शिमला, 31 दिसंबर
। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि महिलाओं एवं लड़कियों के विरूद्ध अपराध सहन नहीं किया जाएगा। पुलिस प्रशासन को यह सुनिश्चित बनाना होगा कि प्राथमिकी सूचना दर्ज हो और महिलाओं के विरूद्ध अपराध के दोषियों की जांच तेजी से पूरी की जाए। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी आज यहां अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों और विभिन्न बोर्डों एवं निगमों के प्रबन्ध निदेशकों के साथ आयोजित एक बैठक को सम्बोधित करते हुए दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति तीन महीने में एक बार बैठक करेगी जबकि जि़ला स्तर पर संबंधित उपायुक्तों की अध्यक्षता में जि़ला स्तरीय समिति माह में एक बार बैठक कर महिलाओं के विरूद्ध सभी मामलों और विभिन्न अधिकारियों द्वारा इस संबंध में की गई कार्यवाही की समीक्षा करेगी। प्रदेश के प्रत्येक पुलिस थाने और चौकी में कम से कम एक महिला आरक्षी तैनात की जाएगी ताकि वे पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाने आई पीडि़त महिला का ध्यान रख सकें। वीरभद्र सिंह ने निर्देश दिए कि प्रदेश में सभी स्तरों पर किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को सहन न किया जाए और भ्रष्टाचार के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। प्रदेश सरकार के लिए आम नागरिक का कल्याण एवं हित सर्वोपरि है तथा अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाना चाहिए कि लोगों को बिना किसी भेदभाव के दक्ष एवं प्रभावी सेवाएं उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि आपूर्तिकर्ताओं का पूर्ण भुगतान आर.टी.जी.एस. के माध्यम से किया जाएगा तथा ड्राफ्ट एवं चैक जारी नहीं किए जाऐंगे। सामाजिक न्याय विभाग द्वारा पैंशन के अतिरिक्त प्रदान किए जाने वाले व्यक्तिगत लाभ भी आर.टी.जी.एस. के माध्यम से लाभार्थी के बैंक अकांउट में भेजे जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि इन निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित बनाई जाए। वीरभद्र सिंह ने कहा कि ‘हाल ही नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय विकास परिषद् की बैठक में मैंने भारत सरकार से आग्रह किया था कि बड़ी जल विद्युत् परियोजनाओं की वन स्वीकृतियां राज्य स्तर पर प्रदान करने की शक्ति प्रदेश सरकार को दी जाए’। उन्होंने कहा कि सचिव वन हर महिने लम्बित पड़ी वन स्वीकृतियों की समीक्षा कर संबंधित विभागों से इस संबंध में समन्वय स्थापित करेंगे ताकि आपत्तियों का निराकरण कर एक साथ सभी दस्तावेज उपलब्ध करवाएं जाएं और वन स्वीकृति प्राप्त होने में हो रही देरी में कमी लाई जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने अधिकारियों से निष्पक्ष एवं भेदभाव रहित तरीके से स्थापित विधि से कार्य करने की अपेक्षा रखती है। अधिकारी आम जनता के सेवक हैं और उन्हें पूर्ण समर्पण और वफादारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। अधिकारी एवं कर्मचारी प्रदेश सरकार की रीढ़ हैं और उन्हीं के माध्यम से सरकार के जन कल्याणकारी कार्यक्रम कार्यान्वित किए जाते हैं।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि ‘‘मेरे ध्यान में आया है कि केन्द्र सरकार की कुछ परियोजनाओं के पूर्ण होने में देरी हो रही है। मैं मुख्य सचिव से आग्रह करता हूं कि वे विभागों के साथ नियमित बैठकें आयोजित कर इन परियोजनाओं का अनुश्रवण करें और इन्हें समयबद्ध सीमा में पूरा करवाएं’’। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में परियोजना अनुश्रवण इकाई स्थापित की जाएगी। प्रत्येक विभाग को वित्त वर्ष की प्रत्येक तिमाही के दिए गए भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों को हर हाल में प्राप्त करना होगा और इस संबंध में केन्द्र सरकार को प्रमाण पत्र भेजना सुनिश्चित बनाना होगा। अधिकारियों को केन्द्र सरकार से मिलने वाली राशि पर नजऱ रखनी होगी। हाल ही में त्वरित सिंचाई लाभ परियोजना का 200 करोड़ रुपये और केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग वेतनमान प्रतिपूर्ति का लगभग 200 करोड़ रुपये देय था। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन बड़ी सडक़ परियोजनाओं के निर्माण में देरी हो गई है उनका निर्माण कार्य शीघ्र पूरा किया जाए और जिन बड़ी परियोजनाओं का कार्य अभी आरम्भ नहीं हुआ है उन मामलों में लोक निर्माण विभाग दोषी ठेकेदारों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई अमल में लाए। खराब सडक़ों की मुरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग को यह सुनिश्चित बनाना होगा कि आवंटित धनराशि को किसी भी स्तर पर किसी अन्य कार्य में न लगाया जाए। यदि किसी एक विधानसभा क्षेत्र में विकास के लिए आवंटित धनराशि को किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र के लिए जारी किया गया तो अधिकारियों को इसके लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सदन की अवमानना भी मानी जाएगी। वीरभद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि विभागों को यह सुनिश्चित बनाना होगा कि न्यायालय में चल रहे मामलों के उत्तर समय पर दिए जाएं ताकि राज्य सरकार को देरी के लिए दोषी न ठहराया जाए। उन्होंने सभी सचिवों से आग्रह किया कि वह अपने विभागों में न्यायालयों में चल रहे मामालों के अनुश्रवण के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें। सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालयों में वित्तीय मामलों की अपील एवं उत्तर वित्त विभाग के परामर्श से ही तैयार किए जाने चाहिएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र को अपने नीतिगत दस्तावेज के रूप में अपनाया है और सभी विभागों को इसका समुचित कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे जन शिकायतों के निवारण को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करें। उन्होंने अधिकारियों से जन शिकायतें का निराकरण प्राथमिकता पर सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने निचले स्तर पर कार्यरत अधिकारियों सहित सभी अधिकारियों को समयबद्ध सीमा में जन शिकायतें निपटाने के लिए जागरूक बनाने पर बल दिया।
श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि जन शिकायतों के निवारण में सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग राज्य सरकार की प्राथमिकता होगी। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को लोगों के घर-द्वार पर सेवाएं लोकमित्र केन्द्रों के माध्यम से अधिक प्रभावी एवं दक्ष तरीके से पहुंचाने के लिए इन केन्द्रों को सशक्त करना होगा। उन्होंने इन केन्द्रों द्वारा अधिक से अधिक सेवाएं प्रदान करने के निर्देश दिए ताकि लोग इनसे लाभान्वित हो सकें और ये केन्द्र भी लाभ अर्जित कर सकें। इस प्रकार यह केन्द्र आत्मनिर्भर बन सकेंगे और ग्रामीण युवाओं को रोजग़ार के अवसर उपलब्ध करवाने में सक्ष्म होंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री द्वारा संबंधित अधिकारियों को भेजे गए संदर्भ को प्राथमिकता प्रदान कर इस बारे में दिए गए निर्देशों दस दिनों के भीतर कार्यवाही सुनिश्चित बनानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक पैकेज की अवधि बढ़ाने के प्रयास किए जायेंगे और केन्द्र सरकार के साथ इस मामले को उठाया जाएगा। वीरभद्र सिंह ने कहा कि उद्योग विभाग को राज्य में खन्न माफिया पर अंकुश लगाने के लिए तथा क्रशर मालिकों द्वारा अधिक दाम वसूलने में कमी लाने के लिए ठोस प्रस्ताव तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 45 प्रतिशत निर्यात सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों द्वारा किया जाता है देश में इन उद्योगों से पांच करोड़ लोग रोजग़ार प्राप्त करते हैं। उन्होंने उद्योग विभाग के अधिकारियों का आह्वान किया कि वे युवाओं को सूक्ष्म एवं लघु औद्योगिक इकाईयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि बेरोजग़ारी घट सकें। मुख्य सचिव श्री एस.रॉय ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें आश्वासन दिया कि दिए गए निर्देशों पर पूरी तरह कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा और निर्देशन में राज्य सरकार चुनावी दस्तावेज में किए गए वायदों को पूर्ण रूप से कार्यान्वित करेगी तथा दिए गए लक्ष्यों को समय पर पूरा करेगी। इससे पूर्व, दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म मामले की पीडि़ता को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।