजयेन्दर शर्मा
धर्मशाला, 17 फरवरी......
बागवानी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री नरेन्द्र बरागटा ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री श्री कपिल सिब्बल से भेंट कर हिमाचल प्रदेश में आईआईआईटी खोलने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस संस्थान को खोलने के लिए 132 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस संस्थान को आरम्भ करने के लिए भूमि निःशुल्क उपलब्ध करवाएगी तथा राज्य सरकार अपने हिस्से की 35 प्रतिशत राशि खर्च करने को तैयार है।
श्री बरागटा ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने पहले ही इस संस्थान को खोलने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया था ताकि प्रदेश के युवाओं को फायदा हो सके।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के पश्चात शीघ्र ही इस संस्थान को आरम्भ करने का आश्वासन दिया है।