पारदर्शी एवं उत्तरदायी प्रशासन की दिशा मेें सरकार के सार्थक प्रयास

पारदर्शी एवं उत्तरदायी प्रशासन की दिशा मेें सरकार के सार्थक प्रयास
विज्येंदर शर्मा
 धर्मशाला ---प्रदेश सरकार अपनी वचनवद्धता को पूरी करते हुए लोगों को पारदर्शी, संवेदनशील एवं उत्तरदायी सरकार सुनिश्चित करने के हर संभव प्रयास कर रही है। प्रदेश सरकार प्रशासन में कार्यकुशलता एवं पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से सूचना प्रौद्योगिकी को प्राथमिकता दे रही है। हिमाचल प्रदेश ई-गवर्नेंस में देश का अग्रणी राज्य बन कर उभरा है।
लोगों को जबावदेह, पारदर्शी एवं भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन प्रदान करने की वचनबद्धता को पूरा करने के लिए सरकार ने अनेक निर्णय लिए हैं। 'हिमाचल प्रदेश लोक सेवा गारंटी विधेयक, 2011' बनाकर विभिन्न विभागों को जन सेवाओं को निर्धारित समयावधि के भीतर प्रदान करने का प्रावधान किया गया है, इससे प्रशासन में जबावदेही एवं पारदर्शिता आएगी। अधिनियम के अंतर्गत सेवाओं में विलम्ब के लिए दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दंडित करने का प्रावधान करने के साथ-साथ उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी।
भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश विधानसभा के विगत मानसून सत्र में 'हिमाचल प्रदेश विशेष न्यायालय (सम्पत्ति की कुर्की और अधिहरण) विधेयक, 2011' पारित किया गया है। इसके अंतर्गत भ्रष्ट तरीकों से अर्जित सम्पत्ति को जब्त करने तथा दोषी को दंडित करने का प्रावधान किया गया है। ऐसे मामलों के त्वरित निपटारे के लिए प्रदेश में विशेष न्यायालयों की स्थापना की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश में वर्षों पूर्व लोकायुक्त की नियुक्ति कर दी गई है, लेकिन इस संस्थान को और सशक्त करने के उद्देश्य से, हाल ही में राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 'हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त विधेयक, 2012' पारित किया है। मुख्यमंत्री से लेकर पंचायत स्तर के सभी जन सेवकों को इसके दायरे में लाया गया है।
प्रदेश सरकार ने प्रमुख विभागों द्वारा विभिन्न वस्तुओं के प्रापण की निविदिा प्रक्रिया के लिए ई-निविदा प्रक्रिया को कार्यान्वित किया है। ई-प्रापण के माध्यम से विभिन्न विभागों द्वारा जारी की जाने वाली निविदाओं के मामले में दक्षता आएगी और कम्प्यूटर आधारित बोली मूल्यांकन सेवा से पेपर वर्क में कमी आएगी। इस प्रणाली से त्रृटियां नहीं होंगी और अधिक पारदर्शिता आएगी, जिससे भेदभाव समाप्त होगा।
लोगों की समस्याएं उनके घर द्धार पर ही हल हो जाएं, इसके लिए प्रशासन जनता के द्धार शिविर आयोजित किए जा रहे हैं जिनमें मुख्यमंत्री, मंत्रीमण्डल के अन्य सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारी प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में लोगों की समस्याएं हल करते हैं। यही नहीं लोगों की समस्याओं एवं शिकायतों को ई-समाधान के माध्यम से भी निपटाया जा रहा है। शिमला में 'जिओ-इन्फॉरमैटिक्स एण्ड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर' की स्थापना की गयी है, ताकि विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का विकेन्द्रीकृत नियोजन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन किया जा सके।
लोगों को बेहतर नागरिक सेवाएं प्रदान करने के लिए हिमाचल स्टेट वाइड एरिया (हिमस्वां) प्रोजेक्ट आरम्भ किया गया है। परियोजना के माध्यम से खण्ड स्तर तक नागरिक केन्द्रित सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
राज्य के किसानों को लाभान्वित करने के लिए 7 करोड़ की लागत से 'एग्रीसनेट' परियोजना आरम्भ की गई है। इस परियोजना के माध्यम से किसानों को कृषि के बारे में ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है। पोर्टल में कृषि, बागवानी, पशुपालन तथा मत्स्य पालन विभागों से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाई गई है।एग्रीसनेट परियोजना के तहत किसानों को सुरक्षित एवं सुदृढ़ नेटवर्क के माध्यम से कृषि व कृषि आदानों से संबंधित जानकारी मुहैया करवाने के लिए एक सतत डाटा बैंक तैयार किया जाएगा।
प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली एक अनूठा प्रयास है। इस परियोजना के तहत अस्पताल की गतिविधियों जैसे रोगी के पंजीकरण से लेकर अस्पताल से छुट्टी होने तक का रिकार्ड ऑनलाइन उपलब्ध होगा।
मण्डल, जिला, उप मण्डल तथा तहसील स्तर पर राजस्व न्यायालयों की सुविधा के लिए रेवेन्यू कोर्ट मानीटरिंग सॉफ्टवेयर विकसित किया गया  है। इस प्रणाली को मण्डलीय आयुक्त शिमला तथा राज्य के सभी राजस्व न्यायालयों में कार्यान्वित किया जा रहा है।
प्रदेश के जिला मुख्यालयों में 'स्टेट ऑफ द आर्ट' सुगम केन्द्र स्थापित स्थापित किए गए हैं। इनके माध्यम से लोगों को एक ही छत्त के नीचे कई प्रकार की जन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
BIJENDER SHARMA

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