चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों रूपए के विकास कार्यों के लोकार्पण व शिलान्यास

वीरेन्द्र कंवर, बलबीर चौधरी व प्रवीण शर्मा ने जनसभाओं को संबोधत किया
ऊना, 21 अगस्त ( ) सीपीएस वीरेन्द्र कंवर ने आज चिंतपूर्णी़
विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों रूपए के विकास कार्यों केे लोकार्पण व
शिलान्यास किए। इन कार्यक्रमों में गगरेट के विधायक बलबीर चौधरी व प्रदेश
जल प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा भी उपस्थित थे। कंवर ने
जिंदपुर में 17 लाख की लागत से बनने वाले आयुर्वेदिक स्वास्थय केन्द्र के
भवन का शिलान्यास, गरानी खड्ड पर 1 करोड़ 69 लाख 76 हजार रूपए की लागत से
निर्मित होने वाले पुल का शिलान्यास करने के अलावा धर्मशाला महंता में
पीएचसी भवन, भरवाईं सीनीयर सकैंडर स्कूल के साईंस ब्लाक, कलरूही सीनियर
सकैंडरी स्कूल व मुबारिकपुर सीनियर सकैंडरी स्कूल के भवन, चौकीमन्यार में
सवा पांच की लागत से बने हाईड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के भवन व चौकीमन्यार में
ही 21 लाख की लागत से निर्मित सीनियर सकैंडरी स्कूल के अतिरिक्त कमरों
तथा बेहलन खड्ड पर 39 लाख की लागत से निर्मित पुल का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर जनसभाओं को संबोधित करते हुए वीरेन्द्र कंवर, बलबीर
चौधरी व प्रवीण शर्मा ने कहा हिमाचल प्रदेश में मु यमंत्री प्रो. प्रेम
कुमार धूमल के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने जहां विकास के नए कीर्तिमान
स्थापित किए हैं और इस अवधि में प्रदेश को 68 प्रतिष्ठित अवार्डों से
नवाजा गया है, वहीं केन्द्र की यूपीए सरकार ने देश की जनता को मंहगाई,
भ्रष्टाचार व घोटालों के सिवाए कुछ नहीं दिया है। उन्होंने कहा राज्य
सरकार सभी क्षेत्रों का एक समान संतुलित विकास सुनिश्चित बना रही है और
हर वर्ग के कल्याण के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं क्रियान्वित की जा
रही हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र को प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च
प्राथमिकता प्रदान प्रदान की है और हिमाचल प्रदेश न केवल शिक्षा हब के
रूप में उभरा है बल्कि गुणात्मक शिक्षा देने मेंं इसने देश के अन्य
राज्यों के सामने एक विशेष पहचान कायम की है। उन्होंने कहा कि गत साढ़े
चार वर्षों के दौरान प्रदेश में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में अनेक
शैक्षणिक संस्थान प्रदेश में स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा ऊ ना
जिला भी बड़ी तेजी से शिक्षा हब के रूप में भी उभर रहा है। जिला में इस
समय निजी क्षेत्र में खुले एक अंतराषर््ट्रीय विश्वविद्याालय व 2
इंजीनियरिंग कालेजों के अलावा 5 राजकीय महाविद्यालय, दो निजी क्षेत्र के
महाविद्यालय, एक संस्कृत महाविद्यालय, तीन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान,
एक सरकारी व निजी क्षेत्र का बहुतकनीकी प्रशिक्षण संस्थान , 94 राजकीय
वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, 47 उच्च विद्यालय, 116 माध्यमिक विद्यालय तथा
497 प्राथमिक पाठशालाएं कार्यरत हैं। उन्होंने कहा शिक्षा संस्थानों के
व्यापक नेटवर्क का ही यह परिणाम है कि यहां साक्षरता दर 88 प्रतिशत हो
चुकी है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार ने अनेक
महत्वाकांक्षी योजनाएं आरंभ की हैं जिनमें अटल स्कूल बर्दी योजना और
मैट्रिक परीक्षा में प्रदेश में टॉपर रहने वाले 4 हजार विद्यार्थियों को
लैपटॉप दिया जाना भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ऊना जिला में दसवीं
कक्षा में टॉपर रहने वाले 370 छात्र- छात्राओं को लैपटाप दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यह भी सुनिश्चित बना रही है कि प्रदेश में
सभी बच्चे स्कूल पढऩे जाएं, इसके लिए 'अटल स्कूल यूनिफार्म योजना' के तहत
सरकार 60 करोड़ रुपये खर्च करके चालू शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के सभी
सरकारी स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक के 10 लाख छात्रों को वर्ष
में दो बार यूनिफार्म मु त प्रदान कर रही है और सिलाई के रूप मेंं भी सौ-
सौ रूपए अलग से दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा जिला के लोगों को उनके घर द्वार तक स्वास्थय
सुविधाएं उपलब्ध करवाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा विशेष प्रयास किये जा
रहे हैं । जिला बनने से पूर्व यहां केवल 35 स्वास्थय संस्थान कार्यरत थे
जबकि आज इनकी सं या बढक़र 236 हो गई है, जिनमें 73 आयुर्वेदिक चिकित्सा
संस्थान भी शामिल हैं। उन्होंने कहा प्रदेश में आरंभ 'अटल स्वास्थ्य
सेवा' के तहत क्षेत्रीय अस्पताल, ऊना, सीएचसी, बंगाणा, हरोली, गगरेट तथा
दौलतपुर और पीएचसी, अ ब में ए बुलेंस प्रदान की गई हैं, जिसके माध्यम से
जि़लावासियों को नि:शुल्कसेवा प्रदान की जा रही है।
वीरेन्द्र कंवर, बलबीर चौधरी व प्रवीण शर्मा ने कहा कि ऊना जिला
को धूमल सरकार की सबसे बड़ी देन स्वां नदी का तटीकरण किया जाना रही है।
कभी दु:खों की नदी के नाम से मशहूर स्वां नदी के दोनों चरणों का तटीकरण
कार्य पूरा करवाने का श्रेय मु यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के
नेतृत्व में भाजपा सरकार को जाता है। उन्होंने कहा स्वां तटीकरण के प्रथम
चरण में झलेड़ा पुल से लेकर संतोषगढ़ पुल तक 16.67 कि0मी0 की ल बाई में
स्वां नदी का तटीकरण किया गया। जिसके तहत 2260 हैक्टेयर भूमि पुन: कृषि
योग्य बनाई गई तथा इस चरण पर कुल 74.95 करोड़ की राशि व्यय की गई। दूसरे
चरण के तहत गगरेट पुल से झलेड़ा पुल तक 28.34 कि0मी0 की ल बाई में तटीकरण
का कार्य किया गया तथा इसके अन्तर्गत 5000 हैक्टेयर भूमि पुन: कृषि योग्य
बनाई गई है।
BIJENDER SHARMA

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