उपचार में लापरवाही सहन नहीं: बाली
धर्मशाला, 01 दिसंबर (विजयेन्दर शर्मा) । सुरक्षित उपचार महत्वपूर्ण है तथा मरीजों के उपचार में चिकित्सकों द्वारा की गई लापरवाही किसी भी सूरत में सहन नहीं की जायेगी। चिकित्सकों को अपनी पूरी सक्षमता व ईमानदारी के साथ रोगियों का उपचार करना चाहिए। यह विचार परिवहन, खाद्य एवं आपूर्ति तथा उपभोक्ता मामले मंत्री श्री जीएस बाली ने आज डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद आयुर्विज्ञान संस्थान टान्डा में हिमगाइनोकोन द्वारा प्रसव कला एवं स्त्री रोग उपचार विषय पर आयोजित कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर पर उपस्थित चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए प्रकट किये। इस कार्याशाला में प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के करीब 250 चिकित्सकों ने भाग लिया ।
श्री बाली ने कहा कि अनुभवों का आदान-प्रदान करने तथा अद्यतन ज्ञान को प्राप्त करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन नितान्त आवश्यक है ताकि कार्य में दक्षता और कर्मचारियों की कुशलता में वृद्वि लाई जा सकें ।उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु चिकित्सा सेवा में प्रवीणता लाने और नवीन चिकित्सा ज्ञान को प्राप्त करने के लिए '' हिमगाइनोकोन'' द्वारा आयोजित कार्यशाला एक सराहनीय प्रयास है।उन्होने भविष्य में टान्डा में किसी भी विषय पर राष्ट्र्रीय स्तर की कार्यशाला का आयोजन करने का परामर्श दिया ।
उन्होने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में नि:शुल्क सुरक्षित प्रसव सुविधा उपलब्ध है। जननी सुरक्षा योजना के तहत माता व नवजात शिशु को अस्पताल से घर तक मुफ्त यात्रा सुविधा मुहैया की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद आयुर्विज्ञान संस्थान टान्डा में विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ किया किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांगडा में शीध्र ही देश में एमज जैसे उत्कृष्ट चिकित्सा संस्थाओं के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाओं को टान्डा मेडिकल कालेज में उपलब्ध करवाया जायेगा ताकि यहॉं पढऩे व पढ़ाने वाले चिकित्सकों को उनके अनुभवों व ज्ञान को सांझा करने की सुविधा मिल सकें ।
प्रधानाचार्य डॉ0 अनिल चौहान ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि संस्थान में करीब सात हजार प्रसव और दो हजार सिजेरियन के मामलों को, जो प्रदेश के अन्य संस्थानों की तुलना में सर्वाधिक है, सफलता से निपटाया गया हैं ।कार्यक्रम की आयोजन सचिव डॉ0 सीता ठाकुर ने कार्यशाला में चर्चा किये जाने वाले विषयों की जानकारी दी ।
संस्थान के स्त्री रोग विभाग के प्रमुख डॉ0 सुरेश वर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा । कार्यशाला में चिकित्सा शिक्षा, पूर्व निदेशक डॉ0 रितू सरीन, कमला नेहरू चिकित्सालय, शिमला के स्त्री रोग विभाग प्रमुख डॉ0 सन्तोष मिन्हास व प्रोफेसर डॉ0 अनिता पाल, टान्डा मेडिकल कालेज में स्त्री रोग विभाग के प्रमुख डॉ0 सुरेश वर्मा एवं प्रो0 डॉ0 सीता ठाकुर, गुरू तेगबाहदुर होस्पिटल, नई दिल्ली के डॉ0 किरण गुलेरिया तथा मेडिकल कालेज सोनीपत, हरियाणा के प्रो0 एवं प्रमुख डॉ0 राजीव महीन्द्रू ने प्रसव कला एवं स्त्री रोग उपचार विषयों में अपने व्ख्यान दिये ।
--00--
धर्मशाला, 01 दिसंबर (विजयेन्दर शर्मा) । सुरक्षित उपचार महत्वपूर्ण है तथा मरीजों के उपचार में चिकित्सकों द्वारा की गई लापरवाही किसी भी सूरत में सहन नहीं की जायेगी। चिकित्सकों को अपनी पूरी सक्षमता व ईमानदारी के साथ रोगियों का उपचार करना चाहिए। यह विचार परिवहन, खाद्य एवं आपूर्ति तथा उपभोक्ता मामले मंत्री श्री जीएस बाली ने आज डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद आयुर्विज्ञान संस्थान टान्डा में हिमगाइनोकोन द्वारा प्रसव कला एवं स्त्री रोग उपचार विषय पर आयोजित कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर पर उपस्थित चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए प्रकट किये। इस कार्याशाला में प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के करीब 250 चिकित्सकों ने भाग लिया ।
श्री बाली ने कहा कि अनुभवों का आदान-प्रदान करने तथा अद्यतन ज्ञान को प्राप्त करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन नितान्त आवश्यक है ताकि कार्य में दक्षता और कर्मचारियों की कुशलता में वृद्वि लाई जा सकें ।उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु चिकित्सा सेवा में प्रवीणता लाने और नवीन चिकित्सा ज्ञान को प्राप्त करने के लिए '' हिमगाइनोकोन'' द्वारा आयोजित कार्यशाला एक सराहनीय प्रयास है।उन्होने भविष्य में टान्डा में किसी भी विषय पर राष्ट्र्रीय स्तर की कार्यशाला का आयोजन करने का परामर्श दिया ।
उन्होने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में नि:शुल्क सुरक्षित प्रसव सुविधा उपलब्ध है। जननी सुरक्षा योजना के तहत माता व नवजात शिशु को अस्पताल से घर तक मुफ्त यात्रा सुविधा मुहैया की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद आयुर्विज्ञान संस्थान टान्डा में विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ किया किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांगडा में शीध्र ही देश में एमज जैसे उत्कृष्ट चिकित्सा संस्थाओं के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाओं को टान्डा मेडिकल कालेज में उपलब्ध करवाया जायेगा ताकि यहॉं पढऩे व पढ़ाने वाले चिकित्सकों को उनके अनुभवों व ज्ञान को सांझा करने की सुविधा मिल सकें ।
प्रधानाचार्य डॉ0 अनिल चौहान ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि संस्थान में करीब सात हजार प्रसव और दो हजार सिजेरियन के मामलों को, जो प्रदेश के अन्य संस्थानों की तुलना में सर्वाधिक है, सफलता से निपटाया गया हैं ।कार्यक्रम की आयोजन सचिव डॉ0 सीता ठाकुर ने कार्यशाला में चर्चा किये जाने वाले विषयों की जानकारी दी ।
संस्थान के स्त्री रोग विभाग के प्रमुख डॉ0 सुरेश वर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा । कार्यशाला में चिकित्सा शिक्षा, पूर्व निदेशक डॉ0 रितू सरीन, कमला नेहरू चिकित्सालय, शिमला के स्त्री रोग विभाग प्रमुख डॉ0 सन्तोष मिन्हास व प्रोफेसर डॉ0 अनिता पाल, टान्डा मेडिकल कालेज में स्त्री रोग विभाग के प्रमुख डॉ0 सुरेश वर्मा एवं प्रो0 डॉ0 सीता ठाकुर, गुरू तेगबाहदुर होस्पिटल, नई दिल्ली के डॉ0 किरण गुलेरिया तथा मेडिकल कालेज सोनीपत, हरियाणा के प्रो0 एवं प्रमुख डॉ0 राजीव महीन्द्रू ने प्रसव कला एवं स्त्री रोग उपचार विषयों में अपने व्ख्यान दिये ।
--00--