चिकित्सा अधिकारियों के 200 पद भरने की स्वीकृति


हि.प्र मंत्रिमंडल के निर्णय
चिकित्सा अधिकारियों के 200 पद भरने की स्वीकृति

विज्येंदर शर्मा शिमला ---हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की आज यहां आयोजित बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में चिकित्सा अधिकारियों के 200 पद भरने की स्वीकृति प्रदान की गई। इनमें से 125 पद स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त चिकित्सा अधिकारियों के लिए निर्धारित किए गए हैं, जबकि शेष 75 पदों पर एमबीबीएस डिग्री प्राप्त चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने बैठक की अध्यक्षता की।
मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य विभाग में रोगी कल्याण समितियों के माध्यम से पैरा मेडिकल स्टाफ के विभिन्न श्रेणियों का अनुबंध वेतन 40 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस प्रकार, वरिष्ठ कार्यशाला तकनीशियन को अब 7500 रुपये के बदले 10,500 रुपये प्रति माह, रेडियोग्राफर को 6825 रुपये के स्थान पर 9500 रुपये, आपरेशन थियेटर अटैंडेट को 4995 रुपये के स्थान पर 7000 रुपये, मेडिकल सोशल वर्कर को 8700 रुपये के स्थान पर 12,200 रुपये, चाईल्ड साइकॉलॉजिस्ट को 10,830 रुपये के स्थान पर 15,150 रुपये, फिजिक्स तकनीशियन को 7500 रुपये के स्थान पर 10,500 रुपये, बी.टी. हेल्थ विजिटर को 6000 रुपये से बढ़ाकर 9250 रुपये और फिजियोथरैपिस्ट को 8220 रुपये के स्थान पर 11,500 रुपये मिलेंगे।
पंचायती राज संस्थानों के अनुबंधित कर्मचारियों को 3 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि देने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में बजट में घोषणा की थी।
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम में अनुबंध आधार पर 142 चालकों की भर्ती की जाएगी। इसके अलावा, उन 16 आवेदकों को भी आयु सीमा में छूट देने का निर्णय लिया गया है, जो साक्षात्कार के समय इन पदों के लिए पात्र थे, लेकिन अब 45 वर्ष की आयु पार कर गए हैं।
मंत्रिमंडल ने स्नात्कोत्तर डाक्टरों के वेतन को बढ़ाने का निर्णय लिया है। प्रथमत वर्ष के विद्यार्थियों को अब 15 हजार के स्थान पर 25 हजार रुपये, द्वितीय वर्ष में 16 हजार के स्थान पर 27 हजार रुपये, तृतीय वर्ष में 17 हजार के स्थान पर 30 हजार रुपये प्रतिामह दिए जाएंगे। इसी प्रकार, प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष के वरिष्ठ रेजीडेंट (पोस्ट पी.जी) को क्रमशः 40 हजार, 42 हजार और 45 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाण्ंगे पहले उन्हें 35 हजार रुपये दिए जा रहे थे। राजकीय मेडिल एवं डेंटल कॉलेजों के इंटर्न की छात्रवृत्ति 5000 रुपये से बढ़ाकर 8000 रुपये प्रतिमाह करने को मंजूरी दी गई है।
आईजीएमसी, शिमला में ऑपरेशन थियेटर अटेंडेंट के 18 पद और न्यूरोलॉजिस्ट का एक पद भरने का भी निर्णय लिया गया है।
मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि सरकारी विभागों में करूणामूलक आधार पर रोजगार प्रदान करने के लिए विधवा व अनाथ आश्रितों को प्राथमिकता देने संबंधी प्रावधानों के अतिरिक्त 50 वर्ष से पूर्व जिस सरकारी कर्मचारी का निधन हो गया हो, उसकी विधवा अथवा आश्रित बच्चे को भी करूणामूलक आधार पर रोज़गार देने में प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे मामले में जहां मृतक सरकारी कर्मचारी की पारिवारिक पेंशन 3 हजार रुपये प्रतिमाह से कम हो, उस स्थिति में आश्रितों अथवा बच्चों को भी उसकी विधवा सहित प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा विभिन्न श्रेणियों के लाभार्थियों को सिलाई मशीनें खरीदने के लिए दिए जाने वाले अनुदान को 1300 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये किया गया है।
नियमित आधार पर कार्यरत सभी चिकित्सा अधिकारियों को प्रथम अप्रैल, 2012 से बीएसएनएल के सीयूजी प्लान के अन्तर्गत निर्धारित 350 रुपये द्विमासिक सैलफोन अदायगी करने को भी मंजूरी प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा अपने बजट भाषण में की थी।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर में विभिन्न श्रेणियों के 6 पद भरने और अलावा अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रगतिनगर, शिमला में निदेशक-प्रधानाचार्य की नियुक्ति को मंजूरी दी गई है।
मंत्रिमंडल ने प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के धार्मिक संस्थान के मामलों के प्रबन्धन के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि हिन्दूवाद के अनुरूप मंदिरों के प्रबन्धन, परिषदों के गठन, सुरक्षा प्रदान करने, ऑन लाईन पूजा एवं चढ़ावा, मंदिरों के इर्द-गिर्द अधिगृहित खाली स्थान के सदुपयोग और न्यासों एवं मंदिरों के लिए सरकार द्वारा अधिसूचित समान भर्ती एवं वेतन प्रदान किया जाएगा।
एचपीएमसी को पांच करोड़ रुपये के स्थान पर आठ करोड़ रुपये की राजकीय गारंटी देने का निर्णय लिया गया है।
नूरपुर में क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसियेशन को 30 वर्ष की अवधि के लिए भूमि पट्टे पर देने का निर्णय लिया गया है।
राज्य की शीर्ष समिति द्वारा प्रदेश में लोक मित्र केंद्रों को वापस लेने की सिफारिशें को स्वीकृत कर संशाधित प्रस्ताव के अनुरूप सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को एससीए के साथ अनुपूरक समझौते में उतारने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश टैक्स ऑन लग्जरीज (होटल एवं लॉजिंग हाउसिज) नियम 2012 के अन्तर्गत रिटर्न ई-फाईलिंग और ई अदायगी की सुविधा प्रदान करने, हिमाचल प्रदेश टेक्सटेशन (सड़क मार्ग द्वारा ढोये जाने वाले सामान) नियम 2012 और केन्द्रीय बिक्री कर (हिमाचल प्रदेश) नियम 1970 में घोषणा फार्म ऑन लाईन करने के लिए संशोधन को स्वीकृति दी।
आगामी वित्त वर्ष 2012-13 से जनहित में प्रदेश में समाचार पत्रों के प्रकाशन के लिए उपयोग में लाए जाने वाले न्यूज प्रिंट को प्रवेश कर से मुक्त बनाने को स्वीकृति प्रदान की गई है तथा अलौह धातुओं पर प्रवेश शुल्क दर को 1.4 प्रतिशत से घटाकर आधा प्रतिशत करने को भी मंजूरी दी गई है, जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने बजट में की थी।
प्रदेश के उत्पादकों, दूध संघों और सहकारी समितियों द्वारा तैयार एवं बेचे जाने वाली मिठाइयों और दूध उत्पादों पर वैट को 13.75 से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है। केन्द्रीय पुलिस कंटीन द्वारा केवल अपने सेवारत एवं पूर्व कर्मियों को बेचे जाने वाले सामान पर चार प्रतिशत रियायती वैट लगाने और जनता द्वारा मंदिरों एवं पूजा स्थलों के लिए संगमरमर से बनाई जाने वाली मूर्तियों पर छूट देने तथा सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादों वैट 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। बीड़ी पर वैट 9.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 11 प्रतिशत किया गया है। यह घोषणा भी मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में की थी।
यह निर्णय लिया गया है कि 'सी' और 'डी' श्रेणी के ऐसे ठेकेदार जिनका वार्षिक कारोबार 30 लाख रुपये है और जिन्होंने 3 प्रतिशत की दर पर टीडीएस का भुगतान किया है, उन्हें उस वर्ष की कोई भी रिटर्न नहीं भरनी होगी। ऐसे ठेकेदारों से पहले ही काटे गए कर को अंतिम माना जाएगा और उनके कर को पुनः मूल्यांकित करने की आवश्यकता नहीं होगी। ढाबे, कंटीन आदि चलाने वाले छोटे उद्यमियों की पंजीकरण और कर की अदायगी से छूट के लिए टर्न ओवर की सीमा को चार लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष किया गया है। इसकी घोषणा भी मुख्यमंत्री ने बजट में की थी।
हिप्र. नर्सिज पंजीकरण अधिनियम, 1977 के प्रावधानों को और कड़ा बनाने का निर्णय लिया गया है ताकि गैर पंजीकृत व्यक्ति अवैध कारोबार न चला सकें, अवैध रूप से पंजीकृत व्यक्तियों की सजा बढ़ाई जा सके और कारावास प्रावधान को 6 माह से बढ़ाकर 2 वर्ष किया जा सके। इससे उल्लंघन के मामलों में कमी लाई जा सकेगी और स्वास्थ्य संस्थानों मे बेहत सेवाएं उपलब्ध होंगी।
यह भी निर्णय लिया गया कि हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबन्धन नीति 2011 को राज्य में लागू किया जाएगा।
पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग में जिला पर्यटन विकास अधिकारियों के पांच पदों को उप-निदेशक के रूप में स्तरोन्नत व पुनःनामित करने को भी स्वीकृति दी गई।
हिमाचल प्रदेश में स्थापित निजी विश्वविद्यालयों नियमन को संशोधित करने की स्वीकृति दी गई।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग में जिला लोक सम्पर्क अधिकारी/ सूचना अधिकारी (श्रेणी-1, राजपत्रित) के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को संशोधित करने को मंजूरी दी गई है।
शिमला रोड यूजर्स एंड पैडेस्ट्रियन (पब्लिक सेफ्टी एंड कंवीनियंस) अधिनियम 2007 की धारा-18 के पैरा 2 के संशोधन को मंजूरी दी गई है।
वर्ष 2010-11 के लिए भारत के नियंत्रक एवं महालेखाकार की रिपोर्ट को स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया है और हिमाचल प्रदेश से सम्बन्धित रिपोर्ट को इसी विधानसभा सत्र के दौरान प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया है।






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