राज्यपाल श्रीमती उर्मिला सिंह ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न भागों में आयोजित होने वाले मेले और त्यौहार प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक हैं। उन्होंने प्रदेश की समृद्ध संस्कृति व परम्पराओं के संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि हिमाचल को विश्व भर में विशिष्ट संस्कृति के लिए जाना जाता है।
राज्यपाल आज मण्डी में सप्ताह भर चले अन्तर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए बोल रहीं थी।
श्रीमती उर्मिला सिंह ने कहा कि प्रदेश में मेलों व त्यौहारों का अपना विशेष महत्व है जो आपसी भाईचारे को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में धार्मिक दृष्टि से शिवरात्रि महोत्सव का अपनी अलग पहचान है। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न भागों के लोगों को आपस में मिलने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि देवी-देवताओं का हमारे समाज में विशेष स्थान है। उन्होंने शिवरात्रि मेला आयोजन समिति द्वारा 215 देवी-देवताओं को महोत्सव में बुलाने के प्रयासों की सराहना की।
राज्यपाल ने कहा कि शिवरात्रि महोेत्सव के दौरान लगाई गई प्रदर्शनी लोगों को राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में शुरू की गई विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों की जानकारी प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को महिला स्वंय सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की बिक्री के लिए विशेष कदम उठाने चाहिएं ताकि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सकंे।
इससे पूर्व श्रीमती उर्मिला सिंह ने श्री माधो राय और भूतनाथ मन्दिर में पूजा अर्चना की तथा जलेब शोभा यात्रा में भाग लिया।
राज्यपाल ने प्रदर्शनी मैदान में जाकर विभिन्न विभागों व अन्य संस्थाओं द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने खादी ग्रामोद्योग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में विशेष रूचि ली।
उन्होंने सांस्कृतिक संध्या में कैलाश खेैर द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम का आनन्द उठाया। उन्होंने टारणा देवी मन्दिर में पूजा अर्चना भी की।
राज्यपाल ने खेल व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए।
इस अवसर पर विधायक सर्व श्री अनिल शर्मा, प्रकाश चैधरी, मण्डलायुक्त मण्डी श्री अश्वनी कपूर, उपायुक्त डा. अमनदीप गर्ग व जिला के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।