वाशिंगटन, 8 नवंबर । अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक साल पहले
आधे अमेरिकियों का मानना है कि वर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा इस पद पर
दोबारा चुने जाने के काबिल नहीं हैं। वहीं 40 प्रतिशत लोग अब भी ऐसे हैं
जो ओबामा को दोबारा राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहते हैं। एक सर्वेक्षण
में यह खुलासा हुआ है। क्रिश्चन साइंस मॉनिटर/टीआईपीपी के सर्वेक्षण के
परिणाम सोमवार को जारी हुए। परिणामों के मुताबिक पार्टी विशेष के प्रति
आस्था न रखने वाले लोगों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति ओबामा में
अपना भरोसा खो दिया है लेकिन इतिहास गवाह है कि एक साल के समय में लोगों
की राय बदल भी सकती है। ओबामा कई मोर्चे पर असफल रहे हैं, जिसके
परिणामस्वरूप आम जनता की निगाह में उनका कद कम हुआ है। किसी पार्टी विशेष
में भरोसा न करने वाले 35 प्रतिशत मतदाता राष्ट्रपति चुनावों के परिणामों
को बदलने की ताकत रखते हैं। इन 35 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ओबामा को
दोबारा चुना जाना चाहिए दूसरी ओर 56 प्रतिशत लोग मानते हैं ओबामा को नहीं
चुना जाना चाहिए। 10 प्रतिशत लोग इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं हैं कि
ओबामा दोबारा राष्ट्रपति बनें अथवा नहीं। राजनीतिक पार्टियों की ओर रुझान
रखने वाले 40 प्रतिशत अमेरिकी ओबामा को चार साल और देना चाहते हैं, 50
प्रतिशत ऐसा नहीं चाहते जबकि छह प्रतिशत इसे लेकर सुनिश्चित नहीं हैं।
वहीं चार प्रतिशत इस प्रश्न का जवाब देने से इंकार करते हैं। राष्ट्रपति
पद के लिए 901 अमेरिकीयों के बीच सर्वेक्षण करने वाले टेक्नोमटेरिका
मार्केट इंटेलीजेंस के अध्यक्ष राघवन मयूर कहते हैं, "निर्दलीय रहने वाले
लोगों के वोट बहुत महत्वपूर्ण हैं। वे ओबामा के दोबारा चुनाव के लिए अहम
हो सकते हैं।" उन्होंने कहा, "यदि पार्टी विशेष के प्रति झुकाव न रखने
वाले लोगों में आपका समर्थन कम होता है तो यह वास्तव में चिंता का विषय
है।"
आधे अमेरिकियों का मानना है कि वर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा इस पद पर
दोबारा चुने जाने के काबिल नहीं हैं। वहीं 40 प्रतिशत लोग अब भी ऐसे हैं
जो ओबामा को दोबारा राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहते हैं। एक सर्वेक्षण
में यह खुलासा हुआ है। क्रिश्चन साइंस मॉनिटर/टीआईपीपी के सर्वेक्षण के
परिणाम सोमवार को जारी हुए। परिणामों के मुताबिक पार्टी विशेष के प्रति
आस्था न रखने वाले लोगों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति ओबामा में
अपना भरोसा खो दिया है लेकिन इतिहास गवाह है कि एक साल के समय में लोगों
की राय बदल भी सकती है। ओबामा कई मोर्चे पर असफल रहे हैं, जिसके
परिणामस्वरूप आम जनता की निगाह में उनका कद कम हुआ है। किसी पार्टी विशेष
में भरोसा न करने वाले 35 प्रतिशत मतदाता राष्ट्रपति चुनावों के परिणामों
को बदलने की ताकत रखते हैं। इन 35 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ओबामा को
दोबारा चुना जाना चाहिए दूसरी ओर 56 प्रतिशत लोग मानते हैं ओबामा को नहीं
चुना जाना चाहिए। 10 प्रतिशत लोग इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं हैं कि
ओबामा दोबारा राष्ट्रपति बनें अथवा नहीं। राजनीतिक पार्टियों की ओर रुझान
रखने वाले 40 प्रतिशत अमेरिकी ओबामा को चार साल और देना चाहते हैं, 50
प्रतिशत ऐसा नहीं चाहते जबकि छह प्रतिशत इसे लेकर सुनिश्चित नहीं हैं।
वहीं चार प्रतिशत इस प्रश्न का जवाब देने से इंकार करते हैं। राष्ट्रपति
पद के लिए 901 अमेरिकीयों के बीच सर्वेक्षण करने वाले टेक्नोमटेरिका
मार्केट इंटेलीजेंस के अध्यक्ष राघवन मयूर कहते हैं, "निर्दलीय रहने वाले
लोगों के वोट बहुत महत्वपूर्ण हैं। वे ओबामा के दोबारा चुनाव के लिए अहम
हो सकते हैं।" उन्होंने कहा, "यदि पार्टी विशेष के प्रति झुकाव न रखने
वाले लोगों में आपका समर्थन कम होता है तो यह वास्तव में चिंता का विषय
है।"